हिंदी दिवस पर निबंध – Essay on Hindi Diwas

Hindi Diwas essay in Hindi: हेलो स्टूडेंट, हम आपको इस आर्टिकल में हिंदी दिवस पर निबंध बताया गया है | पोस्ट अंत तक पढ़े

Essay on Hindi Diwas

प्रस्तावना

भारत के संविधान ने देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी को 1950 के अनुच्छेद 343 के तहत देश की आधिकारिक भाषा के रूप में 1950 में अपनाया। इसके साथ ही भारत सरकार के स्तर पर अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाएं औपचारिक रूप से इस्तेमाल हुईं। 1949 में भारत की संविधान सभा ने देश की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया। वर्ष 1949 से प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।Essay on Hindi Diwas

हिंदी दिवस का महत्व

हिंदी दिवस को उस दिन को याद करने के लिए मनाया जाता है जिस दिन हिंदी हमारे देश की आधिकारिक भाषा बन गई। यह हर साल हिंदी के महत्व पर जोर देने और हर पीढ़ी के बीच इसको बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है जो अंग्रेजी से प्रभावित है। यह युवाओं को अपनी जड़ों के बारे में याद दिलाने का एक तरीका है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कहाँ तक पहुंचे हैं और हम क्या करते हैं अगर हम अपनी जड़ों के साथ मैदान में डटे रहे और समन्वयित रहें तो हम अपनी पकड़ मजबूत बना लेंगे।

यह दिन हर साल हमें हमारी असली पहचान की याद दिलाता है और देश के लोगों को एकजुट करता है। जहां भी हम जाएँ हमारी भाषा, संस्कृति और मूल्य हमारे साथ बरक़रार रहने चाहिए और ये एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करते है। हिंदी दिवस एक ऐसा दिन है जो हमें देशभक्ति भावना के लिए प्रेरित करता है।

आज के समय में अंग्रेजी की ओर एक झुकाव है जिसे समझा जा सकता है क्योंकि अंग्रेजी का इस्तेमाल दुनिया भर में किया जाता है और यह भी भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक है। यह दिन हमें यह याद दिलाने का एक छोटा सा प्रयास है कि हिंदी हमारी आधिकारिक भाषा है और बहुत अधिक महत्व रखता है।

हिंदी दिवस – उत्सव

स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में मनाया जाने वाला हिंदी दिवस राष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाता है जिसमें देश के राष्ट्रपति उन लोगों को पुरस्कार देते हैं जिन्होंने हिंदी भाषा से संबंधित किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल की है।

स्कूलों और कॉलेजों में प्रबंधन समिति हिंदी वाद-विवाद, कविता या कहानी बोलने की प्रतियोगिताएं आयोजित करती है। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं और शिक्षक हिंदी भाषा के महत्व पर जोर देने के लिए भाषण भी देते हैं। कई स्कूल इंटर स्कूल हिंदी वाद-विवाद और कविता प्रतियोगिताओं की मेजबानी करते हैं। इंटर-स्कूल हिंदी निबंध और कहानी लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है। यह हिंदी भाषा को सम्मान देने का दिन है जो विशेषकर नई पीढ़ी के बीच अपना महत्व खो रही है।

यह दिन कार्यालयों और कई सरकारी संस्थानों में भी मनाया जाता है। भारतीय संस्कृति को आनन्दित करने के लिए लोग भारतीय जातीय परिधान पहनते हैं। महिलाएं सूट और साड़ियाँ पहनती हैं और पुरुष इस दिन कुर्ता पजामा पहनते हैं। इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और लोग उत्साह से उसमें भाग लेते हैं। बहुत से लोग हिंदी कविता पढ़ना और हमारी संस्कृति के महत्व के बारे में बात करते हैं।

हिंदी सप्ताह

हिंदी दिवस के दिन से हिंदी भाषा सप्ताह की शुरुआत होती है.ये सप्ताह 14-21 सितम्बर तक निरंतर सात दिन तक चलता

है.इसके दौरान अनेक कार्यक्रम किये जाते है.तथा अनेक प्रतियोगिताएँ की जाती है.इस सप्ताह का मुख्य उद्देश्य लोगो को हिंदी के प्रति जागरूक बनाना है.

