Daab Kise Kahate Hain

Daab Kise Kahate Hain: हेलो स्टूडेंट्स, आज हमने यहां पर दाब की परिभाषा, प्रकार और उदाहरणDaab Kise Kahate Hainके बारे में विस्तार से बताया है। यह हर कक्षा की परीक्षा में पूछा जाने वाले यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।

Daab Kise Kahate Hain

परिभाषा : किसी सतह के प्रति इकाई क्षेत्रफल पर लगने वाला लम्बवत् बल दाब कहलाता है। दाब एक अदिश राशि है इसका SI मात्रक पास्कल अथवा न्यूटन/मीटर2 है। स्पष्ट है कि, किसी सतह पर पड़ने वाला दाब उस सतह पर आरोपित लम्बवत् बल के अनुक्रमानुपाती तथा सतह के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है। विमीय सूत्र [M L−1 T−2] होता है.

अर्थात्, यदि सतह के क्षेत्रफल को अपरिवर्तित रखते हुए बल की मात्रा में वृद्धि एवं कमी की जाए तो सतह पर पड़ने वाले दाब में भी क्रमशः वृद्धि एवं कमी होगी। इसके विपरीत, यदि बल को अपरिवर्तित रखते हुए सतह के क्षेत्रफल में वृद्धि की जाए तो सतह पर आरोपित दाब में कमी होगी तथा यदि क्षेत्रफल में कमी की जाए तो सतह पर आरोपित Daab Kise Kahate Hainदाब में वृद्धि होगी।

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दाब का सूत्र

P = f/A

P = Pressure

F = Force

वायुमंडलीय दाब (Atmospheric Pressure in hindi)

सामान्यतया वायुमंडलीय दाब वह दाब होता है, जो पारे के 76 सेमी० लम्बे कॉलम के द्वारा 0°C पर 45° अक्षांश पर समुद्रतल पर लगाया जाता है। यह एक वर्ग सेमी० अनुप्रस्थ काट वाले पारे के 76 सेमी० लम्बे कॉलम के भार के बराबर होता है। वायुमंडलीय दाब का SI मात्रक बार (bar) होता है।

•1 बार =10^5N/m^2

•वायुमंडलीय दाब 10 न्यूटन / मीटर अर्थात् एक बार के बराबर होता है।

•पृथ्वी की सतह से ऊपर जाने पर वायुमंडलीय दाब कम होता जाता है, जिसके कारण-(i) पहाड़ों पर खाना बनाने में कठिनाई होती है, (ii) वायुयान में बैठे यात्री के फाउण्टेन पेन से स्याही रिस जाती है।

•वायुमंडलीय दाब को बैरोमीटर से मापा जाता है। इसकी सहायता से मौसम संबंधी पूर्वानुमान भी लगाया जा सकता है।

• बैरोमीटर का पाठ्यांक जब एकाएक नीचे गिरता है, तो आँधी आने की संभावना होती है।

•बैरोमीटर का पाठ्यांक जब धीरे धीरे नीचे गिरता है, तो वर्षा होने की संभावना होती है।

•बैरोमीटर क पाठ्यांक जब धीरे-धीरे ऊपर चढ़ता है, तो दिन साफ रहने की संभावना होती है।

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द्रव में दाब (Pressure in Liquid)

द्रव के अणुओं के द्वारा बर्तन की दीवार अथवा तली के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को द्रव का दाब कहते हैं।Daab Kise Kahate Hain द्रव के अन्दर किसी बिन्दु पर द्रव के कारण दाब द्रव की सतह से उस बिन्दु की गहराई (1) द्रव के घनत्व (d) तथा गुरुत्वीय त्वरण (g) के गुणनफल के बराबर होता है।

p (दाब)=h×d×g

द्रवों में दाब के नियम-

(i) स्थिर द्रव में एक ही क्षैतिज तल में स्थित सभी बिन्दुओं पर दाब समान होता है।

(ii) स्थिर द्रव के भीतर किसी बिन्दु पर दाब प्रत्येक दिशा में बराबर होता है।

(iii) द्रव के भीतर किसी बिन्दु पर दाब स्वतंत्र तल से बिन्दु की गहराई के अनुक्रमानुपाती होता है।

(iv) किसी बिन्दु पर द्रव का दाब द्रव के घनत्व पर निर्भर करता है। घनत्व अधिक होने पर दाब भी अधिक होता हैं।

दाब सम्बन्धी पास्कल का नियम

(a)पास्कल के नियम का प्रथम कथन-यदि गुरुत्वीय प्रभाव को नगण्य माना जाय तो संतुलन की अवस्था में द्रव के भीतर प्रत्येक बिन्दु पर दबाव समान होता है।

(b)पास्कल के नियम का द्वितीय कथन-किसी बर्तन में बंद द्रव के किसी भाग पर आरोपित बल, द्रव द्वारा सभी दिशाओं में समान परिमाण में संचरित कर दिया जाता ।

•पास्कल के नियम पर आधारित कुछ यत्र हैं- हाइड्रोलिक लिफ्ट, हाइड्रोलिक प्रेस, हाइड्रोलिक ब्रेक आदि।

•द्रव का दाब उस पात्र के आकार या आकृति परDaab Kise Kahate Hain निर्भर नहीं करता जिसमें द्रव रखा जाता है।

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गलनांक तथा क्वथनांक पर दाब का प्रभाव (Effect of Pressure on Melting Point and Boiling Point)

गलनांक पर प्रभाव—

(i) गरम करने पर जिन पदार्थों का आयतन बढ़ता है, दाब बढ़ाने पर उनका गलनांक भी बढ़ जाता है; जैसे—मोम घी, आदि ।

(ii) गरम करने पर जिन पदार्थों का आयतन घट जाता है, दाब बढ़ाने पर उनका गलनांक भी कम हो जाता है। जैसे—बर्फ

क्वथनांक पर प्रभाव—सभी द्रवों का क्वथनांक दाब बढ़ाने पर बढ़ जाता है

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