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UP Board Solutions for Class 9 Science Chapter 10 Gravitation (गुरुत्वाकर्षण)
पाठ्य – पुस्तक के प्रश्नोत्तर
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 149)
प्रश्न 1.
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम बताइये।
उत्तर-
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम-विश्व का प्रत्येक पिंड प्रत्येक अन्य पिंड को एक बल से आकर्षित करता है, जो दोनों पिंडों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह बल दोनों पिंडों को मिलाने वाली रेखा की दिशा में लगता है।
चित्र- किन्हीं दो एकसमान पिंडों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल उनके केंद्रों को मिलाने वाली रेखा की दिशा में निदेशित होता है।
प्रश्न 2.
पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 152)
प्रश्न 1.
मुक्त पतन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
जब किसी वस्तु को किसी, मीनार या मकान की छत से मुक्त रूप से छोड़ा जाता है तो वस्तु पृथ्वी के आकर्षण के कारण बढ़ते हुए वेग से पृथ्वी तल की ओर गिरती है। पृथ्वी के आकर्षण के कारण किसी वस्तु का मुक्त रूप से पृथ्वी तल की ओर गिरना मुक्त पतन कहलाता है।
प्रश्न 2.
गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी के आकर्षण के कारण पृथ्वी तल की ओर गिरती हुई किसी वस्तु का त्वरण ‘गुरुत्वीय त्वरण कहलाता है।
इसे ‘g’ से प्रदर्शित करते हैं। पृथ्वी तल पर गुरुत्वीय त्वरण का मान 9.8 m/s² है।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 153)
प्रश्न 1.
किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अन्तर है?
प्रश्न 2.
किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का गुणा क्यों होता है?
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 157)
प्रश्न 1.
एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों?
उत्तर-
जब स्कूल बैग को उसके साथ लगे एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से उठाते हैं तो हाथ तथा डोरी के मध्य संपर्क क्षेत्रफल बहुत कम होता है तथा स्कूल बैग के भार के कारण हमारे हाथ पर दाब अधिक पड़ता है क्योंकि जब बल छोटे क्षेत्रफल पर लगता है तो दाब अधिक होता है अर्थात् बल का प्रभाव अधिक होता है इसी कारण स्कूल बैग को पतली डोरी से बने पट्टे की सहायता से उठाना कठिन है।
प्रश्न 2.
उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
जब किसी वस्तु को किसी तरल पदार्थ में डुबाया जाता है तो उस वस्तु पर ऊपर की दिशा में एक बल लगता है। यह बल वस्तु द्वारा हटाए गए तरल पदार्थ के भार के बराबर होता है। इस प्रकार वस्तु पर ऊपर की ओर लगने वाले बल को उत्प्लावकता बल या उत्प्लावन बल कहते हैं। यदि तरल पदार्थ का घनत्व अधिक होगा तो वस्तु द्वारा हटाए गये तरल पदार्थ का भार भी अधिक होगा और उत्प्लावन बल भी अधिक होगा।
प्रश्न 3.
पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या बुबती है?
उत्तर-
जब किसी वस्तु को पानी की सतह पर रखा जाता है या पानी में डुबाया जाता है तो यदि वस्तु द्वारा हटाए गये पानी का भार वस्तु के भार से अधिक है अर्थात् वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से कम है तो वस्तु पानी पर तैरती रहेगी। यदि वस्तु द्वारा हटाए गये पानी का भार वस्तु के भार से कम हो अर्थात् वस्तु का घनत्व पानी से अधिक हो तो वस्तु पानी में डूब जायेगी।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 158)
प्रश्न 1.
एक तुला (weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 kg नोट करते हैं। क्या आपको द्रव्यमान 42 kg से अधिक है या कम?
उत्तर-
वास्तव में हमारा द्रव्यमान 42 kg से अधिक है। जब हम अपना भार एक कमानीदार तुला से मापते हैं। तो वायु द्वारा हमारे शरीर पर ऊपर की ओर उत्प्लावन बल लगता है, जिसके कारण हमारा भार कुछ कम हो जाता है|
प्रश्न 2.
आपके पास एक रुई को बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100 kg द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक-दूसरे से भारी है। क्या आप बता सकते हैं कि कौन-सा भारी है और क्यों?
उत्तर-
वास्तव में रुई का बोरा लोहे की छड़ की अपेक्षा भारी होगा क्योंकि रुई के बारे का आयतन अधिक होने के कारण रुई के बोरे द्वारा हटाये गये वायु को भार लोहे की छड़ द्वारा हटाये गये वायु के भार से अधिक होगा। अतः वायु में रूई के बोरे के भार में अधिक कमी होती है। परन्तु दोनों का वायु में भार समान है अतः हम | कह सकते हैं कि वास्तव में रुई के बोरे का भार लोहे की। छड़ की अपेक्षा अधिक होगा।
अभ्यास प्रश्न (पृष्ठ संख्या 160 – 161)
प्रश्न 1.
यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा?
उत्तर-
गुरुत्वाकर्षण के सार्वभौमिक नियमानुसार दो वस्तुओं के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल उनके बीच दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
अतः वस्तु के बीच दूरी आधी करने पर उनके बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल चार गुना हो जाता है।
प्रश्न 2.
सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेजी से क्यों नहीं गिरती?
उत्तर-
स्वतंत्र रूप से गिरते समय प्रत्येक वस्तु त्वरण ‘g’ अनुभव करती है। इसे द्वारा व्यक्त किया जाता है जहाँ, G = सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक तथा R = पृथ्वी की त्रिज्या है।
अतः स्वतंत्र रूप से गिरते समय, भारी वस्तु अपेक्षाकृत तेजी से नहीं गिरती है।
प्रश्न 3.
पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 x 1024 kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4 x 106 m है)।
प्रश्न 4.
पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है या छोटा है या बराबर है? बताइए क्यों?
उत्तर-
पृथ्वी चंद्रमा को उसी बल से अपनी ओर आकर्षित करती है जिस बल से चंद्रमा पृथ्वी को अपनी ओर आकर्षित करता है। क्योंकि, गुरुत्वाकर्षण के सार्वभौमिक नियम के अनुसार, अंतरिक्ष में प्रत्येक वस्तु अन्य दूसरी वस्तु को उसी बल से आकर्षित करती है जो उन वस्तुओं की मात्रा के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
प्रश्न 5.
यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती?
