डायरी लेखन कैसे लिखते हैं? | Diary Lekhan in Hindi

हेलो स्टूडेंट, हम आपको इस आर्टिकल में हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण अध्याय diary lekhan kya hai आदि के बारे में बताया गया है |

डायरी-लेखन क्या है:

‘डायरी’ अर्थात ‘जो प्रतिदिन लिखी जाए’। हर दिन की विशेष घटनाएँ-प्रिय अथवा अप्रिय, जिन्होंने भी मन पर प्रभाव छोड़ा हो, डायरी में लिखी जाती हैं।

डायरी लिखने का उद्देश्य :

(1) व्यक्ति जो बात दूसरों को समझा पाने अथवा व्यक्त कर पाने में असमर्थ होता है, उसे वह डायरी में लिख लेता है। डायरी सही अर्थ में एक ‘सच्चे मित्र’ की तरह होती है, जिसे हम सब कुछ बता सकते हैं। इसमें प्रतिदिन की विशेष घटनाओं को लिखकर हम उन्हें यादगार बना लेते हैं।

(2) जिस प्रकार हम फोटो देखकर उस अवसर की याद ताजा कर लेते हैं, उसी प्रकार डायरी के माध्यम से हम अतीत में लौट सकते हैं तथा अपने खट्टे-मीठे अनुभवों को पुनर्जीवित कर सकते हैं।

(3) प्रसिद्ध व महान व्यक्ति भी डायरी लिखते थे। उनकी डायरी पढ़कर हम पूरा युग देख सकते हैं। कई बार यही डायरी आगे चलकर ‘आत्मकथा’ का रूप ले लेती है। जिससे हम महान व्यक्तियों के विचारों, अनुभवों व दिनचर्या के बारे में जान पाते हैं।

डायरी लिखते समय कुछ बातों का ध्यान रखें :

(1) पृष्ठ में सबसे ऊपर तिथि, दिन तथा लिखने का समय अवश्य लिखें।
(2) इसे प्रायः सोने जाने से पहले लिखें, ताकि पूरे दिन में घटित सभी विशेष घटनाओं को लिख सकें।
(3) डायरी के अंत में अपने हस्ताक्षर करें, ताकि वह आपके व्यक्तिगत दस्तावेज बन सकें।
(4) डायरी लिखते समय सरल व स्पष्ट भाषा का प्रयोग करें।
(5) डायरी में दर्ज विवरण संक्षिप्त होना चाहिए।
(6) अपने अनुभव को स्पष्टता से व्यक्त किया जाना चाहिए।
(7) डायरी में स्थान और तिथि का जिक्र होना चाहिए।
(8) इसमें अपना विश्लेषण, समाज आदि पर प्रभाव और निष्कर्ष दर्ज होना चाहिए।

डायरी लेखन के उदाहरण:

1. पुरस्कार प्राप्त होने के बाद जो ख़ुशी हुआ।

लखनऊ
23 अक्तूबर, 20XX, बुधवार
रात्रि 9 : 30 बजे
आज का दिन बहुत अच्छा बीता। विद्यालय की प्रार्थना सभा में समस्त विद्यार्थियों के सामने मुझे अंतर्विद्यालयी काव्य-पाठ प्रतियोगिता में जीता गया पुरस्कार दिया गया। घर आने पर मैंने माँ-पिता जी को पुरस्कार दिखाया, तब वे फूले नहीं समाए। दादी माँ ने मुझे आशीर्वाद दिया। अब मैं खाना खाने के बाद सोने जा रहा हूँ।

रोहित कुमार

2. वार्षिक परीक्षा की तिथि की घोषणा पर होनेवाली प्रतिक्रिया।

हसनपुर बागर
22 फरवरी, 2017
आज वार्षिक परीक्षा की सूचना मिली। न जाने क्यूँ मन में तरह-तरह की आशंकाएँ तिरने लगीं। जब-जब परीक्षा की घोषणा होती है, दिल दहल जाता है। हर बार सोचता हूँ कि कक्षा में प्रथम स्थान लाने के लिए अपेक्षित मेहनत करूँगा; लेकिन दीर्घ सूत्रता के कारण असफल हो जाता हूँ। ‘परीक्षा’ शब्द से ही मन में झुरझुरी होने लगती है। ऐसा लगता है मानो कोई बड़ी दुर्घटना होनेवाली है। देखता हूँ, इस बार क्या होता है।

शरद् कुमार ‘निराला’

