UP Board Class 10 Hindi Model Papers Paper 3

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TextbookNCERT
ClassClass 10
SubjectHindi
Model PaperPaper 3
CategoryUP Board Model Papers

UP Board Class 10 Hindi Model Papers Paper 3

समय : 3 घण्टे 15 मिनट
पूर्णांक : 70

प्रश्न 1.
(क) निम्नलिखित में से कोई एक कथन सही है। उसे पहचानकर लिखिए। [ 1 ]

  1. ‘हिमालय की पुकार’ जयप्रकाश भारती का प्रसिद्ध नाटक है।
  2. ‘संस्कृति के चार अध्याय दिनकरजी का काव्यसंग्रह है।
  3. ‘गुनाहों का देवता धर्मवीर भारती का उपन्यास है।
  4. ‘कलम का सिपाही’ प्रेमचन्द की कृति है।

(ख) निम्नलिखित कृतियों में से किसी एक कृति के लेखक का नाम लिखिए। [ 1 ]

  1. त्रिवेणी
  2. माटी की मूरतें
  3. मेरी कॉलेज डायरी
  4. लहरों के राजहंस

(ग) किसी एक आलोचना लेखक का नाम लिखिए। [ 1 ]
(घ) ‘नीड़ का निर्माण फिर’ कृति किस विधा पर आधारित है। [ 1 ]
(ङ) ‘गुलाबराय’ की एक रचना का नाम लिखिए। [ 1 ]

प्रश्न 2.
(क) द्विवेदी युग की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। [ 1 + 1 = 2 ] 
(ख) ‘कुरुक्षेत्र’ और ‘पथिक’ के रचयिता के नाम लिखिए। [ 1 + 1 = 2 ] 
(ग) मैथिलीशरण गुप्त की दो काव्य कृतियों के नाम लिखिए। [ 1 ]

प्रश्न 3.
निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक के नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। [ 2 + 2 + 2 = 6]

(क)
सुन्दर प्रतिमा, मनभावनी चाल और स्वच्छन्द प्रकृति ये ही दो-चार बातें देखकर मित्रता की जाती है, पर जीवन संग्राम में साथ देने वाले मित्रों में इनसे कुछ अधिक बातें चाहिए। मित्र केवल उसे नहीं कहते जिसके गुणों की तो हम प्रशंसा करें पर जिससे हम स्नेह न कर सकें, जिससे अपने छोटे-मोटे काम तो हम निकालते जाएँ पर भीतर ही मौतर घृणा करते रहें। मित्र सच्चे पथ-प्रदर्शक के समान होना चाहिए, जिस पर हम पूरा विश्वास कर सके, भाई के समान होना चाहिए, जिसे हम अपना प्रीतिपात्र बना सकें। हमारे और हमारे मित्र के बीच सच्ची सहानुभूति होनी चाहिए ऐसी सहानुभूति जिससे एक के हानि-लाभ को दूसरा अपना हानि-लाभ समझे।

  1. उपरोक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
  2. गद्यांश के रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
  3. अच्छे मित्र की क्या विशेषताएँ बताई गई हैं?

(ख)
इंष्य का यही अनोखा वरदान है। जिस मनुष्य के हृदय में ईष्र्या घर बना लेती हैं। वह उन चीजों से आनन्द नहीं उठाता, जो उसके पास मौजूद हैं, बल्कि उन वस्तुओं से दु:ख उठाता है जो दूसरों के पास हैं। वह अपनी तुलना दूसरों के साथ करता है और इस तुलना में अपने पक्ष के सभी अभाव उसके हृदय पर दंश मारते रहते हैं। देश के इस दाह को भोगना कोई अच्छी बात नहीं है। मगर ईष्र्यालु मनुष्य करे भी तो क्या? आदत से लाचार होकर उसे यह वेदना भोगनी पड़ती है।

  1. उपरोक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
  2. रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
  3. ईर्ष्यालु व्यक्ति कौन-सी वेदना भौगने के लिए विवश होता है और क्यों?

