पिता पर निबंध – Essay on Father in hindi

Essay on Father in hindi: हेलो स्टूडेंट, हम आपको इस आर्टिकल मे पिता पर निबंध बताया गया है | पोस्ट अंत तक पढ़े |

Essay on Father in hindi

प्रस्तावना

पिता हमें भगवान की तरफ से मिला एक अनमोल उपहार है। पिता अपने बच्चों का जन्मदाता और भाग्य विधाता होता है। पिता अपने बच्चों के साथ गुरु, भाई और दोस्त की भूमिका निभाते है। परिवार का पालन पोषण करने की जिम्मेदारी एक पिता की होती है। बच्चा अपने पिता को सच्चा हीरो समझता है। जीवन में संघर्ष करके अपने परिवार को खुशियां बांटने का काम सिर्फ पिता ही कर सकता है।

मेरे लिए पूरी दुनिया में सबसे प्यारे व्यक्ति मेरे पिता है। मैं उन्हें अपना आदर्श समझता हूँ और उनका प्रतिबिंब बनना चाहता हूँ। मेरे पिता एक शांति प्रिय ,धैर्यवान, दयालु और बड़े दिल वाले व्यक्ति है। एक बेटे, एक पति और एक पिता में जो गुण होने चाहिए वो सभी योग्यताएं मेरे पिता में मौजूद हैं।

उन्होंने बचपन से ही मुझे अच्छे संस्कारों की शिक्षा दी है और मुझे बुरी चीजों से हमेशा दुर रखा है। वो सदाय मेरे मार्गदर्शक रहे है। मेरे पिताजी ने हमें जीवन की सभी चुनौतियों को स्वीकार करना और उनका डटकर मुकाबला करना सिखाया है।Essay on father in hindi

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मेरे पिताजी की दिनचर्या

मेरे पिताजी जिंदगी में अनुशासन को ज्यादा महत्व देते है। उन्हें हर चीज समय पर करना पसंद है। वो  सुबह 5:30 बजे उठ जाते है। अपनी नित्य क्रिया बाद निरोगी रहने के लिए योग और कसरत करते है। फिर परिवार के साथ बैठकर सुबह का चाय और ब्रेकफास्ट करते है। उसके बाद स्नान करके हमें स्कूल छोड़ने आते है। वापस आकर मम्मी को घर के कार्यों में मदद करते है।

मेरे पिता के लिए कोई भी काम छोटा या बड़ा नही है। वो सभी कार्य को बड़ी निष्ठा के साथ करते है। सुबह 11 बजे से शाम के  6 बजे तक उनका ऑफिस रहता है। वहां भी पूरी ईमानदारी से अपना फ़र्ज़ निभाते है। ऑफिस से आने के बाद वो दादा और दादी को मंदिर ले जाते है। रात को हम अब साथ बैठकर खाना खाते है। उस समय हम दिनभर हुई घटनाओं के बारे में चर्चा करते है।

कभी कभी पिताजी हमें अच्छी कहानियां भी सुनाते है और जिसके जरिये हमें जीने की राह भी सिखाते है।मेरे पिताजी  हमारे घर के सभी सदस्यों की हमेशा  छोटी सी छोटी जरूरतों का ख्याल रखते है। छुट्टी के दिन पापा हमें घुमने भी ले जाते है।

मेरे पिता के गुण

मेरे पिताजी पारिवारिक कर्तव्यों को तो बड़ी बखूबी से निभाते ही हैं, साथ साथ सामाजिक कर्तव्यों को भी पूरी निष्ठा से निभाते है। पुरे समाज में सभी लोग उनको आदर और सम्मान देते है। वो जीवन के सभी शिष्टाचार और नैतिकता का पालन करते हुए ज़िंदगी को बड़ी ज़िंदादिली के साथ जीते है। सत्य और इमानदारी मेरे पिताजी के दो हथियार है। मेरे पिताजी को वांचन प्रिय है जिसकी बदौलत उनके पास काफी सारा ज्ञान है।

