फ्लेमिंग का दायें हाथ का नियम

हमने फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण नियम में देखा की कुंडली तथा चुम्बक के आपस में गति करने से प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है तथा इस वि.वा.बल के कारण प्रेरित विद्युत धारा भी उत्पन्न हो जाती है . चुम्बकीय प्रेरण के कारण उत्पन्न इस प्रेरित विद्युत धारा की दिशा का मान ज्ञात करने के लिए फ्लेमिंग का दायें हाथ का नियम प्रयोग किया जाता है।

फ्लेमिंग के दायें हाथ के नियम के अनुसार ” दायें हाथ की तर्जनी , मध्य अंगुली तथा अंगूठे को इस प्रकार फैलाया जाए की ये तीनो एक दूसरे के लंबवत हो तथा तर्जनी अंगुली चुम्बकीय क्षेत्र की तरफ हो , तथा अंगूठा चालक की गति की दिशा को दर्शाए तो माध्यिका प्रेरित विद्युत धारा को प्रदर्शित करेगी “

इसे ही फ्लेमिंग का दाये हाथ का नियम कहते है।

जैसा चित्र में दिखाया गया है की अंगूठा चालक की दिशा की तरफ किया हुआ है तथा तर्जनी अंगुली को चुंबकीय क्षेत्र की तरफ।  तो माध्यिका अंगुली की दिशा प्रेरित धारा की दिशा में होगी।

Remark:

दोस्तों अगर आपको इस Topic के समझने में कही भी कोई परेशांनी हो रही हो तो आप Comment करके हमे बता सकते है | इस टॉपिक के expert हमारे टीम मेंबर आपको जरूर solution प्रदान करेंगे|

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top