प्रश्न 4.
निम्नलिखित पद्यांशों में से किसी एक की सन्दर्भ-सहित व्याख्या कीजिए तथा उसका काव्य-सौन्दर्य भी लिखिए। [ 1 + 4 + 1 = 6 ]

(क)
बैठो माता के आँगन में
नाता भाई-बहन का
समझे उसकी प्रसव बेदना
वही लाल है माई का।
एक साथ मिल बाँट लो
अपना हुर्ष विषादं यहाँ है
सबका शिव कल्याण यहाँ हैं,
पावें सभी प्रसाद यहाँ।

(ख)
ऊधौ मोहि ब्रज बिसरत नहिं।
वृन्दावन गोकुल बन उपबन, सघन कुंज की नाहि।।
प्रात समय माता जसुमति अरु नन्दं देखि सुख पावत।
माखन रोटी दहयौ सजायो, अति हित साथ खुवावत
गोपी ग्वाल-बाल संग खेलत, सब दिन हँसत सिरात।
सूरदास धनि-धनि ब्रजवासी, जिनस हित जदुजात।।

प्रश्न 5.
(क) निम्नलिखित लेखकों में से किसी एक का जीवन-परिचय एवं उनकी एक रचना का नाम लिखिए। [2 + 1 = 3]

  1. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
  2. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
  3. डॉ. भगवतशरण उपाध्याय

(ख) निम्नलिखित कवियों में से किसी एक कवि का जीवन-परिचय दीजिए तथा उनकी एक रचना का नाम लिखिए। [2 + 1 = 3]

  1. बिहारी लाल
  2. रसवान
  3. सुमित्रानन्दन पन्त

प्रश्न 6.
निम्नलिखित का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए। [1 + 3 = 4]
अस्माकं संस्कृतिः सदा गतिशीला वर्तते। मानव जीवनं संस्कर्तुम् एषा यथासमयं नवां नवां विचारधारां स्वीकरोति, नवां शक्ति च प्राप्नोति। अत्र दुराग्रह नास्ति, यत् युक्तियुक्तं कल्याणकारि च तदत्र सहर्ष गृहीतं भवति। एतस्याः गतिशीलतायाः रहस्यं मानवजीवनस्य शाश्वत मूल्येषु निहितम्, तद् यथा सत्यस्य प्रतिष्ठा, सर्वभूतेषु समभावः विचारेषु औदार्यम् आचारे दृढ़ता चेति।
अथवा
रे रे चातक! सावधानमनसा मित्र! क्षणं श्रूयताम्।
अम्भोदा बहवो वसन्ति गगने सर्वेऽपि नैतादृशाः।
केचिद वृष्टिभिरार्द्रयन्ति वसुधांगर्जन्ति केचिद् थाः।।
यं यं पश्यसि तस्य-तस्य पुरतो मा बृहि दीनंवचः।।

7.
(क) अपनी पाठ्यपुस्तक से कण्ठस्थ किया हुआ कोई एक श्लोक लिखिए जो इस प्रश्न-पत्र में न आया हो। [ 2 ]
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में दीजिए। [ 1 + 1 = 2 ] 

  1. दाराशिकोह: वाराणसीम आगत्य किम रोत?
  2. कौशगतः भ्रमरः किम् अचिन्तयत?
  3. गीतायाः कः सन्देशः?
  4. चन्द्रशेखरः कः आसीत्?
  5. वातात् शीघ्रतरं किम् भवति?

प्रश्न 8.
(क) हास्य अथवा करुण रस की परिभाषा सोदाहरण लिखिए। [ 2 ]
(ख) रूपक अथवा उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण लिखिए। [ 2 ]
(ग) रोला अथवा सोरठा छन्द की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए। [ 2 ]

प्रश्न 9.
(क) निम्नलिखित उपसर्गों में से किन्हीं तीन के मेल से एक-एक शब्द बनाइए। [ 1 + 1 +1 = 3 ]

  1. सु
  2. नि
  3. प्रति
  4. अप
  5. कु

(ख) निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रत्ययों का प्रयोग करके एक-एक शब्द बनाइए। [ 1 + 1 = 2 ]

  1. आस
  2. आइन
  3. मान
  4. आवट

(ग) निम्नलिखित में से किन्हीं दो का समास-विग्रह कीजिए तथा समास का नाम लिखिए। [ 1 + 1 = 2 ]

  1. पथ्यापथ्य
  2. त्रिकोण
  3. महाजन
  4. दशानन
  5. नीलोत्पल
  6. चौराहा

(घ) निम्नलिखित में से किन्हीं दो के तत्सम रूप लिखिए। [ 1 + 1 = 2 ]

  1. आँसू
  2. माथा
  3. सावन
  4. कोयल
  5. अनाज
  6. दूध

(ङ) निम्नलिखित शब्दों में से किन्हीं दो के दो-दो पर्यायवाची लिखिए। [ 1 + 1 = 2 ]

