उपसर्ग की परिभाषा, भेद, उदाहरण | Upsarg in Hindi

हेलो स्टूडेंट, हम आपको इस आर्टिकल में हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण अध्याय उपसर्ग की परिभाषा, भेद, उदाहरण आदि के बारे में बताया गया है | इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़े | Upsarg in Hindi में पढ़े |

उपसर्ग की परिभाषा – Upsarg Ki Paribhasha:

जो सार्थक शब्दों से पहले जुड़कर उनके अर्थ को बदल देते हैं या उनकी विशेषता प्रकट करते हैं उन्हें उपसर्ग कहते हैं |

उपसर्ग के भेद – Upsarg Ke Bhed:

1. संस्कृत उपसर्ग

2. हिन्दी उपसर्ग

3. फारसी उपसर्ग

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1. संस्कृत उपसर्ग – Sanskrit Ke Upsarg:

      उपसर्ग                                         उदाहरण

प्र                                                     प्रगति, प्रारम्भिक, प्रबल, प्रसन्न सम

सम                                                  संस्था, सम्मान, संगति, संस्कार, सम्पूर्ण

अव                                                  अवगुण, अवनति, अवतरण

निर                                                   निर्बल, निर्जन, निर्धन, निर्माण |

दुस                                                   दुष्कर्म, दुष्चरित्र, दुस्साहस

दुर                                                    दुर्दशा, दुर्जन, दुर्गम

नि                                                    निवारण, नियुक्त, निधन

अधि                                                 अधिकर, अधिपति, अध्यक्ष

अति                                                 अत्युत्तम, अत्यन्त, अतिकाल, अत्याचार

सु                                                    सुडौल, सुअवसर, सुगम

उत                                                   उत्थान, उत्पन्न, उद्धार, उत्कर्ष, उन्मुक्त, उत्तम

अभि                                                 अभ्यास, अभिमुख, अभयागत, अभिमान

प्रति                                                  प्रत्यक्ष, प्रतिकूल, प्रत्येक |

परि                                                  परिजन, परिक्रमा, परिपूर्ण

उप                                                  उपकार, उपमान, उपमन्त्री, उपयोग

सु                                                  स्वच्छ, स्वागत, सुकर्म, सुकर

सत्                                                  सद्भावना, सत्पुरूष, सत्कर्म,

सत                                                   सद्गति, सज्जन, सत्संग

अधः                                                 अधोपतन, अधोगति, अधोमुखी, अधस्थल

अप                                                  अपमान   , अपयश, अपहरण, अपराध, अपकर्ष

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2. हिंदी के उपसर्ग – Hindi ke Upsarg :

उपसर्गअर्थउपसर्ग से बने शब्द
अननिषेध अर्थ मेंअनमोल, अलग, अनजान, अनकहा, अनदेखा इत्यादि।
अध्आधे अर्थ मेंअधजला, अधखिला, अधपका, अधकचरा, अधकच्चा, अधमरा इत्यादि।
उनएक कमउनतीस, उनचास, उनसठ, इत्यादि।
भरपूरा ,ठीकभरपेट, भरपूर, भरदिन इत्यादि।
दुबुरा, हीन, विशेषदुबला, दुर्जन, दुर्बल, दुकाल इत्यादि।
निआभाव, विशेषनिगोड़ा, निडर, निकम्मा इत्यादि।
अभाव, निषेधअछूता, अथाह, अटल
बुरा, हीनकपूत, कचोट
कुबुराकुचाल, कुचैला, कुचक्र
अवहीन, निषेधऔगुन, औघर, औसर, औसान
भरपूराभरपेट, भरपूर, भरसक, भरमार
सुअच्छासुडौल, सुजान, सुघड़, सुफल
परदूसरा, बाद कापरलोक, परोपकार, परसर्ग, परहित
बिनबिना, निषेधबिनब्याहा, बिनबादल, बिनपाए, बिनजाने

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3. फारसी के उपसर्ग – Farsi Ke Upsarg :