मेरे परिवार में अच्छे सलाहकार भी हैं। गलती होने पर मेरे पिता जी डांटने की बजाय मुझे प्यार पूर्वक समझाते है। मेरे पिताजी छोटी छोटी बातों में भी सकारात्मक  सोच रखते है और हमेश मुझ में आत्मविश्वास पैदा करते है। धन का सही उपयोग कैसे करना चाहिए वो भी मैने अपने पिता से ही सीखा  है। वो एक बहुत अच्छे खिलाड़ी और  बहेतरीन कलाकार भी है।

मेरे पिता का योगदान

मेरे जीवन में सबसे बड़ा अहम योगदान मेरे पिता बने। जिन्होंने हमेशा मुझे आगे बढ़ने की राह दिखाई और कभी गलत के प्रति झुकना नहीं सिखाया। जीवन में मैंने जो कुछ भी सीखा है, वह सब उन्हीं की बदौलत सीखा है। आज मैं जिस स्थिति में हूं उसका पूरा श्रेय मेरे पिता को जाता है।

मेरे बचपन से ही मेरे पिता ने कदम कदम पर मेरा साथ दिया। जब भी स्कूल जाने को लेकर मुझे रोना आता, तो मेरे पिता मुझे गोद में उठा कर प्यार करते और हमेशा मुस्कुराते रहते। जिससे मुझे भी मुस्कुराने की प्रेरणा मिलती थी।

बड़े होने के बाद भी मेरे पिता ने हमेशा मेरा साथ दिया और किसी भी प्रकार की कमी नहीं होने दी। मैंने जब बाहर जा कर पढ़ाई करने की इच्छा जताई, तो उस समय भी पिताजी ने साथ दिया और परिवार के अन्य लोगों को समझाया।Essay on Father in hindi

मेरे आदर्श मेरे पिता

जब भी स्कूल में बच्चों से उनके आदर्श के बारे में पूछा जाता, तो हमेशा मेरे पिता का नाम ही मेरे आदर्श के रूप में सामने आता। मैंने हमेशा अपने पिता के अंदर धैर्य, स्वाभिमान,  इमानदारी जैसे गुणों को देखा। और इस हिसाब से अपने पिता को मेरे आदर्श कहना सही होगा।

मेरे पिता के जीवन में भी ऐसा समय आया, जब वे अकेले खड़े रहे। लेकिन उस वक्त भी वे सही दिशा की ओर बढ़ते रहे। अपने जीवन में भी मुझे अकेलापन लगा, तो उस वक्त मेरे  पिता मेरे साथ ही रहे और यह मेरे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है।

पिता को भी होता है दुख

अक्सर हम अपने दिल की बात अपने पिता से करते हैं और ऐसा महसूस करते हैं कि वे हमारी सारी बातों को समझ रहे होंगे। जाने अनजाने हमसे कई सारी ऐसी बात हो जाती है,  जिससे हमारे पिता को दुख पहुंचता है। लेकिन हम कभी इस बारे में नहीं सोचते।

ऐसे में हमेशा हमें इन बातों का ख्याल रखना चाहिए, जिससे कि पिता को किसी भी प्रकार का दुख ना होने पाए। क्योंकि एक पिता ही होता है, जो अपने सपनों की कुर्बानी देकर अपने बच्चों को आगे बढ़ाते हैं और बच्चों को पता भी नहीं चलता। ऐसे में हमेशा अपने पिता की भावनाओं का सम्मान करना जरूरी है, ताकि पिता को भी किसी बात की कमी ना लगे।

मेरे पिता के गुण

मेरे पिता एक अच्छे इंसान है। उनमे कुछ बुरी आदते है, लेकिन उनमे ढेरो अच्छी आदते भी है। मेरे पिता में कही गुण है, जो की इस प्रकार है।  मेरे पिता पथ प्रदर्शक, प्रेरणा दाई, ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और एक सच्चे मित्र है।