  1. सरोवर
  2. वायु
  3. आकाश
  4. कमल
  5. नदी
  6. शहद

प्रश्न 10.
(क) निम्नलिखित में से किन्हीं दो में सन्धि कीजिए और सन्धि का नाम लिखिए। [ 1 + 1 = 2 ]

  1. यदि + अग्नि
  2. महा + औज:
  3. मम + एव
  4. वधू के आगमनम्।
  5. परम + ऐश्वर्यम्
  6. इति + अलम्

(ख) निम्नलिखित शब्दों के रूप षष्ठी विभक्ति द्विवचन में लिखिए। [ 1 + 1 = 2 ]

  • नदी अथवा मनु
  • तद् (पुलिंग) अथवा युष्मद्

(ग) निम्नलिखित में से किसी एक का धातु, लकार, पुरुष एवं वचन का उल्लेख कीजिए। [ 2 ]

  1. पठे:
  2. दृसतम्
  3. पश्येत

(घ) निम्नलिखित में से किन्हीं दो का संस्कृत में अनुवाद कीजिए। [ 2 ]

  1. हम दोनों मैदान में खेलेंगे।
  2. वे पुस्तकें पढ़ रहे हैं।
  3. विद्या विनय देती हैं।
  4. गंगा हिमालय से निकलती है।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिए। [ 6 ]

  1. विज्ञान के चमत्कार
  2. शिक्षा में खेलकुद का स्थान
  3. कम्प्यूटर का बढ़ता प्रयोग
  4. परिश्रम का महत्त्व
  5. योग : स्वस्थ जीवन का आधार

प्रश्न 12.
स्वपठित खण्डकाव्य के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक का उत्तर दीजिए। [ 3 ]
(क)

  1. ‘मेवाड़ मुकुट’ खण्डकाव्य के आधार पर भामाशाह का चरित्र-चित्रण कीजिए।
  2. ‘मेवाड़ मुकुट’ खण्डकाव्य के द्वितीय सर्ग की कथा की संक्षिप्त प्रस्तुति कीजिए।

(ख)

(1) ‘अमपूजा’ खण्डकाव्य में तृतीय सर्ग की कथा अपने शब्दों में लिखिए।
(ii) ‘अग्रपूजा’ खण्डकाव्य के नायक श्रीकृष्ण का चरित्र-चित्रण कीजिए।

(ग)

  1. कर्मवीर भरत’ खण्डकाव्य के द्वितीय सर्ग की कथा अपने शब्दों में लिखिए।
  2. कर्मवीर भरत’ खण्डकाव्य के आधार पर कैकेयी का चरित्र-चित्रण कीजिए।

(घ)

(i) ‘जयसुभाष’ खण्डकाव्य के प्रथम सर्ग की कथा अपने शब्दों में लिखिए।
(ii) ‘जयसुभाष’ खण्डकाव्य के नायक सुभाषचन्द्र बोस का चरित्र-चित्रण कीजिए।

(ङ)

  1. ‘मातृभूमि के लिए’ खण्डकाव्य के तृतीय सर्ग की कथा संक्षेप में लिखिए।
  2. ‘मातृभूमि के लिए’ खण्डकाव्य के आधार पर चन्द्रशेखर आज़ाद के क्रान्तिकारी रूप का चित्रण कीजिए।

(च)

  1. ‘तुमुल’ खण्डकाव्य के सप्तम एवं अष्टम सर्ग की कथा अपने शब्दों में लिखिए।
  2. ‘तुमुल’ खण्डकाव्य के नायक लक्ष्मण का चरित्र-चित्रण कीजिए।

(छ)

  1. ज्योति जवाहर’ खण्डकाव्य के आधार पर बताइए कि कलिंग युद्ध का अशोक के हृदय पर क्या प्रभाव पड़ा?
  2. ज्योति जवाहर’ के नायक की चार चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

(ज)

  1. कर्ण’ खण्डकाव्य के आधार पर कर्ण को वीरता का वर्णन कीजिए।
  2. ‘कर्ण’ खण्डकाव्य के छठे सर्ग की कथा अपने शब्दों में लिखिए।

(झ)

  1. ‘मुक्ति-दूत’ खण्डकाव्य के द्वितीय सर्ग की कथा अपने शब्दो में लिखिए।
  2. ‘मुक्ति दूत’ खण्डकाव्य के आधार पर गांधीजी का चरित्र-चित्रण कीजिए।

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