उत्तर-
न्यूटन की गति के तीसरे नियम के अनुसार, चंद्रमी भी पृथ्वी को अपनी ओर आकर्षित करता है। किन्तु, न्यूटन की गति के दूसरे नियम के अनुसार त्वरण, वस्तु के द्रव्यमान के व्युत्क्रमानुपाती होता है। चंद्रमा की द्रव्यमान पृथ्वी से बहुत कम है। अतः हम पृथ्वी को चंद्रमा की ओर गति करते नहीं देखते हैं।
प्रश्न 6.
दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि-
(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाए?
(ii) वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी अथवा तीन गुनी कर दी जाए?
(iii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर दिए जाएँ?
प्रश्न 7.
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्त्व हैं?
उत्तर-
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम का महत्त्व-
(i) इस बल के कारण ही सभी जीव-जन्तु, पेड़-पौधे आदि पृथ्वी पर टिके हुए हैं।
(ii) सौरमण्डल में सूर्य के चारों ओर ग्रहे गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही चक्कर लगाते हैं।
(ii) चन्द्रमा भी पृथ्वी के चारों ओर गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही चक्कर लगाता है।
(iv) समुद्र में ज्वार-भाटा भी चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण के कारण उत्पन्न होता है।
(v) पृथ्वी पर वायुमण्डल भी इसी गुरुत्वाकर्षण बल के कारण है।
प्रश्न 8.
मुक्त पतन का त्वरण क्या है?
उत्तर-
स्वतंत्र रूप से नीचे गिरती हुई वस्तुओं का त्वरण 9.8 m/s-2 होता है जो अग्रे प्रकार से ज्ञात किया जा सकता है।
मान लिया कोई m द्रव्यमान की वस्तु स्वतंत्र रूप से पृथ्वी की ओर नीचे त्वरण g से गिरती है तो वस्तु पर लगा बल
F = mg
परन्तु गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार
प्रश्न 9.
पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे?
उत्तर-
किसी वस्तु तथा पृथ्वी के मध्य लगा आकर्षण बल उस वस्तु का भार कहलाता है।
प्रश्न 10.
एक व्यक्ति A अपने मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषुवत् वृत्त पर अपने मित्र को दे देता है। क्या उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट होगा? यदि नहीं तो क्यों? (संकेत : ध्रुवों पर g का मान विषुवत् वृत्त की अपेक्षा अधिक है।)
उत्तर-
व्यक्ति A का मित्र उसके द्वारा ध्रुवों पर खरीदे गए सोने के भार से सहमत नहीं होगा क्योंकि भूमध्य (या विषुवत्) रेखा पर उसी सोने का भार ध्रुवों की अपेक्षा कम होगा। इसका कारण यह है कि वस्तु का भार गुरुत्वीय त्वरण g पर निर्भर करता है। पृथ्वी ध्रुवों पर थोड़ी पिचकी हुई है जिसके कारण ध्रुवों पर पृथ्वी की त्रिज्या भूमध्य रेखा की अपेक्षा कम है। गुरुत्वीय त्वरण पृथ्वी की त्रिज्या के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। ध्रुवों पर g का मान भूमध्य रेखा की अपेक्षा कम होगा। अतः ध्रुवों पर सोने का भार भूमध्य रेखा की अपेक्षा कम होगा।
प्रश्न 11.
एक कागज की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है?
उत्तर-
जब कागज के पन्ने को गेंद की आकृति में बदला जाता है तो उसका पृष्ठ क्षेत्रफल जो वायु के संपर्क में आता है कम हो जाता है इस प्रकार नीचे गिरते समय वायु द्वारा उस पर पेपर सीट की अपेक्षा कम प्रतिरोध लगता है। अतः गेंद की आकृति का कागज नीचे जल्दी गिरता है, पेपर सीट का क्षेत्रफल अधिक होने के कारण वायु का प्रतिरोध अधिक लगता है इसलिए वह धीरे गिरता है।
प्रश्न 12.
चन्द्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा ३ गुणा है। एक 10 kg की वस्तु का चन्द्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा?
हल-
वस्तु का द्रव्यमान m = 10 kg
पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण g = 9.8 m/s2
पृथ्वी पर वस्तु का भार = m x g = 10 x 9.8 = 98 N
चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान g = = 1.63 m/s2
चन्द्रमा पर वस्तु का भार = mg = 10 x 1.63 = 16.3 N
वस्तु का द्रव्यमान प्रत्येक स्थान पर स्थिर रहता है।
अतः वस्तु का पृथ्वी पर द्रव्यमान = 10 kg
वस्तु का चन्द्रमा पर द्रव्यमान = 10 kg
प्रश्न 13.
एक गेंद को ऊध्र्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 49 m/s के वेग से फेंकी जाती है तो परिकलन कीजिए
(i) अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक कि गेंद पहुँचती है।
(ii) पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय।
हल-
(i) वस्तु का आरंभिक वेग, u = 49 m/s
अधिकतम ऊँचाई पर वस्तु का वेग, v = 0
गुरुत्वीय त्वरण, g = – 9.8 m/s2
मान लिया गेंद द्वारा तय की गई अधिकतम ऊँचाई = h
हम जानते हैं कि,
गेंद द्वारा जितना समय अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में लिया जाता है उतना ही समय वापस पृथ्वी तल पर लौटने में लिया जाएगा।
अतः गेंद द्वारा लिया गया कुल समय = 5 + 5 = 10 सेकण्ड।
प्रश्न 14.
19.6 m ऊँची एक मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।
हल-
मीनार की ऊँचाई h = 19.6 m
g = 9.8 m/s2
पत्थर को आरंभिक वेग u = 0
मान लिया पत्थर का अन्तिम वेग v = ?
हम जानते हैं,
v2 – u2 = 2gh
⇒ v2 – 0 = 2 (9.8) x 19.6
⇒ v2 = 19.6 x 19.6
⇒ v = 19.6 m/s
प्रश्न 15.
कोई पत्थर ऊध्र्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 40 m/s के प्रारंभिक वेग से फेंका गया है। g = 10 m/s लेते हुए ग्राफ की सहायता से पत्थर द्वारा पहुँची अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी?
हल-
प्रारंभिक वेग u = 40 m/s
ऊपर की ओर गुरुत्वीय त्वरण, g = 10 m/s2 नीचे की ओर
माना कि पत्थर को उच्चतम बिंदु तक आने में 1 सेकण्ड लगते हैं, जहाँ उसका वेग v = 0 हो जाता है।
अब, v = u – gt
0 = 40 – 10t
या 10t = 40
या t = 4 सेकण्डे
अर्थात् अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में पत्थर को 4 सेकण्ड लगते हैं।
पुनः v = u – gt
g = 10 m/s2 तथा क्रमशः t = 0, 1, 2, 3, 4 सेकण्ड रखने पर निम्नांकित सारणी प्राप्त होती है-
पत्थर पर कुल विस्थापन = प्रारंभिक तथा अंतिम बिंदु के बीच सरल रेखीय गति
जबकि कुल तय दूरी = तय किए गए पथ की लंबाई = 2 x अधिकतम ऊँचाई = 2 x 80 = 160 m.
