My Family Essay In Hindi

परिचय

My Family Essay In Hindi:ऐसे व्यक्तियों का समुह जो आपस में परस्पर खून के रिस्तें या विवाह पश्चात् बनने वाले रिस्तें को साझा करते हैं, वह परिवार कहलाता है। मूल परिवार तथा संयुक्त परिवार, परिवार के प्रकार हैं। समाज में व्यक्ति या तो मूल परिवार में निवास करता है या संयुक्त परिवार का हिस्सा होता है। मेरा परिवार संयुक्त परिवार की श्रेणी में आता है, जिसमें माता-पिता तथा हम तीन भाई बहनों के अलावां दादा दादी भी रहते हैं।

My Family Essay In Hindi

संयुक्त परिवार का छोटा होता स्वरूप

वर्तमान समय के, व्यस्तता भरे जीवन में संयुक्त परिवार का प्रचलन कम होता जा रहा है। अब ज्यादा-तर मूल परिवार ही समाज में देखने को मिलते हैं। जिसमें दम्पत्ति अपने बच्चों के साथ निवास करता है। जीवन के भागा-दौड़ में, संयुक्त परिवार विभक्त होकर जहां मूल परिवार के रूप में परिवर्तित हो गए है, वहीं मूल परिवार का आकार भी अब छोटा होने लगा है। जिसमें पुरूष व स्त्री काम के सिलसिले में अलग निवास करते हैं। बच्चे भी पढ़ाई या अन्य कारणों के वजह से अपने परिवार से दूर निवास करते हैं। यह कहना अनुचित नहीं होगा की परिवार व्यक्ति के इकाई के रूप में परिवर्तित होता जा रहा है।

व्यक्ति के जीवन में परिवार के स्नेह का महत्व

यह आवश्यक है की, परिवार के मध्य बड़े हो रहे बच्चों को स्नेह दिया जाए तथा सही तरह से उनकी देख-भाल की जाए, समाज में हो रहे अपराधों में ज्यादातर ऐसे अपराधी हैं जो कम उर्म के हैं तथा उन्होंने पहली बार यह अपराध किया होता है। व्यक्ति के साथ परिवार का सही व्यवहार न होने के वजह से व्यक्ति का बौद्धिक विकास नहीं हो पाता तथा वह मानसिक रूप से कई यातनाओं को बर्दाश्त कर रहा होता है। हम अपने भावनाओं को परिवार के साथ बांटते है पर जब परिवार ही हमारे साथ सही व्यवहार न करें तो हमारे व्यक्तित्व में अनेक प्रकार के विकार उत्पन्न हो जाता है तथा यह व्यक्ति तो अपराध की ओर अग्रसर करते हैं।

परिवार में हर सदस्य की भूमिका

मेरा परिवार एक आदर्श और खुशहाल परिवार है। मेरे परिवार में दादा-दादी, माताजी, पिताजी, चाचा, चाची, चाची के दो बेटे और मेरी बहन इस तरह मिलाकर हम 10 सदस्य साथ रहते हैं। मेरा परिवार एक संयुक्त परिवार कहलाता है। मेरे दादा और दादी घर में सबसे बड़े और बुजुर्ग व्यक्ति है। परिवार के सभी लोग उनका आदर और सम्मान करते हैं। दादा आर्मी में थे और अभी रिटायर्ड जीवन बिता रहे हैं। दादा घर में बागबानी करते हैं और घर के छोटे बड़े कामों में हाथ बताते हैं। दादी भी हर काम में उनका साथ देती है। रात को दादा सोने से पहले सभी बच्चों को कहानियां सुनाते हैं और साथ-साथ अच्छा शिक्षण भी देते हैं। परिवार के सभी सदस्य कोई भी कार्य करने से पहले दादा और दादी की राय जरूर लेते हैं।

मेरे पिताजी बैंक में नौकरी करते हैं और माताजी घर में पूरा दिन काम करती रहती है। मेरी माताजी को नए नए पकवान बनाने का बहुत शौक है। घर के सभी सदस्य उनके खाने की तारीफ करते रहते हैं। उसके अलावा माताजी घर के बच्चों को पढ़ाती भी है। मेरी बड़ी बहन कॉलेज में स्नातक की पढ़ाई करती है और मेरे चाचा और चाची एक मल्टी नेशन कंपनी में जॉब करते हैं।  उनके दोनों बेटे हायर सेकेंडरी में पढ़ाई करते है। सुबह 10:00 बजे तक सब लोग अपने काम के लिए घर से निकल जाते हैं और 6:00 बजे तक सब लोग घर में वापस आ जाते हैं।

