Gharshan Kise Kahate Hain

Gharshan Kise Kahate Hain: हेलो स्टूडेंट्स, आज हमने यहां पर घर्षण की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण के बारे में विस्तार से बताया है।Gathbandhan Sarkar Kise Kahate Hain यह हर कक्षा की परीक्षा में पूछा जाने वाले यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।

Gharshan Kise Kahate Hain

जब किसी पिंड को अन्य पिंड पर गतिमान किया जाता है या गतिमान करने का प्रयास किया जाता है तब उनके संपर्क तलो के मध्य उपस्थित वह बल जो उनकी एक दूसरे के सापेक्ष गति का विरोध करता है, घर्षण बल कहलाता है। पिंडो के पृष्ठ पूर्णत चिकने नहीं होते हैं। जब इनको उच्च क्षमता के सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखा जाता है तब इनके खुदरापन होता है तथा कई स्थानों पर अनियमिताएं होती है।

जब एक सतह को दूसरी सतह के उपर रखा जाता है तो अणुओं के समूह एक दूसरे को दबाते है तथा अनियमितताएं एक दूसरे में फंस जाती है।Gharshan Kise Kahate Hain जिससे एक प्रकार की अतप्त बेल्डिंग हो जाती है। यह स्थिति अंतर परमाण्विक बलो के कारण उत्पन होती है। जब एक सतह पर फिसलती है तब अणुओं के मध्य बने बंधो को तोड़ने में आवश्यक बल घर्षण बल कहलाता है।

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घर्षण बल की परिभाषा :-

” यह बल संपर्क बल का वह घटक है जो कि संपर्क के समानांतर लगता है।”

घर्षण बल की उत्पति के कारण :-

पुराना मत (Old View) :-

जब दो वस्तुएं परस्पर संपर्क में आती है तो एक सतह का खुरदरापन दूसरी सतह के खुरदुरेपन में फंस जाता है।

नया मत (New View) :-

दो सतहों के वास्तविक संपर्क बिंदु पर सतहों के परमाणु एवं अणु एक दूसरे को प्रबल रूप से आकर्षित करते है।Gharshan Kise Kahate Hain यही आकर्षण गति का विरोध करता है।

घर्षण बल की निर्भरता :-

घर्षण बल केवल संपर्क सतहों के संपर्क कणों द्वारा घेरे गए क्षेत्रफल पर निर्भर करता है।

स्थैतिक घर्षण(f) को छोड़कर, घर्षण बल अभिलंब प्रतिक्रिया बल (N) पर निर्भर करता है। f ∝ न

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घर्षण के प्रकार (Types of Friction in Hindi) (बल)

घर्षण(friction) संबंधी घटनाओं के विस्तृत अध्ययन से पहले हमें विभिन्न घर्षण के प्रकार (types of friction in hindi) के बारे में विस्तृत जानकारी का होना आवश्यक है। विभिन्न प्रकार की घर्षण(gharshan ke parkar) संबंधी परिस्थितियों को निम्न भागो में विभाजित किया गया है।

शुष्क घर्षण के प्रकार :-

(1) शुष्क घर्षण (Dry Friction)

शुष्क घर्षण क्या है :-

जब संपर्क में स्थित दो अस्नेहक ठोस सतहे एक दूसरे पर फिसले या फिसलने का प्रयास करे तो उनके मध्य यह बल होता हैGharshan Kise Kahate Hain। इसे कुलॉम्ब घर्षण भी कहते हैं।

(1) स्थैतिक घर्षण (2) गतिक घर्षण

(2) तरल घर्षण (Fluid Friction in Hindi)

तरल घर्षण बल किसे कहते हैं :-

जब किसी द्रव की आसन्न परते अलग – अलग वेगों से गति करती है तो इनके बीच घर्षण को श्यानता कहते है। जब कोई ठोस वस्तु किसी तरल में गति करती है तो तरल से उत्पन्न घर्षण को श्यान बल कहते है।

(3) आंतरिक घर्षण बल किसे कहते हैं?

आंतरिक घर्षण बल क्या है :-

” जब ठोस वस्तुओं में अपरूपण होता है तब उसके विभिन्न भाग अंदर ही अंदर एक दूसरे पर फिसलते है तथा घर्षण बलों का एक निकाय बनाते है, जिसे हम आंतरिक घर्षण कहते है। इसमें सदैव ऊर्जा की हानि होती है।”

(4) स्थैतिक घर्षण (Static friction force in hindi) :-

स्थैतिक घर्षण क्या है :-

घर्षण बल जो की संपर्क तलों के मध्य सापेक्ष गति होने से पहले कार्य करता है, स्थैतिक घर्षण बल कहलाता है।

इसकी प्रकृति स्वत समायोजित होने की होती है।

स्थैतिक घर्षण का संख्यात्मक मान उस बाह्य बल के बराबर होता हैGharshan Kise Kahate Hain जो वस्तु के सापेक्ष गति प्रदान करने की चेष्टा करता हैं

स्थैतिक घर्षण का अधिकतम मान सीमांत घर्षण कहलाता है।

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(5) गतिक घर्षण (Kinetic Friction in hindi) :-

गतिक घर्षण का अर्थ है “यदि वस्तु आपेक्षिक गति कर रही है तो इसकी आपैक्षिक गति का विरोध करने वाला घर्षण गतिक घर्षण कहलाता है।

गतिक घर्षण का मान सदैव सीमांत घर्षण से थोड़ा कम होता है।

इसका मान भी N पर निर्भर करता है।

इसका मान वस्तु की गति के प्रकार पर भी निर्भर नहीं करता क्योंकि यह नियत होता है।

इसका संख्यात्मक मान fk = uk N होता है। यहां uk गतिक घर्षण गुणांक है।

(6) बेलनी या लोटनी घर्षण (rolling friction)

वह घर्षण बल जो किसी पिंड या वस्तु के किसी तल पर घूर्णन गति करने के कारण उत्पन्न होता हैGharshan Kise Kahate Hain, बेलनी घर्षण कहलाता है। जब कोई पिंड किसी पथ पर लुढ़कता है तब संपर्क क्षेत्रफल बहुत कम होता है जिससे दाब बहुत अधिक हो जाता है।

आर्टिकल में अपने पढ़ा कि घर्षण  किसे कहते हैं, हमे उम्मीद है कि ऊपर दी गयी जानकारी आपको आवश्य पसंद आई होगी। इसी तरह की जानकारी अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करे ।

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