संचार व्यवस्था (Communication system):-सूचना को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजने की व्यवस्था को संचार व्यवस्था कहते है।
इसके मुख्य भाग निम्न है:-
1. प्रेषित
2. चैनल
3. अभिग्राही
संदेश सिग्नल को सीधे ही प्रेषित करना सम्भव नहीं है। क्योंकि ये अधिक दूरी तक नहीं जा सकते है। संदेश सिग्नल को प्रेषित में भेजते है। प्रेषित्र को कार्य संदेश सिग्नल को प्रेशन योग्य बनाता है। जिसके लिए संदेश सिग्नल में वांछित परिवर्तन किये जाते है। प्रेषित्र से प्राप्त सिग्नल को चैनल में भेजा जाता है। चैनल एक ऐसा भौतिक माध्यम है जो प्रेषित और अभिग्राही को जोड़ता है संचार व्यवस्था के आधार पर यहा तार केवल अथवा खुला आकाश हो सकता है। चैनल से प्राप्त सिंग्नल अभिग्राही में भेजे जाते है। अभिग्राही का मुख्य कार्य वाहक तंरग और अवांछनीय सिग्नल को दूर करके मूल रूप में सूचना को प्राप्त करना है इस प्रकार मूल सूचना उपयोगकर्ता को प्रदान कर दी जाती है।
संचार व्यवस्था कितने प्रकार :-
संचार व्यवस्था दो प्रकार की है।
1. बिन्दु से बिन्दुव्त संचार व्यवस्था:- इसमें प्रेषित्र का सम्बन्ध केवल एक अभिग्राही से होता है चैनल के रूप में तार अथवा केबल काम में लेते है जैसे – टेलीफोन, टेलीग्राम, फैक्स आदि
2. प्रसारण व्यवस्था:- इसमें प्रेषित्र का सम्बन्ध अनेक अभिग्राहियों से हो सकता है चैनल के रूप में खुला आकाश, वायुमण्डल काम मे लेते है। जैसे – रेडियो, टीवी, मोबाइल आदि
Remark:
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