मैं घर में सबसे छोटा हूं। इसलिए सभी लोग मुझे बेहद प्यार करते है। किसी भी चीज को लेकर मुझे मना नहीं करते। रात के समय सभी सदस्य मिलकर खाना खाते हैं। उस समय हम हमारे दिन में हुई घटनाओं को परिवार के सदस्य के साथ शेयर करते हैं। किसी टॉपिक को लेकर भी कई बार चर्चा भी करते है। पूरे दिन में यही समय है जिसके लिए मैं इंतजार करता रहता हूं क्योंकि इस समय में मेरे परिवार के काफी नजदीक होता हूं।

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मकान और घर में अंतर :

 मकान और घर में बहुत अंतर होता है। मकान केवल ईंट, रेत, सीमेंट, पत्थरों से बनाया हुआ एक बेजान ढाँचा होता है। इसके विपरीत घर एक ऐसी जगह होता है जिसमें सुमधुर संबंधों से संबंधित आत्मा होती हैं। बहुत से लोग तो ईंट और गारों से बने हुए घरों में रहते हैं। जो लोग मकान में रहते हैं उनके पास घर परिवार नहीं होते हैं इसमें रहने वाले सदस्यों के बीच कोई प्यार या लगाव नहीं होता है।

परिवार के प्रकार :

 परिवार के सदस्यों की संख्या के आधार पर परिवार को देखा जाता है। अगर परिवार में कम सदस्य होते हैं तो छोटा परिवार कहलाता है। परिवार और भी होते हैं जैसे मूल परिवार, बड़ा मूल परिवार और संयुक्त परिवार आदि।

परिवार की आवश्यकता :

 परिवार समाज की सबसे छोटी इकाई होती है। माता-पिता और उनके बच्चों को मिलाकर एक परिवार बनता है। एक परिवार का जीवन में बहुत महत्व होता है। एक बच्चा अपने परिवार की छत्र-छाया में रहकर ही बड़ा होता है। वे प्यार के महत्व को समझकर रिश्तों में बंधता है।

जहाँ पर रिश्ते बच्चे को खुशी प्रदान करते हैं वहीं पर जिम्मेदारी का भी एहसास दिलाते हैं। परिवार ही बच्चे को सामाजिक बनाता है। परिवार के साथ रहकर मैं दुःख के समय को भी आसानी से पार कर लेता हूँ। मेरे परिवार से एक सुरक्षित और प्यारा वातावरण उत्पन्न होता है। मैं अपने परिवार को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता हूँ।

जब भी मैं घर परिवार से दूर रहता हूँ तो मुझे अपने परिवार की कमी बहुत खलती है। क्योंकि यही समय होता है जब हम अपने परिवार के महत्व को समझ पाते हैं। हमारी दादी जी हमें बहुत ही अच्छी-अच्छी कहानियां सुनाती हैं। मेरे और मेरी बहन के बीच अगाध प्रेम और स्नेह की भावना है।

हमारे दादा-दादी हमें हमेशा अच्छी बातें बताते हैं और हम सभी दादा-दादी की बात को बहुत ही ध्यान से सुनते है।

हमारे दादा-दादी हमें हमेशा सत्य और धर्म को ग्रहण करने की प्रेरणा देते हैं। हमारे घर का प्रत्येक सदस्य भावनात्मक और शारीरिक रूप से शक्तिशाली, ईमानदार और आत्मविश्वासी बना है।

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मेरे संयुक्त परिवार के लाभ :

 संयुक्त परिवार जीने का एक बेहतर तरीका देता है जिसमें विकास के लिए अत्यधिक योगदान दिया जाता है। संयुक्त परिवार से न्यायसंगत अर्थव्यवस्था के अनुसरण के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण अनुशासन और दूसरों के बोझ को बाँटने की भावना सिखाता है। मेरा परिवार संयुक्त है इसमें सदस्यों में आपसी सामंजस्य की समझ भी है।