प्रश्न 16.
पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया है,
पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 x 1024 kg तथा सूर्य का द्रव्यमान = 2 x 1030 kg।
दोनों के बीच की औसत दूरी 1.5 x 1011 m है।
प्रश्न 17.
कोई पत्थर 100 m ऊँची किसी मीनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25 m/s के वेग से ऊध्र्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया। परिकलने कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहाँ मिलेंगे?
हल-
माना पत्थर t सेकण्ड पश्चात् मिलेंगे।
पहले पत्थर द्वारा t सेकण्ड में चली गई दूरी,
प्रश्न 18.
ऊध्र्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6s पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है। ज्ञात कीजिए।
(a) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई;
(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई; तथा
(c) 4s पश्चात् गेंद की स्थिति।
प्रश्न 19.
किसी दूर्व में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है?
उत्तर-
जब किसी वस्तु को किसी द्रव में डुबोया जाता है तो वस्तु पर ऊध्र्वाधर ऊपर की ओर उत्प्लावन बल लगता है।
प्रश्न 20.
पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है?
उत्तर-
जब प्लास्टिक के गुटके को पानी में डुबोकर छोड़ा जाता है तो वह पानी की सतह पर ऊपर आ जाता है। क्योंकि प्लास्टिक के गुटके पर पानी के कारण लगने वाला उत्प्लावन बल गुटके के भार से अधिक होता है। या हम यह भी कह सकते हैं कि प्लास्टिक के गुटके का घनत्व पानी के घनत्व से कम है इसलिए यह पानी में छोड़ने पर पानी में नहीं डूबता बल्कि पानी पर तैरने लगता है।
प्रश्न 21.
50 g के किसी पदार्थ का आयतन 20 cm है। यदि पानी का घनत्व 1 gcm हो, तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा?
हल-
पदार्थ का द्रव्यमान, m = 50 g
आयतन V = 20 g/cm3
पदार्थ का घनत्व = = = 2.5 g/cms
पदार्थ का घनत्व (2.5 g/cm3) पानी के घनत्व (1 g/cm3) से अधिक है इसलिए यह पानी में डूब जाएगा।
प्रश्न 22.
500 g के एक मोहरबंद पैकेट का आयतन 350 cm3 है। पैकेट 1 g cm-3 घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा? इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा?
हल-
(i) सील किए हुए पैकेट का द्रव्यमान,
m = 500 g
आयतन, V = 350 cm3
धनत्व = = = = 1.43 g/cm
पैकेट पानी में डूब जाएगा क्योंकि इसका घनत्व पानी के घनत्व से अधिक है इसलिए पानी द्वारा लगाया गया उत्प्लावन बल पैकेट के भार से कम है।
(ii) पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का आयतन = 350 cm3
पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान = पानी का घनत्व x पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का आयतन = 1 x 350 = 350 ग्राम
अतः पैकेट द्वारा विस्थापित जल का भार 350 ग्राम होगा।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सार्वत्रिक नियतांक का मान कितना है?
उत्तर-
सार्वत्रिक नियतांक का मान है 6.67 x 10-11 Nm/kg2
प्रश्न 2.
पृथ्वी की सतह पर ‘G’ का मान 6.673 x 10-11 Nmkg-2 है। चन्द्रमा की सतह पर ‘G’ का मान क्या होगा?
उत्तर-
चन्द्रमा की सतह पर ‘G’ का मान 6.673 x 10-11 Nm kg-2 होगा।
प्रश्न 3.
1 किग्रा द्रव्यमान की वस्तु का भार कितना होगा? (g = 9.8 मी/से)
हल-
W = m x g = 1 x 9.8 = 9.8 न्यूटन।
प्रश्न 4.
पृथ्वी की सतह पर किसी वस्तु को द्रव्यमान 10 किग्रा है। इसका भार कितना होगा यदि इसे पृथ्वी के केन्द्र पर ले जायें?
उत्तर-
शून्य, क्योंकि पृथ्वी के केन्द्र पर गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान शून्य होता है।
प्रश्न 5.
समुद्र में ज्वार-भाटा बनने के लिए उत्तरदायी बल का प्रकार तथा नाम बताइए।
उत्तर-
गुरुत्वाकर्षण बल |
प्रश्न 6.
G का मान्य मान क्या है?
उत्तर-
6.67 x 10-11 Nm/kg2
प्रश्न 7.
उस बल का नाम बताइए जो मुक्त पतन में वस्तु को त्वरित करता है?
उत्तर-
पृथ्वी का गुरुत्व बले।
प्रश्न 8.
मुक्त पतन का त्वरण क्या होगा?
उत्तर-
मुक्त पतन का त्वरण 9.8 ms-2 है।
प्रश्न 9.
पृथ्वी के अन्य स्थानों की तुलना में पृथ्वी के केंद्र पर वस्तु का द्रव्यमान क्या होगा?
उत्तर-
वस्तु का द्रव्यमान, प्रत्येक स्थान पर स्थिर रहता है।
प्रश्न 10.
m1 वे m2 द्रव्यमान अगर R दूरी पर हों तो उनके मध्य लगने वाला बल कितना होगा?
उत्तर-
प्रश्न 11.
क्या स्थिरांक G का मान प्रत्येक स्थान के लिए समान रहता है?
उत्तर-
हाँ, यह एक सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक है।
प्रश्न 12.
G को S.I. मात्रक लिखिए।
उत्तर-
G का S.I. मात्रक है Nm/kg2
प्रश्न 13.
पृथ्वी की सतह पर किसी वस्तु का द्रव्यमान 10 kg है। इसका भार कितना होगा यदि इसे पृथ्वी के केंद्र पर ले जाएँ?
उत्तर-
शून्य। क्योंकि पृथ्वी के केंद्र पर गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान शून्य होता है।
प्रश्न 14.
g और G में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर-
प्रश्न 15.
किसी वस्तु का पृथ्वी पर द्रव्यमान 50 kg है। चन्द्रमा पर उसका द्रव्यमान क्या होगा और क्यों?
