Mera Desh Essay in hindi: हेलो स्टूडेंट, हम आपको इस आर्टिकल में मेरा देश पर निबंध पर निबंध बताया गया है | पोस्ट अंत तक पढ़े
Mera Desh Essay in hindi
प्रस्तावना
विश्व भर में मेरा देश भारत महान की उपाधि हासिल किए हुए हैं। हर तरीके से भारत का नाम चारों दिशाओं में रोशन है। भारत में बने पर्यटक स्थल और ऐतिहासिक दुर्गा भारत की एक अलग पहचान बनाते हैं।
मेरा देश इतिहास की वजह से बहुत ज्यादा लोकप्रिय है। इतिहास के समय भारतीय परंपरा विश्व भर में विख्यात थी। आज भी भारत का नाम विश्व के बेहतरीन देशों में लिया जाता है। मेरा भारत जहां ऊंचा खड़ा हिमालय आसमान को छूता है।
तो दूसरी तरफ विचरण तले गंगा यमुना जैसी नदियां बह रही है। मेरे देश की यह भूमि मेरे लिए पुण्य भूमि, स्वर्ण भूमि, जन्म भूमि, मातृभूमि, कर्मभूमि है। और आज मेरे देश के बारे में बताते हुए मुझे गर्व महसूस हो रहा है।
विश्व भर में विख्यात मेरा देश दुनिया का चमकता हुआ सूरज है। मेरा देश अपनी संस्कृति और सभ्यता के दम पर विश्व भर में लोकप्रिय हुआ है। मेरे देश को पुराने समय में सोने की चिड़िया कहा जाता था।
भारत सबसे प्राचीन सभ्यताओं वाला देश है और इन्हीं प्राचीन सभ्यताओं के कारण भारत सोने की चिड़िया कहलाता था। साथ ही विश्व भर में लोकप्रिय देश था।
शिक्षा के क्षेत्र में भी मेरा देश कई हदो तक सबसे आगे हैं। मेरे देश में विज्ञान, गणित, धर्म, दर्शन, साहित्य, मानवतावादी संस्कृति और चिकित्सा का शंखनाद सबसे पहले हुआ था। वर्तमान समय में मेरे देश का नाम भारत और अंग्रेजी में इंडिया है। आज भी मेरा देश ज्ञान, विज्ञान, तकनीकी सूचना, संचार और नए अविष्कार में सबसे आगे है।
मेरे देश की भौगोलिक सरचना
संसार के मानचित्र में मेरा देश उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। मेरा देश उत्तरी गोलार्ध में एक विशाल देश है। जो 84 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 68.7 डिग्री पूर्वी देशांतर से 97.25 डिग्री पूर्वी देशांतर के बीच फैला हुआ है।
उत्तर से दक्षिण की लंबाई मेरे देश की 3214 किलोमीटर है और मेरे देश की पूर्व से पश्चिम की लंबाई की बात की जाए, तो यहां लंबाई 2933 किलोमीटर है।
मेरा देश क्षेत्रफल की दृष्टि से संसार का सातवा बड़ा देश है। जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा देश है। मेरे देश का क्षेत्रफल 3287263 वर्ग किलोमीटर है। इतना विशाल क्षेत्र पर जो दूसरे देशों की तुलना में कई गुना बड़ा है। उदाहरण के तौर पर बात की जाए, तो मेरा देश यूरोप से 7 गुना बड़ा है व ब्रिटेन से 13 गुना बड़ा है।
भारत का उत्तरी राज्य जिसे कश्मीर के नाम से जानते हैं। यहां पर हिमालय की बर्फीली चोटियां चांदी के समान चमकती है और मेरे देश का मुकुट बनाती है। मेरे देश का दक्षिण क्षेत्र उष्णकटिबंधीय सघन वनों से घिरा हुआ है। दक्षिण में मेरा देश तीन तरफ से समुद्र से गिरा हुआ देश है।
जिसकी एक तरफ बंगाल की खाड़ी, दूसरी तरफ अरब सागर और बीच में हिंद महासागर है। भारत देश की सीमाएं प्राकृतिक और मानव निर्मित है। जैसा कि भारत और चीन की सीमा प्राकृतिक सीमा है। यह दोनों देश हिमालय से आपस में विभाजित होते हैं।
