Watch Kise Kahate Hain

Watch Kise Kahate Hain: हेलो स्टूडेंट्स, आज हमने यहां पर वाच्य की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण के बारे में विस्तार से बताया है।Watch Kise Kahate Hainयह हर कक्षा की परीक्षा में पूछा जाने वाले यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।

Watch Kise Kahate Hain

‘वाच्य’ शब्द का शब्दार्थ होता है – ‘बोलने का विषय’।Watch Kise Kahate Hain हिन्दी व्याकरण के अनुसार वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के जिस रूप से यह बोध हो कि क्रिया का मुख्य विषय – कर्ता, कर्म या भाव में से कौन है, उसे वाच्य कहते हैं ।

हिंदी व्याकरण में वाच्य के तीन भेद होते है

  • कर्तृवाच्य
  • कर्मवाच्य
  • भाववाच्य

(1) कर्तृवाच्य (Active Voice)- क्रिया के उस रूपान्तर को कर्तृवाच्य कहते हैंWatch Kise Kahate Hain, जिससे वाक्य में कर्ता की प्रधानता का बोध हो।

सरल शब्दों में- क्रिया के जिस रूप में कर्ता प्रधान हो, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं।

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उदाहरण के लिए-

  • रमेश केला खाता है।
  • दिनेश पुस्तक पढ़ता है।

उक्त वाक्यों में कर्ता प्रधान है तथा उन्हीं के लिए ‘खाता है’ तथा ‘पढ़ता है’ क्रियाओं का विधान हुआ है, इसलिए यहाँ कर्तृवाच्य है।

(2) कर्मवाच्य (Passive Voice)- क्रिया के उस रूपान्तर को कर्मवाच्य कहते Watch Kise Kahate Hainहैं, जिससे वाक्य में कर्म की प्रधानता का बोध हो।

सरल शब्दों में- क्रिया के जिस रूप में कर्म प्रधान हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं।

उदाहरण के लिए-

  • कवियों द्वारा कविताएँ लिखी गई।
  • रोगी को दवा दी गई।
  • उससे पुस्तक पढ़ी गई।

उक्त वाक्यों में कर्म प्रधान हैं तथा उन्हीं के लिए ‘लिखी गई’, ‘दी गई’ तथा ‘पढ़ी गई’ क्रियाओं का विधान हुआ है, अतः यहाँ कर्मवाच्य है।

यहाँ क्रियाएँ कर्ता के अनुसार रूपान्तररित न होकर कर्म के अनुसार परिवर्तित हुई हैंWatch Kise Kahate Hain। यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि अँगरेजी की तरह हिन्दी में कर्ता के रहते हुए कर्मवाच्य का प्रयोग नहीं होता; जैसे- ‘मैं दूध पीता हूँ’ के स्थान पर ‘मुझसे दूध पीया जाता है’ लिखना गलत होगा। हाँ, निषेध के अर्थ में यह लिखा जा सकता है- मुझसे पत्र लिखा नहीं जाता; उससे पढ़ा नहीं जाता।

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(3) भाववाच्य (Impersonal Voice)- क्रिया के उस रूपान्तर को भाववाच्य कहते हैंWatch Kise Kahate Hain, जिससे वाक्य में क्रिया अथवा भाव की प्रधानता का बोध हो।

दूसरे शब्दों में- क्रिया के जिस रूप में न तो कर्ता की प्रधानता हो न कर्म की, बल्कि क्रिया का भाव ही प्रधान हो, वहाँ भाववाच्य होता है।

उदाहरण के लिए-

  • मोहन से टहला भी नहीं जाता।
  • मुझसे उठा नहीं जाता।
  • धूप में चला नहीं जाता।

उक्त वाक्यों में कर्ता या कर्म प्रधान न होकर भाव मुख्य हैं, अतः इनकी क्रियाएँ भाववाच्य का उदाहरण हैं।

आर्टिकल में अपने पढ़ा कि वाच्य किसे कहते हैं, हमे उम्मीद है कि ऊपर दी गयी जानकारी आपको आवश्य पसंद आई होगी। इसी तरह की जानकारी अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करे ।

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