उत्तर-
वस्तु का चन्द्रमा पर द्रव्यमान 50 kg होगा। क्योंकि प्रत्येक स्थान पर द्रव्यमान का मान अचर रहता है।
प्रश्न 16.
दाब की परिभाषा कीजिए।
उत्तर-
एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाला प्रणोद दाब कहलाता है।
प्रश्न 17.
किसी द्रव में डुबोने पर कोई वस्तु हल्की क्यों प्रतीत होती है?
उत्तर-
द्रव द्वारा वस्तु पर लगाए गए उत्प्लावन बल के कारण।
प्रश्न 18.
किसी पदार्थ का घनत्व 825 kgm-3 है। बताइए यह पानी में डूबेगा या तैरेगा। पानी का घनत्व 1000 kgm-3
उत्तर-
पदार्थ का घनत्व पानी के घनत्व से कम है। अतः पदार्थ पानी पर तैरेगा।
प्रश्न 19.
एक वस्तु को पहाड़ की चोटी पर ले जाने पर उसका भार कम होगा अथवा अधिक?
उत्तर-
उसका भार कम होगा क्योंकि ‘g’ को मान ऊँचाई पर कम होता जाता है।
प्रश्न 20.
किसी वस्तु के द्रव्यमान की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
किसी वस्तु में निहित द्रव्य का परिमाण उसका द्रव्यमान कहलाता है।
प्रश्न 21.
1 किग्रा-भार कितने न्यूटन के बराबर है।
उत्तर-
1 किग्रा भार = 9.8 न्यूटनन्।
प्रश्न 22.
1 किग्रा और 5 किग्रा के दो पत्थर कुतुबमीनार की चोटी से साथ-साथ गिराये गये। कौनसा पत्थर पृथ्वी पर पहले पहुँचेगा?
उत्तर-
दोनों पत्थर पृथ्वी पर साथ-साथ पहुँचेंगे।
प्रश्न 23.
भार ज्ञात करने के लिए किस प्रकार की तुला का प्रयोग करते हैं?
उत्तर-
कमानीदार तुला का।
प्रश्न 24.
एक वस्तु का द्रव्यमान पृथ्वी पर 600 ग्राम है, चन्द्रमा पर उसका द्रव्यमान क्या होगा?
उत्तर-
600 ग्राम ही होगा, क्योंकि द्रव्यमान सदा समान रहता है।
प्रश्न 25.
चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान क्या है?
उत्तर-
पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण के मान का
प्रश्न 26.
एक व्यक्ति का पृथ्वी पर भार 600 किग्रा-भार है, तो चन्द्रमा पर उसका भार कितना होगा?
उत्तर-
100 किंग्रा-भार।
प्रश्न 27.
ग्रह अपने परिपथ में क्यों घूमते हैं?
उत्तर-
ग्रह अपने परिपथ में सूर्य के गुरुत्वाकर्षण के कारण घूमते हैं।
प्रश्न 28.
यदि दो पिंडों के मध्य दूरी आधी कर दी जाये तो गुरुत्वाकर्षण कितना हो जायेगा?
उत्तर-
गुरुत्वाकर्षण बल पिंडों के मध्य दूरी आधी करने पर चार गुना हो जायेगा क्योंकि F ∝
प्रश्न 29.
उस बल का नाम बताइए जो चंद्रमा को पृथ्वी के चारों ओर घूमने के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर-
पृथ्वी का अभिकेन्द्रीय बल।
प्रश्न 30.
ग्रह कक्षाओं में क्यों घूमते हैं?
उत्तर-
सूर्य के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
आर्किमिडीज का सिद्धान्त बताइए।
उत्तर-
आर्किमिडीज का सिद्धान्त- जब किसी वस्तु को किसी तरल में पूर्ण या आंशिक रूप से डुबोया जाता है। तो वह ऊपर की दिशा में एक बल का अनुभव करती है जो वस्तु द्वारा हटाए गए तरल के भार के बराबर होता है।
प्रश्न 2.
उत्प्लावन बल से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
किसी वस्तु को किसी तरल में डुबोने पर, उसके द्वारा अनुभव किया गया ऊपर की ओर लगने वाला बल, उत्प्लावन बल कहलाती है।
प्रश्न 3.
आपेक्षिक घनत्व क्या है?
यदि किसी वस्तु को किसी द्रव में पूर्णतया डुबोया जाए जिससे उत्प्लावन बल, वस्तु के भार के बराबर हो, तो द्रव तथा वस्तु के आपेक्षिक घनत्वों के बीच क्या संबंध होगा?
उत्तर-
आपेक्षिक घनत्व- किसी पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व उसके और पानी के घनत्व का अनुपात है अर्थात्
प्रश्न 4.
न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण सम्बन्धी नियम लिखिए तथा सम्बन्धित सूत्र दीजिए।
उत्तर-
दो बिन्दु कणों को पारस्परिक गुरुत्वाकर्षण बल दोनों कणों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है तथा बल की दिशा दोनों वस्तुओं को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश होती है।
यदि एक कण का द्रव्यमान m1 दूसरे कण का द्रव्यमान m2 तथा उनके बीच की दूरी r हो तो
यहाँ F दोनों वस्तुओं के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल है तथा G सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक है।
प्रश्न 5.
गुरुत्वाकर्षण नियतांक क्या होता है? इसका S.I. मात्रक निगमित कीजिए।
उत्तर-
यदि दो पिण्डों के द्रव्यमान m1 एवं m2 तथा उनके बीच की दूरी हो तो पिण्डों के बीच गुरुत्वाकर्षण
प्रश्न 6.
गुरुत्वाकर्षण, गुरुत्व तथा गुरुत्वीय त्वरण में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पदार्थ के किन्हीं दो कणों के बीच उनके द्रव्यमान तथा बीच की दूरी पर निर्भर रहने वाले आकर्षण बल के उत्पन्न होने के गुण को गुरुत्वाकर्षण (Gravitation) कहते हैं, जबकि पृथ्वी द्वारा किसी पिण्ड पर आरोपित गुरुत्वाकर्षण बल को गुरुत्व (Gravity) तथा इसके द्वारा पिण्ड में उत्पन्न त्वरण को गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं।
इस प्रकार गुरुत्वाकर्षण द्रव्य का एक मौलिक गुण, गुरुत्व एक बल तथा गुरुत्वीय त्वरण एक त्वरण है।
प्रश्न 7.