मेरे देश के कई पड़ोसी देश है। जिनकी सीमाएं लगी हुई है। इनमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन, म्यानमार, भूटान और बांग्लादेश शामिल है। कैलाश पर्वत तथा मानसरोवर जैसे बड़े तीर्थ स्थल तिब्बत में स्थित है। मतलब यह है, कि राजनीतिक
,दृष्टि से देखा जाए तो यह तीन का हिस्सा है। लेकिन भारत के साथ उनके सांस्कृतिक संबंध हैं।Mera Desh Essay in hindi
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प्रकृति द्वारा भारत को चार अलग-अलग हिस्सों में विभाजित किया गया है।
उत्तर का पर्वतीय व पठारी क्षेत्र
उत्तर का मैदान
प्रायद्वीपीय पठारी भाग
समुद्र तटीय मैदान
हमारे देश में कई प्रकार की अलग-अलग मीडिया वाले हर तरह के क्षेत्र में पाए जाते है और चीनी मिट्टी के आधार पर अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग फर्स्ट फ्लोर और पेड़-पौधों का होना संभव हो पाया है। मतलब यह है, कि प्राकृतिक विविधता में भारत अपना महत्वपूर्ण योगदान रखता है।
भारत में कई प्रकार की मिट्टियां है, जैसे जलोढ और काली, लाल मिट्टी, बलुआ मिट्टी इत्यादि मिट्टिया मुख्य रूप से पाई जाती है। मेरे देश में सामान्यतः मानसूनी जलवायु उपलब्ध है। इस बीच में मुख्य तौर पर 3 मौसम है। परंतु यहां चार ऋतु है जो मिलकर इन तीन मौसम का निर्माण करती है
शीत ऋतु (15 दिसम्बर से 15 मार्च)
ग्रीष्म ऋतु (15 मार्च से 16 जून)
वर्षा (16 जून से 15 सितम्बर)
शरद (16 सितम्बर से 15 दिसम्बर)
मेरे देश की संस्कृति
मेरे देश की संस्कृति बहुआयामी हैं जिसमे मेरे देश का महान इतिहास, यह पर फली-फुली सभ्यताए और विलक्षण भूगोल का समावेश होता हैं। मेरे देश की सभ्यता दुनिया के सबसे प्राचीन सभ्यताओमेसे एक हैं। “अतिथि देवो भवं” यानि मेहमान/अतिथि देवतासमान होते हैं, यह मेरे देश की सबसे बड़ी शिक्षा हैं। जिसमे सिकाया गया हैं की हमे हमेशा अपने मेहमानोंका सम्मान करना चाहिये और यही वजह हैं की यहा पर हमेशा मेहमान का सम्मान किया जाता हैं। मेरे देश की संस्कृति में कई तरह के कला का जन्म हुआ हैं, जैसे की संगीत, नृत्य, नाटक और रंगमंच, मूर्तिकला, वास्तुकला और साहित्य। यह न सिर्फ कला बल्कि विज्ञान भी फला-फुला हैं। मेरे देश में इंसान के साथ पशु, पक्षी और पेड़ों का भी सम्मान किया जाता हैं।Mera Desh Essay in hindi
भारत की विविधता में एकता
भारत देश की सभ्यता कई सौ साल पुरानी हैं और इसी वजह से इसके विविध रूप हमे देखने मिलते हैं। इस देश की सभ्यता के साथ इसमे विविधता भी बढ़ाने लगी। आज भारत देश मे हर एक राज्य की अपनी एक संस्कृति मिलेगी, सभी गाँव-शहरोंमे सभी धर्म के लोग मिलेंगे जो की बड़े स्नेह और खुशी से रहते हैं। मेरे देश कश्मीर से कन्याकुमारी तक और गुजरात से अरुणाचल प्रदेश तक भाषा, खान-पान, पोशाख, रहन-सहन, कला, संगीत, नृत्य और अन्य कई चीजों में हमे विविधता मिलेगी। लेकीन मेरा देश (mera desh essay in hindi) हर प्रकार से विविधतापूर्ण संस्कृति, सामाजिक और जातीय तत्त्वों को अपनाते हुए निरंतर आगे बढ़ रहा है। यही वजह हैं की मई मेरे देश को दुनिया में सबसे महान देश मानता हूँ। भारत में कुछ जगह कभी-कभी बड़े और छोटे धार्मिक समुदाय मे अंतर दिखाता हैं लेकिन अधिकतर जनसमुदाय इस देश के विविधता का लुप्त उठाते हुए बड़ी खुशी से जीवन व्यतीत कर रही हैं।