तथा हिंदी को सम्मानजनक पदवी राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाना है.हिंदी के विकास के लिए इस सप्ताह का आयोजन होता है.इन सात दिनों में अनेक हिंदी भाषण निबंध लेख कविताए तथा पोस्टर की प्रतियोगिताएँ होती है.Essay on Hindi Diwas

Also read: हाथी पर निबंध

विश्व हिंदी दिवस// अन्तराष्ट्रीय हिंदी दिवस

हिंदी भाषा एक वैश्विक भाषा होने के कारण हिंदी के महत्व तथा विकास के लिए जागरूक करने के लिए 10 जनवरी को वैश्विक स्तर पर हिंदी दिवस मनाया जाता है.पहला विश्व हिंदी दिवस 1975 को मनाया गया.इस दिवस का उद्देश पुरे विश्व में हिंदी का प्रसार-प्रचार करना है.

हिंदी के विकास में विश्व हिंदी दिवस ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.आज हिंदी के अनुनायी विश्व के अनेक देशो में उपलब्ध है.जिसका प्रमुख कारण हिंदी भाषा का सरल होना तथा विश्व हिंदी दिवस से प्रेरित होना हो.

हिंदी के समक्ष चुनौतियां

 एक तरफ हिंदी को भारत में लोकप्रिय बनाने की कवायद चल रही है, विदेशों में भी लोकप्रिय बनाने की कवायद चल रही है वहीं दूसरी तरफ हिंदी बोलने वाले लोगों की हिचकिचाहट भी जगजाहिर है। भारत जैसे देश में जहां हिंदी समाचार माध्यम संचार माध्यमों की सबसे लोकप्रिय भाषा बन रही है, वहीं दूसरी ओर हिंदी गंभीर विचार-विमर्श का विषय भी बना हुआ है।

आज हिंदी पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। इसके बावजूद हिंदी बदलते समाज की संवाद की भाषा नहीं बन पाई है। हिंदी का रोजगार से ना जुड़ पाना, भूमंडलीकरण के दौर में चुनौतियों का सामना ना कर पाना हिंदी भाषियों के लिए चिंताए और मुश्किलें पैदा कर रहा है।

दुनिया के दूसरे कोने में पहुंच बनाने में हिंदी कामयाब हुई है। आज दुनिया भर में करोड़ों लोग हिंदी बोलने और समझने में सक्षम है। खासकर हिंदी फिल्मों के बाजार ने पूरी दुनिया में अपनी एक जगह बनाई है। लेकिन इसके बावजूद हिंदी की स्वीकारिता को लेकर अभी भी एक लंबी लड़ाई लड़ना जरूरी है। जानकार हिंदी के भविष्य को लेकर आज भी परेशान नजर आते हैं, खासकर भूमंडलीकरण के दौर में हिंदी, अंग्रेजी से काफी पिछड़ती दिख रही है। हिंदी के भविष्य और उसकी वर्तमान स्थिति को लेकर बहस का दौर 70 के दशक से चल रहा है।

वर्तमान में यह अकेली ऐसी भाषा होगी, जिसके लिए अलग राजभाषा विभाग, विश्व हिंदी सम्मेलन और विश्व हिंदी सचिवालय जैसी कई कवायदें चल रही है। जिस हिंदी ने भारत जैसे महान और बड़े देश को साहित्यिक एवं सामाजिक तौर पर दुनिया में एक अलग पहचान दिलाई उसी हिंदी को जिंदा रखने के लिए प्रत्येक वर्ष कई सम्मेलन एवं सेमिनार आयोजित किए जाते हैं।

जानकार मानते हैं की हिंदी के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन सम्मेलनों की सफलता और असफलता भी है। आज दुनिया में 6000 से ज्यादा भाषा बोली जाती है। इनमें अकेले एशिया में 22०० से ज्यादा भाषाएं बोली जाती है। इन भाषाओं के बीच में खड़ी हिंदी को धारण करने में सबसे बड़ी चुनौती दे रहा है : करियर। आज बड़ी से बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां हिंदी को प्राथमिकता ना देते हुए अंग्रेजी को प्राथमिकता देती हैं। इस तरह आज का युवा रोजगार पाने के लिए हिंदी से दूर होता जा जा रहा है।Essay on Hindi Diwas