राशियाँ G तथा g क्या व्यक्त करती हैं? इनमें सम्बन्ध बताने वाला समीकरण स्थापित कीजिए।
उत्तर-
राशि G गुरुत्वाकर्षण नियतांक है। इसका मान परस्पर 1 मीटर की दूरी पर स्थित 1-1 किग्रा द्रव्यमान के दो पिण्डों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल को व्यक्त करता है।
राशि g गुरुत्वीय त्वरण है अर्थात् यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण किसी वस्तु में उत्पन्न त्वरण को व्यक्त करती है।
g तथा G में सम्बन्ध निम्नवत् है-
जबकि Me पृथ्वी का द्रव्यमान तथा Re पृथ्वी की औसत त्रिज्या है।
प्रश्न 8.
किसी वस्तु के ‘भार’ से क्या तात्पर्य है? भार का S.I. मात्रक क्या है?
उत्तर-
किसी वस्तु पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल को वस्तु का भार कहते हैं। इसका मान वस्तु के द्रव्यमान। (m) तथा गुरुत्वीय त्वरण (g) के गुणनफल से व्यक्त होता है (W = m.g)
भार का S.I. मात्रक वही है जो बल का- अर्थात् न्यूटन (newton) ।
प्रश्न 9.
किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में अन्तर बताइए।
उत्तर-
द्रव्यमान तथा भार में अन्तर (Difference Between Mass and weight)- द्रव्यमान तथा भार में निम्नलिखित अन्तर हैं
प्रश्न 10.
लोहे का बना जहाज जल पर तैरता है। जबकि ठोस लोहे का टुकड़ा जल में डूब जाता है। क्यों?
उत्तर-
लोहे के टुकड़े का भार उसके द्वारा हटाए गए जल के भार से अधिक होता है जिससे वह जल में डूब जाता है। जहाज का ढाँचा इस प्रकार बनाया जाता है कि इसके थोड़े-से हिस्से द्वारा हटाए गए जल का भार जहाज तथा उसमें लदे सामान के भार के बराबर होता है जिससे जहाज तैरने लगता है।
प्रश्न 11.
जब मनुष्य चलता है तो भूमि पर दाब | क्यों अधिक पड़ता है, अपेक्षाकृत कि जब वह खड़ा होता है?
उत्तर-
जब मनुष्य चलता है, तो एक समय पर उसका एक ही पैर भूमि पर होता है। इसके कारण, मनुष्य के भार का दाब उत्पन्न करता है। दूसरी ओर, जब मनुष्य खड़ा होता है, तो उसके दोनों पैर भूमि पर होते हैं। इसके कारण मनुष्य के भार का बल भूमि के बड़े क्षेत्र पर लगता है और भूमि पर कम दाब उत्पन्न करता है।
प्रश्न 12.
गद्दे पर जब मनुष्य खड़ा होता है तो क्यों काफी अधिक दबता है अपेक्षाकृत कि जब वह उस पर लेटा होता है?
उत्तर-
जब मनुष्य गद्दे के ऊपर खड़ा होता है तो उसके केवल दो पैर (कम क्षेत्रफल वाले) गद्दे के संपर्क में होते हैं। इसके कारण मनुष्य का भार गद्दे के छोटे से क्षेत्र पर लगता है और अधिक दाब उत्पन्न करता है। यह अधिक दाब गद्दे में बड़े गर्त का कारण होता है। दूसरी ओर जब वही मनुष्य गद्दे के ऊपर लेटा होता है, तो इसका संपूर्ण शरीर (बड़े क्षेत्रफल वाला) गद्दे के संपर्क में होता है। इस स्थिति में मनुष्य का भार गद्दे के काफी बड़े क्षेत्र के ऊपर लगता है और काफी कम दाब उत्पन्न करता है और यह कम दाब गद्दे में बहुत छेटा गर्त बनाता है।
प्रश्न 13.
गुरुत्वीय त्वरण (g) व गुरुत्वीय स्थिरांक (G) में सम्बन्ध तथा अन्तर बताइये।
प्रश्न 14.
नीचे की ओर गिरती हुई और ऊपर की ओर फेंकी गयी वस्तुओं के लिए u, v, g और h में सम्बन्ध लिखिए।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
गुरुत्वाकर्षण’ से क्या तात्पर्य है? न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
गुरुत्वाकर्षण (Gravitation)- आकाशीय पिण्डों जैसे चन्द्रमा, ग्रह, पृथ्वी आदि की गतियों के आधार पर न्यूटन ने यह सिद्धान्त प्रतिपादित किया कि ब्रह्माण्ड में सभी वस्तुएँ एक-दूसरे को अपनी ओर बल लगाकर आकर्षित करती हैं।
जिस बल के कारण दो वस्तुएँ एक-दूसरे को अपनी ओर आकर्षित करती हैं, उस बल को गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational force) तथा वस्तुओं के परस्पर आकर्षित होने के गुण को गुरुत्वाकर्षण (Gravitation) कहते हैं।
न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का नियम (Newton’s Law of Universal Gravitation)- न्यूटन ने दो पिण्डों के मध्य गुरुत्वाकर्षण बल सम्बन्धी एक नियम प्रस्तुत किया जिसे न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण सम्बन्धी नियम कहते हैं। इस नियम के अनुसार “विश्व में पदार्थ का प्रत्येक कण, प्रत्येक दूसरे कण को अपनी ओर आकर्षित करता है तथा किन्हीं दो कणों का पारस्परिक आकर्षण का बल कणों के द्रव्यमानों के अनुक्रमानुपाती एवं कणों के बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।”
इस बल की क्रिया- रेखा दोनों कणों को मिलाने वाली ऋजु रेखा के अनुदिश होती है।
G एक समानुपातिक नियतांक है। इसका मान सभी कणों के लिए सभी स्थानों पर एवं सभी दशाओं में समान रहता है।
अतः इसे सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक (Universal gravitational constant) कहते हैं।
इसका मान 6.67 x 10-11 न्यूटन मीटर/किग्रा है।
प्रश्न 2.
‘गुरुत्वीय त्वरण’ का क्या अर्थ है? गुरुत्वाकर्षण के आधार पर पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण का सूत्र प्राप्त कीजिए।
उत्तर-
गुरुत्वीय त्वरण (Gravitational Acceleration)- पृथ्वी द्वारा किसी वस्तु पर आरोपित गुरुत्वाकर्षण बल को ‘गुरुत्व’ (Gravity) कहते हैं। इस | गुरुत्व बल के कारण वस्तु में जो त्वरण उत्पन्न होता है
उसे गुरुत्वीय त्वरण (gravitational acceleration) कहते हैं।
उपर्युक्त समीकरण गुरुत्वीय त्वरण (g) तथा गुरुत्वाकर्षण नियतांक (G) का सम्बन्ध व्यक्त करता है।
प्रश्न 3.
पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण में किस प्रकार परिवर्तन होता है? आवश्यक सूत्र देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण के मान में परिवर्तन- गुरुत्वाकर्षण नियतांक (G) का मान सदा अपरिवर्तित रहता है- परन्तु गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान परिवर्तनीय है। इसका परिवर्तन दो प्रकार से होता है
- पृथ्वी के तल पर परिवर्तन – पृथ्वी की त्रिज्या, अर्थात् पृथ्वी के केन्द्र से पृथ्वी तल की दूरी सभी जगह समान नहीं है। पृथ्वी पर ही विषुवत रेखा पर पृथ्वी की त्रिज्या अधिकतम तथा उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुवों पर न्यूनतम होती है। अत: समीकरण के अनुसार g का मान विषुवत रेखा पर (Re के अधिकतम होने के कारण) न्यूनतम तथा उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुव पर (Re के न्यूनतम होने के कारण) अधिकतम होता है।
अत: विषुवत् रेखा से ध्रुवों की ओर (उत्तर या दक्षिण) जाने पर ४ का मान बढ़ता जाता है।
इसी प्रकार तल से ऊपर मैदानों तथा पर्वतों में अधिक ऊँचाई पर ‘g’ का मान समुद्र तल पर इसके मान की अपेक्षा कम होता है।
पृथ्वी पर समुद्र तल से नीचे जैसे गहरी खदानों में जाने पर भी g का मान शून्य होता है। - पृथ्वी के बाहर अंतरिक्ष में – पृथ्वी से दूर जाने पर, पृथ्वी के केन्द्र से दूरी बढ़ने के कारण g का मान कम होता जाता है।
यदि अंतरिक्ष में किसी स्थान की पृथ्वी के तल से ऊँचाई h हो तो उस स्थान की पृथ्वी के केन्द्र से दूरी r = (Re + h) होगी।
अतः उस स्थान पर
इससे स्पष्ट है कि पृथ्वी तल से ऊँचाई (h) बढ़ने के साथ g का मान कम होता जाता है।
प्रश्न 4.
पृथ्वी पर अथवा उसके निकट स्थित वस्तुओं की गति पर गुरुत्वीय त्वरण के प्रभावों को उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पृथ्वी पर स्थित वस्तुओं पर गुरुत्व का प्रभाव
(a) एकविमीय गुरुत्वीय गति (One Dimensional Gravity Motion) – यदि कोई वस्तु कुछ ऊँचाई से स्वतन्त्रतापूर्वक छोड़ दी जाय तो वह ऊध्र्वाधर दिशा में गिरने लगेगी। वस्तु के गिरने का वेग लगातार एक-समान दर से बढ़ता जाता है अर्थात् वस्तु एक-समान त्वरण से गिरती है। इसका कारण यह है कि पृथ्वी प्रत्येक वस्तु को अपने केन्द्र की ओर आकर्षित करती है। इसी आकर्षण बल के कारण गिरने वाली वस्तु में एक त्वरण उत्पन्न हो जाता है जिसका मान नियत होता है तथा सभी वस्तुओं के लिए समान होता है। यह त्वरण गुरुत्वीय त्वरण कहलाता है। इसे g से प्रदर्शित करते हैं। इसका मान 9.8 मी से-2 है। पृथ्वी की ओर गिरती हुई अथवा पृथ्वी से ऊपर की ओर फेंकी गयी वस्तुओं की गति गुरुत्वीय गति कहलाती है।
अतः यदि कोई वस्तु प्रारम्भिक वेग u से पृथ्वी की ओर फेंकी जाय तो उसकी गुरुत्वीय गति के समीकरण निम्नलिखित होंगे- (ये गति के समीकरणों में a = + g रखने पर प्राप्त होती है।)
(b) प्रक्षेप्य की गति (द्विविमीय गुरुत्वीय गति) [Motion of Projectile (Two Dimensional Motion)] – यदि किसी पत्थर के टुकड़े को किसी ऊँचाई पर स्थित स्थान से पृथ्वी तल के समान्तर दिशा में फेंकते हैं तो इसका पथ पृथ्वी तल के समान्तर क्षैतिज नहीं रह पाता। यह पत्थर वक्र रेखीय प्रक्षेप पथ पर गतिशील होकर पृथ्वी पर गिरता है। चित्र में प्रक्षेप पथ (trajectory) तथा क्षैतिज (horizontal) पथ प्रदर्शित हैं।
यदि पत्थर पर गुरुत्व बल न लगता तो पत्थर क्षैतिज दिशा में रैखिक गति करता रहता, परन्तु पत्थर परे लगने वाले गुरुत्व बल के कारण इसकी दिशा परिवर्तित हो जाती है और यह त्वरित वेग से प्रक्षेप पथ पर चलकर फेंकने के स्थान से कुछ दूरी पर गिर पड़ता है।
यदि किसी पिण्ड को किसी प्रारम्भिक वेग से पृथ्वी तल के समान्तर फेंका जाता है तो इस पर गुरुत्व बल आरोपित हो जाता है और यह पिण्ड त्वरित वेग से प्रक्षेप पथ पर चलकर पृथ्वी पर गिर पड़ता है तो इस पिण्ड को प्रक्षेप्य कहते हैं। किसी भवन की छत से फेंका गया पत्थर, किसी राइफल से छोड़ी गयी बुलेट, किसी हवाई जहाज से छोड़ा गया बम, खिलाड़ी द्वारा फेंका गया जेवलिन आदि प्रक्षेप्य हैं और प्रक्षेपण पथ पर त्वरित होते हैं।
प्रश्न 5.
क्या न्यूटन को गति का तीसरा नियम और गुरुत्वाकर्षण का नियम, एक-दूसरे के विरोधी हैं? एक पत्थर और पृथ्वी की स्थिति के अनुसार इसका स्पष्टीकरण करें।
उत्तर-
न्यूटन के गति के तीसरे नियम के अनुसार,
“यदि एक वस्तु दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तो दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर बराबर और विपरीत बल लगाती है।”
न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम के अनुसार, ब्रह्माण्ड का प्रत्येक द्रव्यमान (पिंड) दूसरे द्रव्यमान (पिण्ड) को अपनी ओर आकर्षित करता है।
एक पत्थर और पृथ्वी की स्थिति को देखें तो स्वतंत्र अवस्था में गिरता हुआ पत्थर पृथ्वी की ओर आता है अतः पृथ्वी उसे अपने केन्द्र की ओर खींचती है, लेकिन न्यूटन के गति के तृतीय नियम के अनुसार पत्थर द्वारा भी पृथ्वी को अपनी ओर खींचना चाहिए और यह वास्तव में सही है। कि पत्थर भी उतने ही गुरुत्व बल के द्वारा पृथ्वी को अपनी ओर खींचता है, और F = m x a.
