Parmanu Kise Kahate Hain-परमाणु किसे कहते है?

Parmanu Kise Kahate Hain:हेलो स्टूडेंट्स, आज हमने यहां पर परमाणु की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण के बारे में विस्तार से बताया हैParmanu Kise Kahate Hain । यह हर कक्षा की परीक्षा में पूछा जाने वाले यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।

किसी भी तत्व या पदार्थ का अति सूक्ष्मतम कण या मूल कण जो उस तत्व की रासायनिक अभिक्रिया में स्वतंत्र रूप से भाग लेता है। उस तत्व या पदार्थ का परमाणु कहलाता है। इसके अतिरिक्त परमाणु अविभाज्य  होता है। लगभग 100 वर्ष पूर्व वैज्ञानिक डाल्टन के द्वारा परमाणु के संबंध में अविभाज्य होने का प्रमाण सिद्ध हुआ था। परंतु अब यह प्रमाण गलत साबित किया जा चुका है। परमाणु के संबंध में अब यह थ्योरी मानी जाती है कि परमाणु इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन व न्यूट्रॉन से मिलकर बना है। इसके अलावा किसी भी तत्व या पदार्थ के मूल कण इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन न्यूट्रॉन होते हैं।

Parmanu Kise Kahate Hain

परमाणु किसी भी तत्व के सूक्ष्मतम (यानी सबसे छोटे ) कण जिनसे अणु बनते हैं तथा जो रासायनिक अभिक्रियाओं (chemical reactions) में बिना अपघटित हुए भाग लेते हैं, उन्हें परमाणु (atom) कहा जाता हैं । कोई भी परमाणु रासायनिक रूप से अभाज्य होते हैं । लेकिन परमाणुओं को असाधारण भौतिक विधियों द्वारा उनके घटक कणों में विभाजित किया जा सकता है । परमाणुओं का आकार (size) अति सूक्ष्म और भार (atomic weight) बहुत ही कम होता है ।

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परमाणु की संरचना

शुरुआती दिनों में जब परमाणु की खोज हुई। तब वैज्ञानिकों ने परमाणु को परिभाषित करते हुए कहा था कि “परमाणु पदार्थ का सूक्ष्मतम कण है। जिसको तोड़ा नहीं जा सकता है ” लेकिन यह अवधारणा गलत साबित हो गई। आधुनिक वैज्ञानिकों के अनुसार– परमाणु पदार्थ की सूक्ष्मतम इकाई है। जिनसे मिलकर हमारी पूरी दुनिया बनी हुई है। “

डाल्टन के परमाणु सिद्धांत

  • डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के अनुसार हम जानते थे कि परमाणु के कण अविभाज्य एवं अविनाशी थे। लेकिन परमाणु के दो मौलिक कण इलेक्ट्रॉन एवं प्रोटॉन की खोज ने डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के इस अवधारणा को गलत साबित कर दिया।
  • इस प्रकार इलेक्ट्रॉन एवं प्रोटॉन की खोज ने यह प्रमाणित कर दिया कि परमाणु विभाज्य है और उनकी अपनी आंतरिक संरचना है। अतः परमाणुओं की आंतरिक संरचना को समझाने के लिए बहुत सारे वैज्ञानिकों ने भिन्न- भिन्न प्रकार के परमाणु की संरचना का मॉडल प्रस्तुत किया।
  • परमाणु संरचना के प्रस्तुतीकरण के समय तक दो ही मौलिक सूक्ष्मतम कण- —इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन का आविष्कार हुआ था, इस समय सूक्ष्मतम मौलिक कण न्यूट्रॉन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। परमाणु की संरचना संबंधित मुख्यतः तीन मॉडल-टॉमसन मॉडल, रदरफोर्ड मॉडल एवं बोर मॉडल हैं, जिसकी चर्चा हम आगे करेंगे।

परमाणु तीन कणो से मिल कर बनते है।

  • इलेक्ट्रान
  • प्रोटोन
  • न्यूट्रॉन

उदाहरण–

कई सारे परमाणुओं में एक धनात्मक आवेशित वाला नाभिक होता है जिसमें प्रोटॉन और न्यूट्रॉन पाए जाते हैं ओर जो नकारात्मक रूप से आवेशित ओर इलेक्ट्रॉनों के एक बादल से घिरे हुवे होते हैं। परमाणु अपने सबसे बुनियादी स्तर पर पदार्थ का कोई भी कण होता है जिसमें सबसे कम एक प्रोटॉन पाया जाता है। यहाँ परमाणुओं के कुछ उदाहरण दिए गए हैं:

हाइड्रोजन (H) और नियॉन (Ne)।

इलेक्ट्रॉन की परिभाषा-

इलेक्ट्रॉन एक उप-परमाणु कण है, जिसका विद्युत आवेश ऋणात्मक एक प्राथमिक आवेश है। इलेक्ट्रॉन लिप्टन कण परिवार की पहली पीढ़ी के हैं, और आमतौर पर प्राथमिक कण माने जाते हैं क्योंकि उनके पास कोई ज्ञात घटक या अवरोध नहीं है।

न्यूट्रॉन की परिभाषा-

न्यूट्रॉन एक आवेश रहित मूलभूत कण है, जो परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन के साथ पाये जाते हैं। जेम्स चेडविक ने सन 1931 में इसकी खोज की थी। इसे n प्रतीक चिन्ह द्वारा दर्शाया जाता है।

प्रोटॉन की परिभाषा-

यह परमाणु का एक अनिवार्य कण है, इस पर इकाई धनावेश होता है। इसका द्रव्यमान हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान के लगभग बराबर होता है।

परमाणविक तत्व

परमाणु का निर्माण परमाणविक तत्वों से मिलकर होता है

जिनके नाम हैं –

प्रोटान, न्यूट्रान तथा इलेक्ट्रान |

प्रोटान व न्यूट्रान परमाणु के नाभिक में पाए जाते हैं और इलेक्ट्रान इस नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाता है। इलेक्ट्रान परमाणु के नाभिक के चारों ओर बहुत तेज गति से चक्कर लगता है।

विभिन्न तत्वों को उनमें पाई जाने वाली प्रोटान  व इलेक्ट्रान की संख्या के आधार पर अलग किया जाता है, जैसे-सोने (Gold) के परमाणु नाभिक में प्रोटानों की संख्या 79 होती है और कार्बन के परमाणु नाभिक में केवल 6 प्रोटान होते हैं।

परमाणु क्रमांक व द्रव्यमान

संख्या किसी तत्व के परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटानों की संख्या को परमाणु क्रमांक कहते हैं। किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटानों और न्यूट्रानों की कुल संख्या को द्रव्यमान संख्या कहते हैं।

समस्थानिक

समान परमाणु क्रमांक परन्तु भिन्न परमाणु द्रव्यमानों के परमाणुओं को समस्थानिक (Isotopes) कहते हैं। समस्थानिकों में   प्रोटानों की संख्या समान होती है लेकिन न्यूट्रानों की संख्या भिन्न होती है।

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credit:Study Tuition DS

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