बाल श्रम पर निबंध – Child Labour Essay in hindi

Child Labour Essay in hindi: हेलो स्टूडेंट, हम आपको इस आर्टिकल मे बाल श्रम पर निबंध बताया गया है | पोस्ट अंत तक पढ़े |

Child Labour Essay in hindi

प्रस्तावना

बाल श्रम हमारे देश और समाज के लिए बहुत ही गम्भीर विषय है। आज समय आ गया है कि हमें इस विषय पर बात करने के साथ-साथ अपनी नैतिक जिम्मेदारियाँ भी समझनी होगी। बाल मज़दूरी को जड़ से उखाड़ फेंकना हमारे देश के लिए आज एक चुनौती बन चुका है क्योंकि बच्चों के माता-पिता ही बच्चों से कार्य करवाने लगे है। आज हमारे देश में किसी बच्चे को कठिन कार्य करते हुए देखना आम बात हो गई है। बाल मज़दूरी को बड़े लोगों और माफियाओं ने व्यापार बना लिया है। जिसके कारण दिन-प्रतिदिन हमारे देश में बाल श्रम बढ़ता जा रहा है और बच्चों का बचपन खराब हो रहा है। इस से बच्चों का भविष्य तो खराब होता ही है, साथ में देश में गरीबी फैलती है और देश के विकास में बाधाएँ आती हैं। बाल श्रम भारत के साथ-साथ सभी देशों में गैर कानूनी है। बाल श्रम हमारे समाज के लिए एक कलंक बन चुका है। बाल मज़दूरी की समस्या समय के साथ-साथ बहुत उग्र रूप लेती जा रही है। इस समस्या को अगर समय रहते जड़ से मिटाया नहीं गया, तो इससे पूरे देश का भविष्य संकट में आ सकता है।Child Labour Essay in hindi

बाल श्रम या बाल मज़दूरी का अर्थ

जब कोई बच्चे को उसके बाल्यकाल से वंचित कर उन्हें मज़बूरी में काम करने के लिए विवश करते हैं, उसे बाल श्रम कहते हैं। बच्चों को उनके परिवार से दूर रखकर उन्हें गुलामों की तरह पेश किया जाता है।

दूसरे शब्दों में – किसी भी बच्चे के बाल्य-काल के दौरान पैसों या अन्य किसी भी लालच के बदले में करवाया गया किसी भी तरह के काम को बाल श्रम कहा जाता है। इस प्रकार की मज़दूरी अधिकतर पैसों या ज़रूरतों के बदले काम करवाया जाता है।

साधारण शब्दों में समझाया जाए तो जो बच्चे 14 वर्ष से कम आयु के होते हैं, उनसे उनका बचपन, खेल-कूद, शिक्षा का अधिकार छीनकर, उन्हें काम में लगाकर शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित कर, कम रुपयों में काम करा कर शोषण करके, उनके बचपन को श्रमिक रूप में बदल देना ही बाल श्रम कहलाता है।

बाल श्रम पूर्ण रूप से गैर कानूनी है। इस प्रकार की मज़दूरी को समाज में हर वर्ग द्वारा निंदित भी किया जाता है। भारत के संविधान 1950 के 24 वें अनुच्छेद के अनुसार 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से मज़दूरी, कारखानों, होटलों, ढाबों, घरेलू नौकर इत्यादि के रूप में कार्य करवाना बाल श्रम के अंतर्गत आता है। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता पाया जाता है, तो उसके लिए उचित दंड का प्रावधान है। ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार भारत में 35 मिलियन से भी ज्यादा बच्चे बाल मज़दूरी करते हैं। सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान में बाल मज़दूरी होती है।Child Labour Essay in hindi

बाल श्रम या बाल मज़दूरी के कारण

(i) बाल मज़दूरी का सबसे बड़ा कारण हमारे देश में गरीबी का होना  है। गरीब परिवार के लोग अपनी आजीविका चलाने में असमर्थ होते हैं, इसलिए वे अपने बच्चों को बाल मज़दूरी के लिए भेजते है।

(ii) शिक्षा के अभाव के कारण अभिभावक यही समझते हैं कि जितना जल्दी बच्चे कमाना सीख जाए उतना ही जल्दी उनके लिए अच्छा होगा।

(iii) कुछ अभिभावक के माता पिता लालची होते हैं, जोकि स्वयं कार्य करना नहीं चाहते और अपने बच्चों को चंद रुपयों के लिए कठिन कार्य करने के लिए भेज देते है।

(iv) बाल श्रम को बढ़ावा इसलिए भी मिल रहा है क्योंकि बच्चों को कार्य करने के प्रतिफल के रूप में कम रुपए दिए जाते हैं, जिसके कारण लोग बच्चों को काम पर रखना अधिक पसंद करते हैं।

(v) हमारे देश में लाखों की संख्या में बच्चे अनाथ होते हैं, बाल श्रम बढ़ने का एक कारण यह भी है। कुछ माफिया लोग उन बच्चों को डरा-धमका कर भीख माँगने और मज़दूरी करने भेज देते हैं।

(vi) कई बार बच्चों की पारिवारिक मजबूरियां भी होती है क्योंकि कुछ ऐसी दुर्घटनाएँ हो जाती है जिसके कारण उनके परिवार में कमाने वाला कोई नहीं रहता है इसलिए उन्हें मज़बूरी वश बचपन में ही होटलों, ढाबों, चाय की दुकान, कल कारखानों में मज़दूरी करने के लिए जाना पड़ता है।