पत्थर का द्रव्यमान कम होने के कारण उसके वेग में त्वरण 9.8 मी/से होता है लेकिन पृथ्वी का द्रव्यमान 6 x 1024 किग्रा होने से यह त्वरण 0.00000000000000000000000165 मी/से या 1.65 x 10-24 मी/से होता है; जो इतना कम है कि अनुभव ही नहीं हो सकता।
प्रश्न 6.
उचित उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए कि सामान्य द्रव्यमान की वस्तुओं के मध्य गुरुत्वाकर्षण बल बहुत कम और खगोलीय पिंडों के मध्य बहुत अधिक लेता है।
उत्तर-
किन्हीं दो सामान्य द्रव्यमान की वस्तुओं के मध्य लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल अत्यन्त कम होता है। और हमें अनुभव नहीं होता है लेकिन जब एक वस्तु कोई खगोलीय पिंड जैसे पृथ्वी या चन्द्रमा होता है, तो यह बल बहुत अधिक हो जाता है जो निम्न उदाहरणों से स्पष्ट है-
1. मान लीजिए आप और आपके मित्र का द्रव्यमान 50-50 किग्रा है और आप एक-दूसरे से 1 मीटर की दूरी पर स्थित हैं, तब आपके मध्य लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल (F) होगा-
आंकिक प्रश्न
[आवश्यकतानुसार G = 6.67 x 10-11 न्यूटन.मी2 किग्रा-2 तथा g = 10 मी.से-2 का उपयोग कीजिए।]
प्रश्न 1.
दो पिण्डों में से प्रत्येक का द्रव्यमान 40 किग्रा है तथा ये परस्पर 2 मीटर की दूरी पर स्थित हैं। उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल ज्ञात कीजिए।
प्रश्न 2.
दो पिण्डों के बीच की दूरी 90 सेमी होने से उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल 1.0 x 10-27 न्यूटन होता है। यदि पिण्डों के बीच की दूरी 90 मिमी कर दी जाय तो गुरुत्वाकर्षण बल कितना हो जायेगा?
प्रश्न 3.
पृथ्वी का द्रव्यमान 6 x 1024 किग्रा तथा एक मनुष्य का द्रव्यमान 60 किग्रा है। पृथ्वी मनुष्य को 600 न्यूटन बल से अपनी ओर खींचती है। मनुष्य पृथ्वी पर कितना गुरुत्वाकर्षण बल आरोपित करेगा तथा पृथ्वी का मनुष्य की ओर त्वरण कितना होगा?
प्रश्न 4.
अंतरिक्ष में किसी स्थान पर 1 किग्रा द्रव्यमान के पिण्ड का गुरुत्वीय त्वरण 5 मी.से होता है। उसी स्थान पर 3 किग्रा के पिण्ड का त्वरण कितना होगा?
हल-
5 मी.से-2 (क्योंकि गुरुत्वीय त्वरण द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता)।
प्रश्न 5.
एक पत्थर को 20 मीटर की ऊँचाई से गिराया जाता है। ज्ञात कीजिए
(i) पत्थर कितने समय में भूमि पर पहुँचेगा?
(ii) पत्थर कितने वेग से भूमि से टकरायेगा?
प्रश्न 6.
एक गेंद को 30 मी.से-1 के वेग से ऊध्वधरतः ऊपर को उछाला जाता है। ज्ञात कीजिए-
(i) पत्थर अधिकतम कितनी ऊँचाई तक जाएगा?
(ii) कितने समय में पत्थर महत्तम ऊँचाई तक पहुँचेगा?
(iii) कितने समय बाद पत्थर वापस भूमि पर लौटेगा?
(iv) लौटकर भूमि से टकराते समय पत्थर का वेग कितना होगा?
प्रश्न 7.
एक पिण्ड का पृथ्वी पर भार 900 न्यूटन है। चन्द्रमा पर इसका भार कितना होगा? चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण, पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण का है?
प्रश्न 8.
125.मीटर ऊँची मीनार से एक पिण्ड 10 मी.से-1 की चाल से क्षैतिज दिशा में फेंका जाता है। यह पिण्ड कितने समय बाद तथा मीनार के आधार से कितनी दूर जाकर पृथ्वी पर गिरेगा?
प्रश्न 9.
दो पिण्डों के द्रव्यमान 2 किग्रा तथा 5 किग्रा हैं तथा वे परस्पर 3 मीटर की दूरी पर स्थित हैं। गणना कीजिए-
(i) पिण्डों पर गुरुत्वाकर्षण बल
(ii) यदि पिण्ड गति करने के लिए स्वतंत्र हों तो उनके त्वरण।
प्रश्न 10.
पृथ्वी तल से 3200 किमी की ऊँचाई पर गुरुत्वीय त्वरण की गणना कीजिए।
प्रश्न 11.
पृथ्वी को दूव्यमान 6 x 1024 किग्रा, चन्द्रमा का द्रव्यमान 7.4 x 1022 किग्रा तथा दोनों के द्रव्यमान केन्द्रों के बीच की दूरी 3.84 x 108 मीटर है। पृथ्वी और चन्द्रमा के बीच लगने वाले आकर्षण बल की गणना कीजिए।
प्रश्न 12.
एक गेंद 490 मीटर-सेकण्ड-1 के वेग से ऊध्र्वाधरतः ऊपर की ओर फेंकी जाती है। इसके द्वारा प्राप्त महत्तम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। (g = 9.8 मी./से)
प्रश्न 13.
पृथ्वी की ओर गिरने वाली वस्तु का त्वरण 10 मी/से2 होता है। यदि कोई गेंद 20 मीटर की ऊँचाई से छोड़ी जाय तो वह कितने समय में तथा किस वेग से पृथ्वी तल पर पहुँचेगी?
प्रश्न 14.
एक पिण्ड 15 मीटर.से-1 के वेग से ऊपर की ओर फेंका जाता है। पिण्ड पर पृथ्वी के कारण उत्पन्न होने वाला त्वरण 10 मी.से-1 नीचे की दिशा में कार्य करता है। ज्ञात कीजिए
(i) पिण्ड अधिकतम कितनी ऊँचाई तक जायेगा?
(ii) कितने समय बाद पिण्ड पृथ्वी पर वापस लौटेगा?
