हैल्महोल्ट्ज कुण्डलियाँ क्या है ( Helnhottz Coils in hindi ):
दो वृत्ताकार कुंडलियां जो समान अक्ष पर स्थित हो , जिनका आकार समान हो , दोनों कुंडलियों के मध्य की दुरी उनकी त्रिज्या के बराबर हो तथा दोनों कुण्डलियों में समान धारा समान दिशा में प्रवाहित हो रही हो , इस प्रकार के कुंडलियों के युग्म को हेल्महोल्ट्ज कुण्डलिया कहते है।
जहाँ एक समान चुम्बकीय क्षेत्र की आवश्यकता होती है वहां हेल्महोल्ट्ज कुण्डलियों का उपयोग किया जाता है क्योंकि दोनों कुण्डलियों के मध्य में उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र का मान समान होता है यहाँ समान का तात्पर्य नियत से है। अतः नियत चुंबकीय क्षेत्र प्राप्त करने के लिए हेल्महोल्ट्ज कुण्डलिया बहुतायत से प्रयोग में आने वाली युक्ति है।
चित्रानुसार दोनों कुंडलियाँ एक ही स्टैण्ड पर लगी होती है जिससे इनको सेट करने में परेशानी न आये तथा दोनों के मध्य चुम्बकीय क्षेत्र का मान नियत बना रहे |
चित्र में आप यह भी देख सकते है की दोनों हैल्महोल्ट्ज कुण्डलियाँ समान्तर तल में स्थित है व आपस में श्रेणी क्रम में जुडी हुई है , दोनों श्रेणीक्रम में इसलिए जुडी होती है ताकि दोनों कुंडलियों में समान परिमाण भी धारा समान दिशा में प्रवाहित हो सके।
हेल्महोल्ट्ज कुण्डलियों के मध्य भाग में उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र (magnetic field due to Helnhottz Coils)
चूँकि दोनों कुंडलियों द्वारा कुण्डली के मध्य में उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का मान परिमाण में समान होता है अतः दोनों कुंडलियों के मध्य में कुल चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण दोनों कुण्डलियों द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्रों के सदिश योग के बराबर होता है।
एक हैल्महोल्ट्ज कुण्डली के कारण मध्य में उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र का मान
चूँकि दोनों हैल्महोल्ट्ज कुण्डलियाँ परिमाण में समान चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है अतः दूसरी कुण्डली के कारण भी इतना ही चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होगा अतः दोनों कुंडलियों के मध्य उत्पन्न कुल चुम्बकीय क्षेत्र का मान 2B होगा अतः
हेल्महोल्ट्ज कुण्डलियों के मध्य भाग में उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र
Remark:
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