मेरे पिता है मेरे मित्र

मेरे पिता मेरे सच्चे मित्र हैं। ऐसे तो किसी भी पिता का मित्र बनना आसान नहीं होता। लेकिन मेरे पिता मेरे मित्र बनकर हमेशा मेरे पथ प्रदर्शक रहे है। जिन्होंने एक सच्चे मित्र की तरह मेरी कमियों को बताया और मेरी खूबियों को भी उजागर किया। हम खुद को धन्य समझते हैं कि हमें ऐसे पिता का प्यार मिला।

एक पिता का कर्तव्य

कोई भी पिता हमेशा अपने बच्चों की खुशी ही चाहता हैं। फिर चाहे बच्चों ने उनकी परवाह की हो या ना की हो। जीवन में आ रही विसंगतियों के बावजूद एक पिता हमेशा अपने कर्तव्य के लिए डटा रहता हैं और अपने बच्चों के लिए खड़ा होता हैं।

बच्चों का साथ दुनिया में कोई दे या ना दे, लेकिन एक पिता हमेशा अपने बच्चों का साथ देते हुए आगे बढ़ता हैं और उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देता हैं। अगर बच्चा धूप में तड़प रहा है, तो हमेशा उसे छाव देने उसके पिता ही आगे आते हैं। ऐसे में हमेशा अपने पिता का सम्मान करना चाहिए और उन्हें कभी किसी के सामने झुकने नहीं देना चाहिए।

परिवार का मुखिया

पिता हमेशा अपने परिवार के मुखिया होते हैं, जो परिवार को किसी भी संकट की स्थिति से बचाते हैं। साथ ही साथ किसी प्रकार की दिक्कत आने पर भी परिवार के सदस्यों का पूरा ख्याल रखते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि सदस्यों के ऊपर विपरीत परिस्थितियां आती है और ऐसे में सदस्य खुद को अकेला महसूस करते हैं।

ऐसे में परिवार का मुखिया होने के नाते पिता आगे बढ़कर उनके कंधे पर हाथ रखते हैं और हमेशा उन पर अपना प्यार लुटाते हैं। जिसकी बदौलत ही परिवार के सदस्य आगे बढ़ते हैं और अपने धैर्य को प्राप्त कर लेते हैं।

मुखिया होने के नाते जीवन में चल रही उथल-पुथल को भी कम करने का सारा दारोमदार एक पिता के ऊपर होता है। कभी-कभी हम अपने ही पिता की भावनाओं को समझ नहीं पाते और यह हमारे लिए भूल का कारण होता है।Essay on father in hindi

अपने पिता का रखें खास ख्याल

हर पिता के जीवन में एक ऐसा दौर आता है, जब उन्हें खुद ही अपने बच्चों की आवश्यकता होती है। ऐसे समय में हमेशा अपने पिता का ख्याल रखना चाहिए और उन्हें किसी भी चीज की कमी नहीं होने देनी चाहिए।

हमें यह बात कभी नहीं भूलनी चाहिए कि हम पिता की बदौलत ही इस स्थिति पर पहुंचे हैं, कि खुद को साबित कर सकते हैं और खुद को सही दिशा की ओर आगे बढ़ा सकते हैं। ऐसे में जब भी हमें ऐसा महसूस हो कि हमारे पिता को हमारी जरूरत है। तो ऐसे में अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए अपने पिता का पूरा साथ देना चाहिए और उनका खास ख्याल रखना चाहिए। इससे हमारे पिता को खुशी मिलेगी और उनका आशीर्वाद हमे मिलेगा।

source:
Hindi-English Learning

उपसंहार

पिता हमारे परिवार के स्तंभ होते हैं। ऐसे में हमेशा उनकी भावनाओं का ख्याल रखना हमारी खास जिम्मेदारी होती है। मैंने भी पूरी कोशिश की है कि अपने पिता को वह सारी खुशियां दे सकूं, जो उनके हक की है।

ऐसे में मैंने भी उनका ख्याल रखने की ठानी है। हमेशा से यही उम्मीद है की हमें हमारे पिता का आशीर्वाद और प्यार जीवन भर मिलता रहे और हम उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ते रहें। क्योंकि पिता ने कहीं भी हमारे लिए खुद को नहीं बदला, ऐसे में हमें भी उन्हें खुश रखना चाहिए।

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