बीते कुछ वर्षों में यह समझ मजबूत हुई है कि हिंदी को अगर आम आदमी की जेब से जोड़ दिया जाए तो यह अपने आप लोगों के दिलों से जुड़ जाएगी। जानकार मानते हैं कि हिंदी को पुरानी और परंपरागत बेड़ियों में जकड़े रखने से भी इसे नुकसान हुआ है। जाहिर है मोबाइल, ऐप, इंटरनेट और गैजेट्स के जमाने में अगर हिंदी को भी उसी तरीके में ढाला जाए तो बात कुछ अलग हो सकती है, खासकर युवा पीढ़ी को यह जिम्मा उठाने की प्रेरणा देनी चाहिए।

भारत के ही कई राज्यों में हिंदी का विरोध किसी से छुपा नहीं है। इसके पीछे कई राजनीतिक, सामाजिक कारण हो सकते हैं। लेकिन यह भी सच है की इस खूबसूरत हर भाषा के पुरोधा हिंदी बेल्ट से आगे आम हिंदुस्तानी के दिल में स्वीकार्यता दिलाने में नाकामयाब रहे हैं। भारत के भीतर हिंदी को लेकर भाषाई विवाद समझ से बाहर है। इसके अलावा बुनियादी सुविधा से लेकर उच्च शिक्षण संस्थान में हिंदी की कमजोर हालत एक बड़ी चुनौती है। हिंदी चुनौतियों की भीड़ में अकेली खड़ी है। हिंदी को सिर्फ भावनात्मक समर्थन नहीं बल्कि एक ऐसे बदलाव की जरूरत है, जो इसकी  दिशा और दशा तय करने में कारगर साबित हो।

source:
Learn Essay Speech

हिंदी का महत्व

 हिन्दी भाषा हमारी राष्ट्रीय भाषा के साथ-साथ हमारी संस्कृति के महत्व पर प्रकाश डालने के लिए महत्वपूर्ण कदम है, यह युवाओं को उनकी सभ्यता एवं संस्कृति के बारे में स्मरण कराने का एक उचित माध्यम है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कहाँ पहुंचते हैं और हम क्या करते हैं, अगर हम अपनी सभ्यता एवं संस्कृति के साथ कदम से कदम नहीं मिला सकते, पहचान नहीं रख सकते, तो हम अचूक रहते हैं।

प्रत्येक वर्ष, ये दिन हमें हमारी वास्तविक पहचान की याद दिलाता है और हमें अपने देश के लोगों के साथ एकजुट करता है। हमें संस्कृति और मूल्यों को बरकरार रखना चाहिए और यह दिन इसके लिए एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है। हिंदी दिवस एक ऐसा दिन है जो हमें देशभक्ति, संस्कृति एवं सभ्यता की भावना के साथ प्रेरित करता है।

हिन्दी भाषा को विभिन्न विदेशी भाषाओं के समक्ष तीव्रता से गिरावट का सामना करना पड़ रहा है और मातृभाषा की आवश्यकता को समझने के लिए और इसके महत्व को समझने के लिए ना सिर्फ हिन्दी दिवस मनाना जरूरी है, बल्कि हिन्दी भाषा को अपनाना भी उतना ही नितांत आवश्यक है इसी से हिन्दी भाषा और इसके महत्व की रक्षा हो सकती है। हिन्दी भाषा हमारी पहचान है, हमारे राष्ट्र की पहचान है और हमें अपनी पहचान, राष्ट्र की पहचान को एकजुट होकर शिखर पर पहुँचाना है। हिन्दी भाषा हमारी संभ्यता, संस्कृति की पहचान है। हिन्दी भाषा ही हमारी नींव है, हमारी धरोहर है, इसके महत्व को आगे बढ़ाने के लिए हमें दृढ़तापूर्वक एकजुट होकर कार्य करना है।

निष्कर्ष

हिन्दी दिवस हमारी राष्ट्रीय भाषा हिंदी को सम्मान देने का एक शानदार तरीका है। नई पीढ़ी पश्चिमी संस्कृति और अंग्रेजी भाषा से अधिक प्रभावित है और उनका आँख बंद करके पालन कर रही है। यह दिन उनकी संस्कृति की याद दिलाने का एक अच्छा तरीका है जो उनके चरित्र-निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top