(iii) अधिकतम ऊँचाई की आधी ऊँचाई पर पिण्ड का वेग कितना होगा?
प्रश्न 15.
एक भवन की छत से गिराये जाने पर एक गेंद 3 सेकण्ड में पृथ्वी पर गिरती है। पृथ्वी की ओर गेंद का त्वरण 10 मी.से-2 मानकर भवन की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
अभ्यास प्रश्न
बहुविकल्पीय प्रश्न
निर्देश – प्रत्येक प्रश्न में दिये गये वैकल्पिक उत्तरों में सही उत्तर चुनिए-
1. दो वस्तुओं के बीच गुरुत्वाकर्षण बल निर्भर नहीं करता
(a) उनके बीच की दूरी पर
(b) उनके द्रव्यमानों के गुणनफल पर
(c) गुरुत्वाकर्षण नियतांक पर
(d) ब्रह्माण्ड में उनकी स्थिति पर
2. पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण का मान किसी पिण्ड के
(a) द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता
(b) द्रव्यमान पर निर्भर करता है।
(c) आकार पर निर्भर करता है।
(d) घनत्व पर निर्भर करता है।
3. ‘g’ का अर्थ है
(a) पृथ्वी का आकर्षण बल
(b) गुरुत्व
(c) गुरुत्वाकर्षण
(d) स्वतंत्र रूप से गिरती हुई वस्तु के वेग में त्वरण
4. विरामावस्था से स्वतंत्र रूप से गिरते हुए पिण्ड द्वारा पहले सेकण्ड में गिरी गयी दूरी का मान होगा
(a) g मीटर
(b) 2g मीटर
(c) मीटर
(d) मीटर
5. यदि पृथ्वी का द्रव्यमान बिनो परिवर्तित हुए, उसका व्यास आधा हो जाये तो पृथ्वी पर किसी वस्तु का भार
(a) आधा रह जायेगा
(b) दो गुना हो जायेगा
(c) चार गुना हो जायेगा
(d) अपरिवर्तनीय रहेगा
6. भिन्न-भिन्न द्रव्यमानों के दो पिण्ड स्वतंत्रतापूर्वक समान ऊँचाई से छोड़े जाते हैं। इन पिण्डों के
(a) भूमि पर पहुँचने के समय भिन्न-भिन्न होंगे
(b) त्वरण भिन्न-भिन्न होंगे।
(c) भूमि पर पहुँचते समय वेग भिन्न-भिन्न होंगे
(d) पृथ्वी की ओर आकर्षण बल भिन्न-भिन्न होंगे
7. गुरुत्वाकर्षण नियतांक को मात्रक:
(a) न्यूटन.मी-2 किग्रा-2
(b) न्यूटन.मी2 किग्रा-2
(c) न्यूटन.मी2 किग्रा2
(d) मी. से-2
8. चन्द्रमा का द्रव्यमान, पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग है। यदि चन्द्रमा पर पृथ्वी का आकर्षण बल F हो, तो पृथ्वी पर चन्द्रमा का आकर्षण बल होगा
(a)
(b) F
(c) 9F
(d) 81F
9. किसी व्यक्ति का द्रव्यमान 60 किग्रा है, उसका द्रव्यमान चन्द्रमा पर होगा
(a) 60 किग्रा
(b) 10 किग्रा
(c) 360 किग्रा
(d) सभी गलत हैं।
10. किसी पिंड का भार पृथ्वी पर 36 किग्रा भार है, चन्द्रमा पर उसका भार होगा
(a) 36 किग्रा- भार
(b) 6 किग्रा-भार
(c) 216 किग्रा-भार
(d) सभी गलत हैं।
11. किसी पत्थर को एक भवन की छत से छोड़ा गया, यह 2 सेकण्ड में पृथ्वी पर पहुँच गया, भवन की ऊँचाई होगी
(a) 9.8 मी
(b) 19.6 ‘मी
(c) 4.9 मी
(d) 39.2 मी
12. स्वतन्त्रतापूर्वक गिराई गयी वस्तु द्वारा चली गयी दूरी समानुपाती होती है
(a) t के
(b) √t के
(c) t² के
(d) के
13. किसी वस्तु का द्रव्यमान 10 किग्रा है उसका पृथ्वी पर भार होगा
(a) 9.8 N
(b) 8.9 N
(c) 89.0 N
(d) 98.0 N
14. पृथ्वी के केन्द्र से 12,800 किमी की दूरी पर गुरुत्वीय त्वरण ‘g’ का मान होगा-
(a) पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण का
(b) पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण का
(c) समान होगा।
(d) पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण का दुगुना
15. पृथ्वी पर किसी ऊँचाई से गिरने वाला पत्थर
(a) पृथ्वी द्वारा आकर्षित होता है।
(b) पृथ्वी को आकर्षित करता है।
(c) पृथ्वी तथा पत्थर दोनों एक-दूसरे को आकर्षित | करते हैं।
(d) उपर्युक्त सभी कथन गलत हैं।
16. दो वस्तुओं के मध्य की दूरी दो गुनी कर दी जाये तो उनके मध्य लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल हो जायेगा
(a) एक चौथाई
(b) आधा
(c) दुगुना
(d) प्रभावित नहीं होगा
17. गुरुत्वीय त्वरण का मान
(a) पृथ्वी के प्रत्येक स्थान पर समान होता है।
(b) सभी ग्रहों और उपग्रहों पर समान होता है।
(c) भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न होता है।
(d) उपर्युक्त सभी कथन असत्य हैं।
18. गुरुत्वीय स्थिरांक (G) का मान
(a) पृथ्वी के प्रत्येक स्थान पर असमान होता है।
(b) सभी ग्रहों और उपग्रहों पर समान होता है।
(c) भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न होता है।
(d) उपर्युक्त सभी कथन असत्य हैं।
19. गुरुत्वीय स्थिरांक (G) का मान S.I. मात्रक है-
(a) Nm2/kg
(b) Nm2/kg2
(c) N2m/kg
(d) Nm2/kg2
20. यदि पृथ्वी का द्रव्यमान व अर्द्धव्यास दोनों आधे कर दिये जायें तो गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान होगा
(a) 9.8 मी/से2
(b) 19.6 मी/से2
(c) 4.9 मी/से2
(d) 29.4 मी/से2
उत्तरमाला
- (d)
- (a)
- (d)
- (c)
- (c)
- (d)
- (b)
- (b)
- (a)
- (b)
- (b)
- (c)
- (d)
- (b)
- (c)
- (a)
- (c)
- (b)
- (d)
- (b)
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