(vii) भारत में जनसंख्या वृद्धि दर बहुत तेजी से बढ़ रही है, जिसके कारण जरूरत की वस्तुओं का मूल्य दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। जिसके कारण गरीब लोग अपने परिवार का भरण-पोषण नहीं कर पाते हैं, इसलिए परिवार के सभी सदस्यों को मज़दूरी करनी पड़ती है, जिसमें बच्चे भी शामिल होते हैं इसलिए ना चाहते हुए भी बच्चों को परिश्रम करना पड़ता है।

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बाल श्रम या बाल मज़दूरी के दुष्परिणाम

(i) जीवन का सबसे अच्छा पल बचपन ही होता है जब हम बच्चे होते हैं तो हमें किसी भी बात की चिंता नहीं रहती है। हम खिलौने से खेलते हैं और सभी लोग हमें प्यार करते हैं साथ ही हम जो चाहे पढ़ सकते हैं। लेकिन जिन बच्चों को बाल मज़दूरी के काम में लगा दिया जाता है वह कभी भी खेल नहीं पाते हैं और अपना मनचाहा काम नहीं कर पाते है। जिसके कारण उनका पूरा बचपन मज़दूरी के काम करने में बीत जाता है।

(ii) बाल मज़दूरी करने वाले बच्चे अक्सर कुपोषण का शिकार हो जाते हैं क्योंकि उनके मालिक उनसे काम तो ज्यादा करवाते है लेकिन उन्हें खाने को कुछ भी नहीं देते। जिसके कारण उनके शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है और वे धीरे-धीरे कुपोषण के शिकार हो जाते है।

(iii) बाल मज़दूरी करते समय कई बच्चे और बच्चियों का शारीरिक शोषण भी किया जाता है जोकि उनके ऊपर दोहरी मार है। एक रिपोर्ट के अनुसार बाल मज़दूरी करने वाले बच्चों में से लगभग 40% बच्चों का शारीरिक शोषण किया जाता है। यह बहुत ही गंभीर बात है लेकिन इस पर कभी भी ध्यान नहीं दिया जाता।

(iv) मज़दूरी करते समय बच्चों से अक्सर गलतियाँ होती रहती हैं। गलतियाँ तो बड़े लोगों से भी होती है लेकिन बच्चों को डाँट लगाना आसान होता है इसलिए उन से काम कराने वाले उनके मालिक उन्हें मानसिक प्रताड़ना देते है। जो कि एक छोटे से बच्चे के मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव डालती है।

(v) बच्चों के माता-पिता बचपन में तो कुछ रुपयों के लिए अपने बच्चों को मज़दूरी पर लगा देते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता है कि अगर वे पढ़ेंगे लिखेंगे नहीं तो उन्हें नौकरी नहीं मिल पाएगी और वे पूरी जिंदगी भर मज़दूरी करनी पड़ेगी। जिसके कारण उनका पूरा जीवन गरीबी में बीतेगा।Child Labour Essay in hindi

बाल मजदूरी

किसी भी 14 साल से कम उम्र के बच्चों से अगर कोई काम कराया जाता है तो उसे बाल मजदूरी कहा जाता है बाल मजदूरी ज्यादातर दो ही कारणों से बच्चे करते हैं-

सबसे पहला कारण मजबूरी होता हैदूसरा कारण जबरदस्ती होता है।

जबरदस्ती

जबरदस्ती बाल मजदूरी कराने का मतलब है कि किसी बच्चे को जबरदस्ती मारपीट कर उससे काम कराना जबकि वह बच्चा काम नहीं करना चाहता है बल्कि पढ़ना चाहता है कुछ लोगों के घरों में भी लोग ऐसा करते हैं, और कुछ बच्चे वह होते हैं जोखो जाते है या उन्हें जबरदस्ती चुरा लिया जाता है तो उनसे भी मारपीट कर जबरन बाल मजदूरी कराई जाती है।

बाल मजदूरी के रोकथाम के उपाय

अगर हम बाल मजदूरी को रोक देता है तो इससे हमारा देश बहुत ही आगे आएगा और बेरोजगारी की समस्या से हम उभर पायेंगे बाल मजदूरी को रोकने के लिए निम्न उपाय है:-

बाल श्रम को रोकने के लिए सबसे पहले हमें अपनी सोच को बदलना होगा, अगर आपके पास कोई भी दुकान या ऑफिस है तो उसमें किसी भी बच्चे को काम पर नहीं रखना है और ना ही किसी को रखने देना है।अगर आप एक बड़े व्यक्ति हैं या आपके पास उचित पैसे हैं तो अगर आपको कोई ऐसा बच्चा मिलता है जो कहीं पर काम कर रहा हो तो आप उसका काम बंद करा कर उसे किसी अच्छे स्कूल में दाखिल करवा दें।बाल मजदूरी को खत्म करने के लिए सरकार को और अच्छे से काम करना होगा और इस पर ज्यादा ध्यान देना होगा क्योंकि बच्चे ही देश का भविष्य होते हैं।अगर आप कहीं पर देखते हैं कि बाल मजदूरी हो रही है तो आप पुलिस से संपर्क करें।अगर आप के घर में पैसे की कमी है तो आप अपने बच्चे को सरकारी विद्यालय में पढ़ने के लिए भेजें क्योंकि सरकारी विद्यालयों में शिक्षा मुफ्त में मिलती है और आप ज्यादा जरूरतों को पूरी करने के लिए और मेहनत करें।

source:
Suneeta Sahoo

उपसंघार

हमें किसी भी बच्चे से बाल मजदूरी नहीं कराना चाहिए क्योंकि इससे बच्चों का भविष्य खराब होता है, और हमारा देश बेरोजगारी की तरफ बढ़ता है और बाल मजदूरी कर आना कानूनी रूप से अपराध है तो अगर कोई भी व्यक्ति बाल मजदूरी कराता है तो उसे सजा होगी।

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