ऐसे पदार्थ जो चुम्बकीय क्षेत्र से आकर्षित होते है तथा जिनकी उपस्थिति से चुंबकीय क्षेत्र का मान बहुत अधिक बढ़ जाता है उनको लौह चुम्बकीय पदार्थ कहते है।
इन पदार्थों को जब असमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो ये कम चुंबकीय क्षेत्र से अधिक चुंबकीय क्षेत्र की तरफ शीघ्रता से गति करते है।
जब इन पदार्थों को चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो ये पदार्थ प्रबल रूप से चुम्बकित हो जाते है।
उदाहरण : लोहा , निकल , मैग्नेटाइड आदि।
लोह चुम्बकीय पदार्थों की व्याख्या:
इस प्रकार के पदार्थों के परमाणुओं या अणुओ में इलेक्ट्रॉन युग्म के अन्दर कम तथा एकल इलेक्ट्रॉन बहुत अधिक पाए जाते है , इन एकल इलेक्ट्रॉनों का चक्रण एक ही दिशा में होता है जिससे पदार्थ में चुम्बकीय आधूर्ण काफी अधिक उत्पन्न हो जाता है।
अतः पदार्थ का हर परमाणु एक चुम्बक बन जाता है , इस पदार्थ के परमाणु आपस में अन्योन्य क्रिया करते है जिससे परमाणु प्रभावी क्षेत्र उत्पन्न करते है और इनको डोमेन कहा जाता है।
इन डोमेनो की व्यवस्था इस प्रकार होती है की बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र की अनुपस्थिति में सभी डोमेन अनियमित रूप से अभिविन्यासित रहते है जिससे ये एक दूसरे के चुंबकीय आघूर्ण को नष्ट कर देते है जिससे सम्पूर्ण पदार्थ का चुम्बकीय आघूर्ण शून्य प्राप्त होता है।
लेकिन बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र की उपस्थिति में सभी डोमेन एक निश्चित दिशा में अर्थात चुंबकीय क्षेत्र की दिशा में व्यवस्थित हो जाते है जिससे पदार्थ का चुम्बकीय आघूर्ण काफी अधिक प्राप्त होता है।
बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र हटाने पर डोमेन पुन: अपनी अवस्था में आ जाते है अत: हम कह सकते है की यह उत्क्रमणीय होती है।
लौह चुम्बकीय पदार्थों के गुण:
1. लोह चुंबकीय पदार्थ चुम्बकीय क्षेत्र से आकर्षित होते है। 2. अनु चुम्बकीय पदार्थ के सभी गुण लोह चुम्बकीय पदार्थ में पाए जाते है और ये अधिक प्रबलता के साथ पाए जाते है अर्थात जैसे अनु चुम्बकीय पदार्थ चुंबकीय क्षेत्र से आकर्षित होते है उसी प्रकार लोह चुम्बकीय पदार्थ भी चुम्बकीय क्षेत्र से आकर्षित होते है लेकिन लोह चुम्बकीय पदार्थ अधिक प्रबलता के साथ आकर्षित होते है।
Remark:
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