आवेशों के निकाय के कारण विद्युत विभव क्या है
आवेशों के निकाय के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता सभी आवेशों के कारण उत्पन्न विद्युत क्षेत्र के सदिश योग के बराबर होता है अर्थात हमने सभी आवेशों द्वारा उत्पन्न विद्युत क्षेत्र की तीव्रता अलग अलग ज्ञात किया था और सभी का सदिश योग किया था। हमने यहाँ सदिश योग इसलिए किया था क्योंकि विद्युत क्षेत्र की तीव्रता एक सदिश राशि है।

लेकिन विद्युत विभव अदिश राशि है अतः किसी बिंदु पर विद्युत विभव का मान सभी आवेशों के कारण अलग अलग उत्पन्न विद्युत विभव के अदिश योग के बराबर होता है। अर्थात मान लीजिये किसी बिंदु पर आवेशों के निकाय के कारण विद्युत विभव ज्ञात करना है तो उस बिंदु पर सभी आवेशों के कारण अलग अलग विभव का मान ज्ञात करेंगे और उसके बाद सभी का अदिश योग करने से उस बिंदु पर सभी आवेशों के निकाय के कारण विद्युत विभव का मान प्राप्त होता है। चित्रानुसार n आवेशों का निकाय (समूह) है , आवेशों के द्वारा उत्पन्न विद्युत क्षेत्र में एक बिंदु P है , P बिंदु पर हमें इन n आवेशों के कारण विद्युत विभव का मान ज्ञात करना है , P से आवेशों q1 , q2 , q3 …qn के मध्य की दुरी क्रमशः r1 , r2 , r3 ….rn है। तो P बिंदु पर अलग अलग आवेशों के कारण उत्पन्न विद्युत विभव का मान सभी आवेशों के कारण उत्पन्न विभव के बीजगणितीय योग के बराबर होगा। कुल विभव (V) = V1 + V2 + V3 …. +Vn

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