आयतनिक आवेश घनत्व | आवेश का आयतन घनत्व सूत्र | विमा | मात्रक

आयतनिक आवेश घनत्व (Volume charge density in Hindi) :

जब आवेश का वितरण वस्तु के आयतन में होता है तो प्रति एकांक आयतन आवेश की मात्रा को आवेश का आयतन घनत्व कहते है।

यदि q आवेश किसी वस्तु के V आयतन में समान रूप से वितरित हो तो आवेश का आयतन घनत्व –

आयतन आवेश घनत्व p = आवेश/आयतन

p = q/V

आयतनिक आवेश घनत्व (p) का मात्रक =  कूलाम/मीटर3 (Cm-3) होता है।

उदाहरण : यदि q आवेश R त्रिज्या के एक गोले में समान रूप से वितरित हो तो गोले में आवेश का आयतन घनत्व = q/(4πR3/3) होगा।

  • एक धन आवेशित वस्तु A , वस्तु B को आकर्षित करती है , तब वस्तु B पर आवेश हो सकता है ?

(क) धनात्मक

(ख) शून्य Ture

(ग) ऋणात्मक True

(घ) कह नहीं सकते

Ques : पाँच गेंद A, B , C , D और E को एक परिक्षण में उपयोग किया जाता है , गेंदों पर कई परिक्षण किये जाते है और परिक्षण के निम्न परिणाम प्राप्त किये जाते है |

(1) गेंद A , C को प्रतिकर्षित और B को आकर्षित करती है |

(2) गेंद D , B को आकर्षित तथा E पर कोई फर्क नहीं डालती |

(3) एक ऋणात्मक छड A तथा E को आकर्षित करती है |

आपकी जानकारी के लिए एक उदासीन गेंद आवेश प्रेरण के लिए संवेदनशील है और आकर्षित होती है , यदि आवेशित वस्तु के पास रखा जाए | प्रत्येक गेंद पर गति आवेश है तो कौनसा ऑप्शन सही है ?

 ABCDE
(क)++0+
(ख)+++0
(ग)++00
(घ)+00

Ans :  दिए गए कथन (1) से क्योंकि A , C को प्रतिकर्षित करती है इसलिए A व C पर समान आवेश होना चाहिए या तो दोनों धनात्मक या दोनों ऋणात्मक होगी | क्योंकि A , B को आकर्षित करता है अत: B पर A का विपरीत आवेश हो सकता है या B उदासीन हो सकता है |

दिए गए कथन (2) से क्योंकि D , E पर कोई प्रभाव नहीं डालता अत: D व E दोनों उदासीन होनी चाहिए तथा क्योंकि B , D को आकर्षित करती है अत: B आवेशित होनी चाहिए तथा D उदासीन होनी चाहिए |

दिए गए कथन (3) से , एक ऋणात्मक आवेशित छड A को आकर्षित करती है अत: A पर धन आवेश होना चाहिए और कथन (1) से C भी धन आवेशित होनी चाहिए एवं B , ऋण आवेशित होनी चाहिए |

Ques : क्या कूलाम का नियम न्यूटन के गतिविषयक तृतीय नियम का पालन करता है ?

Ans : हाँ , कूलाम का नियम न्यूटन के गतिविषयक तृतीय नियम का पालन करता है | दो आवेश एक दुसरे पर बराबर एवं विपरीत बल लगाते है |

Ques : भवन की चोटी पर लगी नुकीली छड तड़ित आघातों से भवन की सुरक्षा किस प्रकार करती है ?

Ans : जब कोई आवेशित बादल भवन के ऊपर से गुजरता है तो वह प्रेरण द्वारा छड़ के उपरी सिरे पर विपरीत आवेश उत्पन्न कर देता है | चूँकि नुकीले सिरे पर आवेश का पृष्ठ घनत्व बहुत अधिक होता है अत: यह आवेश शीघ्रता से विसर्जित होकर बादलों के विपरीत आवेश को निष्प्रभावी कर देता है |

Remark:

दोस्तों अगर आपको इस Topic के समझने में कही भी कोई परेशांनी हो रही हो तो आप Comment करके हमे बता सकते है | इस टॉपिक के expert हमारे टीम मेंबर आपको जरूर solution प्रदान करेंगे|

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