Essay On Himalaya In Hindi: हेलो स्टूडेंट, हम आपको इस आर्टिकल में हिमालय पर निबंध के बताया गया है | पोस्ट अंत तक पढ़े |
Essay On Himalaya In Hindi
प्रस्तावना
हिमालय भारतीय संस्कृति प्रयादीप पर्वत श्रृंखला होती है, जो भारत की उत्तरी सीमा में स्थित होती है। हिमालय पर्वत दुनिया भर के महानतम श्रृंखलाओ में से एक होती है। हिमालय पर्वत दुनिया भर का सबसे बड़ा और सबसे ऊँचा पर्वत माउंट एवरेस्ट है। यह पर्वत भारत के सभी लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। साथ ही हिमालय पर्वत बहुत सारी नदियों का उदगम स्थल भी होता है। हिमालय पर्वत से होते हुये बहुत सारी नदियाँ निकल कर भारत के मैदानो पर बहती हुयी होती है और वहां की ज़मीन को पूरी तरह से उपजाऊ बना देती है।
हमारे देश में मानसून मूसलाधार वर्षा हिमालय की वजह से होती है और इसी वर्षा के पानी का उपयोग खेती करने में किया जाता है और पुरे भारत में बहुत अच्छी खेती होती है और कृषियों बहुत अधिक मात्रा में फायदा भी होता है। हिमालय पर्वत का हम सभी के जीवन में बहुत महत्व होता है क्योंकि उसका उपयोग कई चीज़ो में किया जा सकता है। हिमायल पर्वतो से हमें कई तरह जड़ी -बूटीया प्राप्त होती है और उन जड़ी -बूटीयों का उपयोग दवाइयों के रूप में उपयोग में लाया जाता है।
हिमालय शब्द का अर्थ
हिमालय शब्द दो शब्दो के संयोग से मिल कर बना होता है, हिम + आलय। हिमालय का अर्थ घर का बर्फ से है। यह भारत देश के अलावा अन्य देशो मे हिमालय पर्वत की श्रृंखलापाकिस्तान,भूटान, अफगानिस्तान आदि देशों तक फैली हुयी होती है। हिमालय पर्वत की सुंदरता बहुत ही लोकप्रिय और मनमोहक लगती है।
इतना ही नहीं भारत देश के टूरिज्म इंड़स्टीज मे हिमालय पर्वत बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। गर्मियों के दिनों में बहुत से लोग गर्म इलाकों से आकर हिमालय पर्वत में आकर ठंडक लेते है और वही पर रहते है।
हिमालय पर्वत की विविधता
हिमालय पर्वत की विविधता के बारे मे आइये जानते है, हिमालय पर्वत का हमारे जीवन मे बहुत महत्व होता है। हिमालय पर्वत से मानव जीवन मे बहुत से लाभ प्राप्त होते है। हिमालय पर्वत से अलग -अलग तरह के फल -फूल और देवदार प्रकार के पेड, जड़ी -बूटीयां, वनस्पति और खनिज पदार्थ आदि प्राप्त होते है।
जानवर अक्सर ठंडक वाले स्थानो पर ज्यादा रहते है और हिमालय पर्वत के जंगलो मे बहुत से पेड -पौधों होते है, जिनके नीचे ठंडक छाया रहती है और वह उन्ही स्थानों जानवर अपना घर बना कर रहते है।
इसके पर्वतो के जंगलो मे कई जानवर रहते है जैसे -बाघ, भालू, हिरण, गेंडा, नील गाय, तेंदुआ, बारहसिंघा, आदि देखने को मिलते है। हिमालय पर्वत की विविधता बहुत ही रोचक और मनमोहक लगती है वहां का दृश्य देखने लायक होता है। वहां दृश्य इतना सुहावना होता है कि लोग पर्वत कि पहड़ियों मे घूमने जाते है उनको वहां दृश्य इतना सुहावना लगता है, उनका मन ही नहीं मानता उधर से आने के लिए मानो ऐसा प्रतीत होता है कि हमेशा के लिए वही पर वश जाये।
हिमालय पर्वतो के जंगलो में अनेक तरह के पेड -पौधे पाये जाते है, जिनका उपयोग औषाधियो के रूप में किया जाता है। वहां पर कुछ ऐसे पेड -पौधे होते है जिनके उपयोग जड़ी -बूटी के लिए किया जाता है, उनसे विभिन्न प्रकार की आर्युवेदिक दवाइयां बनाई जाती हैं। और विभिन्न प्रकार की बनायीं गई आर्युवेदिक दवाईयों को बाजार में लाकर बेचा जाता है इन दवाइयों को खरीद कर खाने से लोगों को काफ़ी हद तक आराम मिलता है।इसलिए मानव के दैनिक जीवन मे हिमालय पर्वत का बहुत महत्व है।
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हिमालय पर्वत की धर्म में मान्यता
धर्म में हिमालय पर्वत को बहुत अधिक मान्यता दी गयी है। हिमालय पर्वत को गिरिराज भी कहते है, इसका अर्थ होता है शंकर जी या हरी जी का निवास। हिमालय में शंकर जी ने बैठ कर अपनी तपस्या किया था, हिमालय पर्वत में शन्ति पूर्वक बैठ कर अपना ध्यान केद्रित करके शिव जी अपनी तपस्या की थी।