3. परीक्षा में प्रथम अंक लाने पर जो ख़ुशी हुआ।

हैदराबाद
07 जनवरी, 20XX, बुधवार
रात्रि 10 : 45 बजे
आज मैं बहुत खुश हूँ, क्योंकि आज मेरी इच्छा पूरी हो गई है। आज कक्षा में अध्यापिका ने सबके सामने परीक्षा परिणाम घोषित किया। जब उन्होंने सबसे अधिक अंक प्राप्त करके प्रथम आने वाली छात्रा का नाम लिया, तब मुझे अपने कानों पर विश्वास ही नहीं हुआ, क्योंकि वह छात्रा कोई और नहीं मैं ही थी। सभी साथियों ने मेरी प्रशंसा की। घर आने पर मैंने माँ-पिता जी व दादा-दादी को रिपोर्ट कार्ड दिखाया, तो वे बहुत प्रसन्न हुए और मुझे न जाने कितने आशीर्वाद दिए।

अनुष्का

4. अच्छे दोस्त के चले जाने के बाद जो दुःख हुआ।

दिल्ली
12 जनवरी, 20XX, शुक्रवार
रात्रि 9 : 00 बजे
आज मेरा मन बहुत उदास है, क्योंकि मेरे बचपन का दोस्त कुणाल दिल्ली छोड़कर इलाहाबाद जा रहा है। उसके पिता जी का तबादला हो गया है। शाम को वह मुझसे मिलने आया था। वह भी बहुत दुखी था, परंतु उसने मुझसे वादा किया है कि वह फोन और पत्रों द्वारा मुझसे संपर्क बनाए रखेगा। कुणाल जैसा मित्र पाना बड़ी खुशकिस्मती की बात है। मैं ईश्वर से यही प्रार्थना करूँगा कि दूर जाने पर भी हमारी मित्रता में दूरी न आए।

वीरेन

5. परिक्षा मे कम अंक लाने पर अपने गुण-दोष की समीक्षा।

महेशवाड़ा
28 मार्च, 2018
आज वार्षिक परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ। इस बार फिर मैं द्वितीय स्थान पर ही आई। मुझे ऐसा लगता था कि इस बार मैं प्रथम स्थान प्राप्त करूँगी। अब मेरी समझ में आ रहा है कि हर बार मुझे दूसरा स्थान ही क्यों मिलता रहा है। मुझे स्मरण है कि मैंने चार-पाँच प्रश्नों के उत्तर कई बार काटकर लिखे हैं। ऑभर राइटिंग भी हुई है। मेरी लिखावट भी साफ-सुथरी नहीं होती है। एक बात और है, मुझमे आत्मविश्वास की जबर्दस्त कमी है। मैं कक्षा में भी चुपचाप बैठी रहती हूँ। यदि यही स्थिति रही तो निस्सन्देह, मैं हर जगह मात खा खा जाऊँगी। मुझे आत्मविश्वास जगाना ही होगा।

ऋचा

Hindi Grammar Class 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

हम उम्मीद रखते है कि diary lekhan kya hai आपकी स्टडी में उपयोगी साबित हुए होंगे | अगर आप लोगो को इससे रिलेटेड कोई भी किसी भी प्रकार का डॉउट हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूंछ सकते है |

FAQs

डायरी में क्या क्या लिखा जाता है?

एक डायरी हर किसी व्यक्ति की निजी जानकारियों जैसे विचार, एहसास, निजी राय, और काम से जुड़ी निजी बातों से भरी हुई एक जगह होती है। डायरी सबसे अहम तरीका होता है जिससे आप अपनी यादों को रख सकते हैं। साथ ही डायरी लिखने से व्यक्ति का मानसिक विकास होता है और वह एक क्रिएटिव व्यक्ति के रूप में उभर कर सामने आता है।

डायरी के फर्स्ट पेज में क्या लिखें?

इन्स्पिरेशनल कोट्स (inspirational quotes) और वो आपके लिए क्या मायने रखते हैं, लिखें: इन्स्पिरेशनल कोट्स किसी भी एक फेमस इंसान, आपकी फेवरिट बुक या मूवी, या फिर अपने फ़ैमिली मेम्बर के किसी फ्रेंड से भी मिल सकते हैं। ऐसा कोई भी कोट, जो आपको इंस्पायरिंग लगता है, एक अच्छी शुरुआत हो सकता है।

डायरी लेखन कौन से संचार में आती है?

डायरी गध साहित्य की एक प्रमुख विधा है इसमें लेखक आत्म साक्षात्कार करता है। वह अपने आपसे सम्प्रेषण की स्थिति में होता है। मानव के समस्त भावों मानसिक उद्वेगों,अनुभूति विचारों को अभिव्यक्त करने में साहित्य का सर्वोच्च स्थान है।

डायरी लिखने के क्या फायदे हैं?

डायरी हमें अपने विचारों को व्यवस्थित करने में मदद करती है. इसमें आप अपने कुछ निजी अनुभवों या राय के बारे में लिख सकते हैं. साथ ही दैनिक घटनाओं, विचारों और भावनाओं को इसमें दर्ज कर सकते हैं. इससे आप खुद को मानसिक तौर पर हल्‍का महसूस करते हैं.

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