उपसर्गअर्थउपसर्ग से बने शब्द
लाबिनालाचार, लाजवाब, लापरवाह, लापता इत्यादि।
बदबुराबदसूरत, बदनाम, बददिमाग, बदमाश, बदकिस्मत इत्यादि।
बेबिनाबेकाम, बेअसर, बेरहम, बेईमान, बेरहम इत्यादि।
कमथोड़ा, हीनकमसिन, कामखयाल, कमज़ोर, कमदिमाग, कमजात, इत्यादि।
ग़ैरके बिना, निषेधगैरकानूनी, गैरजरूरी, ग़ैर हाज़िर, गैर सरकारी, इत्यादि।
खुशश्रेष्ठता के अर्थ मेंखुशनुमा, खुशगवार, खुशमिज़ाज, खुशबू, खुशदिल, खुशहाल इत्यादि।
नाअभावनाराज, नालायक, नादनामुमकिन, नादान, नापसन्द, नादान इत्यादि।
अलनिश्र्चितअलबत्ता, अलगरज आदि।
बरऊपर, पर, बाहरबरखास्त, बरदाश्त, बरवक्त इत्यादि।
बिलके साथबिलआखिर, बिलकुल, बिलवजह
हमबराबर, समानहमउम्र, हमदर्दी, हमपेशा इत्यादि।
दरमेंदरअसल, दरहक़ीक़त
फिल/फीमें प्रतिफिलहाल, फीआदमी
और, अनुसारबनाम, बदौलत, बदस्तूर, बगैर
बासहितबाकायदा, बाइज्जत, बाअदब, बामौक़ा
सरमुख्यसरताज, सरदार, सरपंच, सरकार
बिलाबिनाबिलावजह, बिलाशक
हरप्रत्येकहरदिन हरसाल हरएक हरबार

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FAQs

प्रत्यय की परिभाषा क्या है?

प्रत्यय वे शब्द होते हैं जो दूसरे शब्दों के अन्त में जुड़कर, अपनी प्रकृति के अनुसार, शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं। प्रत्यय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – प्रति + अय। प्रति का अर्थ होता है ‘साथ में, पर बाद में’ और अय का अर्थ होता है ‘चलने वाला’, अत: प्रत्यय का अर्थ होता है साथ में पर बाद में चलने वाला।

उपसर्ग में मूल शब्द क्या है?

जो शब्दांश या शब्द, मूल शब्द के आगे जुड़कर नए शब्द बनाते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं। जो शब्दांश या शब्द, मूल शब्द के पीछे जुड़कर नए शब्द बनाते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं। अन- + एक – अनेक अन- + आदर – अनादर अन- + आसक्ति – अनासक्ति अन- + गिनत – अनगिनत – (अभाव के 1 अर्थ में) । ।

प्रत्यय के कितने प्रकार हैं?

प्रत्यय के प्रकार
कृदन्त प्रत्यय कृदन्त या कृत प्रत्यय वे प्रत्यय जो धातुओं अर्थात् क्रिया पद के मूल रूप के साथ लगकर नये शब्द का निर्माण करते हैं कृदन्त या कृत प्रत्यय कहलाते हैं।
तद्धित प्रत्यय

प्रत्यय किसे कहते हैं और यह कितने प्रकार के होते हैं?

प्रत्यय उस शब्दांश को कहते हैं, जो किसी शब्द के अंत में आकर उस शब्द के विभिन्न अर्थ में प्रकट करते हैं। प्रत्यय शब्द के अंत में आता है, जैसे ‘भला’ शब्द के अंत में आई प्रत्यय लगाकर ‘भलाई’ शब्द बनता है। यह दो प्रकार के हैं।

हम उम्मीद रखते है कि उपसर्ग की परिभाषा, भेद, उदाहरण आपकी स्टडी में उपयोगी साबित हुए होंगे | अगर आप लोगो को इससे रिलेटेड कोई भी किसी भी प्रकार का डॉउट हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूंछ सकते है |

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