दुनिया को भारत की देन
पुराने जमाने में मेरे देश को सोने की चिड़िया कहा जाता था। दुनिया का सबसे बड़ा व्यापारी केंद्र भारत देश था। इसी वजह से मेरे देश में समृद्धि रही। यही वजह रही की मेरा देश (mera desh essay in hindi) हर क्षेत्र में उन्नति करता रहा। मेरे देश का हर क्षेत्र मे योगदान रहा हैं जैसे विज्ञान, वास्तुकला, संगीत, नृत्य और व्यंजन। लेकिन दुर्भाग्य से बहुत कम लोगोंको यह पता हैं की आज के कई आधुनिक आविष्कार भारतीय महर्षि और आचार्य द्वारा कीये गए आविष्कारोंके आधुनिक स्वरूप हैं। जैसे की आचार्य आर्यभट्टजी ने शून्य अंक का आविष्कार किया, न्यूटन को गुरुत्वाकर्षण के खोज का जनक माना जाता हैं लेकिन उसके जन्म से हजारो साल पहले भास्कराचार्या जी ने इसके खोज भारत में लगाई। शुश्रुत जी ने सर्जरीका आविष्कार किया इसके अलावा भी आयुर्वेद, योग, मंत्र, शास्त्रीय संगीत-नृत्य इन सभी की देन भारत की ओर से दुनिया को दी गयी हैं।
भारत के स्मारक
किसी भी देश की पहचान उस देश के सांस्कृतिक और पुरातात्विक विरासत और ऐतिहासिक स्मारकोसे होती हैं और देश की यही विरासत उसके पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देता हैं। भारत के हजारों साल पुरानी संस्कृति की वजहसे इस देश में कई ऐतिहासिक स्मारक पाये जाते हैं जो इस देश के इतिहास को बड़ी शान से दुनिया के सामने पेश करते हैं। आगरे का किला, ताजमहल, अजंता और ऐल्लोरा गुफाएं, उदयपुर का सिटी पैलेस, स्वर्ण मंदिर, जिंजी किला, गेटवे ऑफ इंडिया, कामाख्या मंदिर, हवा महल, कुतुब मीनार, मैसूर का महल, शीश महल, कोणार्क का सूर्य मंदिर यह कुछ मेरे देश के ऐतिहासिक स्थल हैं।
भारत के लोगों में बहोतही जादा राष्ट्रीयता की भावना जो आज भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास में योगदान देती हैं। यही वजह हैं की आज दुनिया के लोग मेरे देश की ओर एक तेजी से प्रगति करनेवाले देश की नजरिए से देखते हैं। भारत की उदारता, समृद्ध संस्कृति और विरासत दुनिया को इस देश की ओर आकर्षित करती हैं। ४००० साल से भी जादा पुराने रीति-रिवाज, परंपरा और सभ्यता इस देश की शान हैं। मुझे मेरे देश के इसी रीति-रिवाज, परंपरा और सभ्यता पर गर्व हैं और हमेशा रहेगा।
निष्कर्ष:
इस देश पर मुझे और सभी देशवासी को नाज़ है। हम अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं और कई देवी -देवताओं की पूजा करते हैं। फिर भी हम सभी भारतीयों की संभावनाएं वही है। इतनी सादगी और अपनापन इस देश से बेहतर हमे और कहीं नहीं मिलेगा। इन विविधताओं के बावजूद हम सब एक है। ठीक उसी प्रकार जैसे एक फूलों की माला में, कई प्रकार के फूल होते है, सबके अपने रंग और विशेष सुगंध है लेकिन एक साथ एकाकृत है। विविधता में, हमारे देश की महान एकता बसी हुई है। यह वह देश है जो अपनी विविधता, मजबूत एकता, और शांति के लिए विश्वभर में मशहूर है। सभी देशवासी में देशप्रेम की भावना कूट -कूट कर भरी है। हमे फक्र है अपने हिन्दुस्ता