एक बड़े और संयुक्त परिवार की वजह से बच्चों को एक अच्छा माहौल मिलता है तथा हमेशा के लिए अपनी आयु के बच्चों के मित्र मिलते हैं जिसकी वजह से आने वाली पीढ़ी बिना किसी रुकावट के पढाई , खेल और दूसरी क्रियाओं में अच्छी सफलता प्राप्त कर पाती हैं।

हम बच्चे संयुक्त परिवार में रहते हैं हम हमेशा सोहार्द रहते हैं हममें किसी भी तरह का भेद-भाव नहीं रहता है। परिवार के मुखिया की बात को मानने के साथ-साथ हर सदस्य जिम्मेदार और अनुशासित होते हैं। मेरे घर परिवार में एक दूसरे के ख्याल की भावना बढती है और आपस में भी स्नेह संबंधों का विकास होता है।

हमारे घर-परिवार में सभी भावना हैं। मेरे इस संयुक्त परिवार में बडो और बुजुर्गों का बहुत सम्मान किया जाता है। बड़ों की हर बात का पालन किया जाता है और उनकी बात का कोई भी बुरा नहीं मानता है। घर के सभी लोग सारे काम को एक साथ मिलकर करते हैं और भोजन भी एक साथ करते हैं। अगर घर में कोई मुसीबत आती है तो घर के सभी लोग मुसीबत का मिलकर सामना करते हैं। मेरा परिवार चाहे कहीं भी रहे हमेशा साथ रहता है।

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संयुक्त परिवार की हानियाँ :

संयुक्त परिवार में उचित नियमों की कमी होने की वजह से बहुत से सदस्य कामचोर हो जाते हैं। उन लोगों को दूसरों की कमाई पर निर्भर रहने की आदत पड़ जाती है। ऐसे सदस्य दुसरे भोले और अच्छे सदस्यों का शोषण करना शुरू कर देता है। खास तौर पर देखा जाता है कि जो सदस्य ज्यादा धन कमाते हैं वो कम धन कमाने वाले सदस्यों का अपमान करते हैं।

जो सदस्य ज्यादा आय वाले होते हैं वो अपने बच्चों को बड़े और महंगे स्कूल में पढ़ाते हैं लेकिन अपने से कम आय कमाने वाले सदस्य के बच्चों के बोझ को कभी नहीं बांटते हैं जिसकी वजह से बच्चों के बीच भेदभाव की भावना उत्पन्न हो जाती है। उदारता की भावना , भातृतुल्य प्यार और अकेलेपन का अहसास इन सब के असंतुलन की वजह से संयुक्त परिवार के अलग होने की संभावना भी उत्पन्न हो जाती है।

परिवार का महत्व

मेरे परिवार में अनुशासन और शिष्टाचार का बहुत महत्व है। घर के सभी लोग अपनी अपनी जिम्मेदारी खुद निभाते हैं इसलिए तो इतना बड़ा परिवार होने के बावजूद भी सभी कार्य समय अनुसार होते हैं और किसी को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं रहती। चाहे बड़े त्यौहार हो या छोटी जन्मदिन की पार्टी सब लोग साथ में रहकर ही खुशियां मनाते हैं।अगर किसी को कोई भी प्रकार की तकलीफ हो तो साथ मिलकर उसे हल करते हैं। इतना बड़ा परिवार होने के कारण छोटे-छोटे झगड़े तो होते रहते हैं लेकिन उसे शांति और संयम से मिलकर सुलझा भी देते हैं।

credit:Silent Writer

उपसंहार

मेरा परिवार परंपरा, विनम्रता, सहानुभूति और एकता के ठोस नीम पर खड़ा है। जीवन का शारीरिक, आर्थिक और बौद्धिक विकास के लिए परिवार ही जिम्मेदार होता है। परिवार से ही हमें व्यक्तिगत पहचान मिलती है। सच में मेरे पास एक अद्भुत परिवार है। मेरा दिल और आत्मा हमेशा इस घर में मेरे परिवार के साथ ही होते है। मेरा परिवार जीवन का एक सच्चा मार्गदर्शक है।

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