कहा जाता है शिवजी का निवास स्थल हिमालय में है। हिमालय पर्वत को देखने के लिए बहुत से लोग जाते है। वहां स्थल देखने लायक होता है, हिमालय पर्वत सुंदरता, मनमोहक और विशलता का विस्मिती होता है। हिमालय पर्वत को पांडवो और द्रोपदी के मुक्ति पाने का स्थान मना जाता है,क्योंकि हिमालय पर्वत में पांडवो के द्रोपती के प्रचलित कथाये इसमें शामिल है।
हिमालय पर्वत की विशेषता
हिमालय पर्वत पर अनेक प्रकार के फल, फूल, पेड़, पौधे, जड़ी-बूटियां, खनिज, वनस्पति पदार्थ और अन्य चीजें बहुत अधिक मात्रा में मिलती हैं और हिमालय पर्वत के जंगलों में अनेक प्रकार के जंगली जानवर जैसे बाघ, भालू, हिरण, गेंडे और अन्य तरह के जानवर भी दिखाई देते हैं
हिमालय पर्वत कई नदियों का उद्गम स्थल भी है और कई नदियां हिमालय पर्वत से होकर भी आती हैं जिनमें प्रमुख गंगा, यमुना, यांगतेज और ब्रह्मपुत्र नदियां हैं इन नदियों का उद्गम स्थल हिमालय पर्वत ही है
पर्यटन स्थल
हिमालय पर्वत हमारे देश की शान है जिससे हमारे देश में पर्यटकों का आना जाना रहता है. हिमालय पर्वत एक बहुत ही सुन्दर पर्वत है जिसको देखने के लिए लोग विदेशों से भी हमारे देश में पर्यटक बन कर आते हैं. हिमालय पर्वत का विस्तार बहुत लंबा है ये बहुत अधिक जगह पर फैला हुआ है
हिमालय पर्वत के अंदर अन्य सभी चीजों के साथ-साथ कई गुफाएं भी हैं जिनमें की बड़े-बड़े ऋषि मुनियों का उपवास रहा है. हिमालय पर्वत में हमेशा बहुत अधिक ठंड होती है जिससे यहां आवाजाही कम रहती है
हिमालय पर्वत में एक घाटी कश्मीर घाटी के नाम से है इसे धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है और यह एक आकर्षक स्थल है इसके आकर्षण से लोग यहां इसे देखने आते हैं
हिमालय पर्वत की इस घाटी में बहुत सारे फल और रंग-बिरंगे फूल दिखाई देते हैं जो इस घाटी की शोभा बढ़ाते हैं. कश्मीर यह जगह पूरी जल से भरी हुई है कश्मीर की सुंदरता देखते ही बनती है जिससे लोग आकर्षित होते हैं
धर्मों में मान्यता
हिमालय पर्वत को धर्म में अत्यधिक मान्यता दी जाती है. हिमालय पर्वत को गिरिराज भी कहा जाता है जिसका अर्थ होता है भगवान शिव का निवास स्थान और पुराणों के अनुसार भगवान शिव तपस्या करने के लिए हिमालय पर्वत पर बैठते हैं
हिमालय पर्वत शंकर जी का निवास स्थान है जिसकी वजह से भी लोग यहां आते हैं और प्रवासी इस पर्वत की सुंदरता और भव्य विशालता को देखकर चकित हो जाते हैं
कहा जाता है कि हिमालय पर्वत से ही पांडव और द्रौपदी ने मुक्ति पाई थी इसलिए इस हिमालय पर्वत को धर्मों के आधार पर भी बहुत मान्यता दी जाती है
हिमालय का निर्माण
जहाँ आज हिमालय है वहां कभी टेथिस नाम का सागर लहराता था. यह एक लम्बा और उथला सागर था. यह दो विशाल भू-खन्डो से घिरा हुआ था इसके उत्तर में अंगारालैन्ड और दक्षिण में गोन्ड्वानालैन्ड नाम के दो भू-खन्ड थे
लाखों वर्षों इन दोनों भू-खन्डो का अपरदन होता रहा और अपरदित पदार्थ (मिट्टी, कन्कड, बजरी, गाद आदि) टेथिस सागर में जमा होने लगे ये दो विशाल भू-खन्ड एक-दुसरे की ओर खिसकते भी रहे
दो विरोधी दिशाओ में पड़ने वाले दबाव के कारण सागर में जमी मिट्टी आदि की परतो में मोड़ (वलय) पड़ने लगे. ये वलय द्वीपों की एक श्रृंखला के रूप में पानी की सतह् से ऊपर आ गए यह क्रिया निरंतर चलती रही और कलान्तर में विशाल वलित पर्वत श्रेणियो के निर्माण हुआ जिन्हे आज हिमालय के नाम से जाना जाता हैं
उपसंहार
हिमालय पर्वत हमारे देश की शान है यह पर्वत बहुत ही सुंदर पर्वत है. इस पर्वत की प्राकृतिक सुंदरता सबको आकर्षित करती है लेकिन दोस्तों कुछ समय से हिमालय की बर्फ बहुत ही तेजी से पिघलने लगी है जिसका कारण ग्लोबल वार्मिंग हो सकता है और इसका मुख्य कारण प्रदूषण ही हो सकता है
दोस्तों हमें प्रदूषण कम से कम मात्रा में करना होगा जिससे हम भी सुरक्षित रहेंगे और हमारा वातावरण भी दोस्तों अगर ऐसा ही चलता रहा तो नदियों का पानी सूख जाएगा जिससे हमारे वातावरण पर बहुत अधिक बुरा प्रभाव पड़ेगा