UP Board Solutions for Class 11 Geography: Fundamentals of Physical Geography Chapter 12 World Climate and Climate Change (विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन)

In this chapter, we provide UP Board Solutions for Class 11 Geography: Fundamentals of Physical Geography Chapter 12 World Climate and Climate Change (विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन) for Hindi medium students, Which will very helpful for every student in their exams. Students can download the latest UP Board Solutions for Class 11 Geography: Fundamentals of Physical Geography Chapter 12 World Climate and Climate Change (विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन) pdf, free UP Board Solutions Class 11 Geography: Fundamentals of Physical Geography Chapter 12 World Climate and Climate Change (विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन) book pdf download. Now you will get step by step solution to each question. Up board solutions Class 11 geography पीडीऍफ़

UP Board Solutions for Class 11 Geography: Fundamentals of Physical Geography Chapter 12 World Climate and Climate Change (विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन)

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न
प्रश्न (1) कोपेन के A प्रकार की जलवायु के लिए निम्न में से कौन-सी दशा अर्हक है?
(क) सभी महीनों में उच्च वर्षा।
(ख) सबसे ठण्डे महीने का औसत मासिक तापमान हिमांक बिन्दु से अधिक
(ग) सभी महीनों का औसत मासिक-तापमान 18° सेल्सियस से अधिक
(घ) सभी महीनों का औसत तापमान 10° सेल्सियस के नीचे ।
उत्तर-(क) सभी महीनों में उच्च वर्षा।

प्रश्न (ii) जलवायु के वर्गीकरण से सम्बन्धित कोपेन की पद्धति को व्यक्त किया जा सकता है
(क) अनुप्रयुक्त
(ख) व्यवस्थित
(ग) जननिक
(घ) आनुभविक
उत्तर-(घ) आनुभविक।।

प्रश्न (ii) भारतीय प्रायद्वीप के अधिकतर भागों को कोपेन की पद्धति के अनुसार वर्गीकृत किया जाएगा
(क) “AP
(ख) “BSh”
(ग) “Cfb”
(घ) “Am”
उत्तर-(घ) “Am”.

प्रश्न (iv) निम्नलिखित में से कौन-सा साल विश्व का सबसे गर्म साल माना गया है?
(क) 1990
(ख) 1998
(ग) 1885
(घ) 1950
उत्तर-(क) 1990.

प्रश्न (v) नीचे लिखे गए चार जलवायु के समूहों में से कौंन आई दशाओं को प्रदर्शित करता है?
(क) A-B-C-E
(ख) A-C-D-E
(ग) B-C-D-E
(घ) A-C-D-F
उत्तर-(ख) A-C-D-E.

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए
प्रश्न (i) जलवायु के वर्गीकरण के लिए कोपेन के द्वारा किन दो जलवायविक चरों का प्रयोग किया गया है?
उत्तर-जलवायु के वर्गीकरण के लिए कोपेन ने आनुभविक पद्धति का सबसे व्यापक उपयोग किया है। उनका वर्गीकरण वर्षा एवं तापमान चरों पर आधारित है जिसमें कोपेन ने वर्षा एवं तापमान के वार्षिक तथा मासिक मध्यमान के आंकड़ों का प्रयोग किया है।

प्रश्न (ii) वर्गीकरण की जननिक प्रणाली आनुभविक प्रणाली से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर-आनुभविक वर्गीकरण प्रेक्षित किए गए तापमान एवं वर्षण से सम्बन्धित आँकड़ों पर आधारित होता है, जबकि जननिक वर्गीकरण में जलवायु को उनके कारणों के आधार पर संगठित करने का प्रयास किया जाता है।

प्रश्न (iii) किस प्रकार की जलवायु में तापमान्तर बहुत कम होता है?
उत्तर-उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र जलवायु में तापमान बहुत कम होता है।

प्रश्न (iv) सौर कलंकों में वृद्धि होने पर किस प्रकार की जलवामविक दशाएँ प्रचलित होंगी?
उत्तर-सौर कलंकों की वृद्धि होने पर तापमान कम अर्थात् मौसम ठण्डा और आर्द्र हो जाता है तथा तूफानों की संख्या बढ़ जाती है।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए
प्रश्न (i) A एवं B प्रकार की जलवायुओं की जलवायविक दशाओं की तुलना करें।
उत्तर-A एवं B प्रकार की जलवायु दशाओं की तुलना ।
UP Board Solutions for Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography Chapter 12 World Climate and Climate Change

प्रश्न (ii) c तथा A प्रकार की जलवायु में आप किस प्रकार की वनस्पति पाएँगे?
उत्तर-c-कोष्ण शीतोष्ण [मध्य अक्षांशीय जलवायु–यह जलवायु 30° से 50° अक्षांशों के मध्य मुख्यतः महाद्वीपों के पूर्वी एवं पश्चिमी सीमान्तों पर विस्तृत है। इस जलवायु में सामान्यत: ग्रीष्म ऋतु कोष्ण और शीत ऋतु मृदुल होती है। अत: C प्रकार की जलवायु में प्रायः भूमध्यसागरीय वनस्पति की प्रधानता मिलती है जिसमें जैतून, अंगूर, नारंगी आदि तथा मुलायम लकड़ी वाले वृक्ष मुख्य हैं।

A-उष्णकटिबन्धीय आर्द्र जलवायु–इस जलवायु में भूमध्यरेखीय सदाबहार वनों की प्रधानता पाई जाती है। यह वन अत्यन्त सघन तथा विभिन्न ऊँचाई समूहों में मिलते हैं। इन वनों में कठोर लकड़ी वाले वृक्षों की प्रमुखता रहती है। आबनूस, रोजवुड, लॉगवुड, रबड़, ताड़ आदि इस जलवायु प्रदेश के प्रमुख वृक्ष हैं।

प्रश्न (iii) ग्रीनहाउस गैसों से आप क्या समझते हैं? ग्रीनहाउस गैसों की एक सूची तैयार करें।
उत्तर-ग्रीनहाउस गैस-वे गैसें जो विकिरण की लम्बी तरंगों का अवशोषण करती हैं, ग्रीनहाउस गैसें कहलाती हैं। इन गैसों द्वारा वायुमण्डल तापन की प्रक्रिया होती है जो ग्रीनहाउस प्रभाव कहलाता है, इसीलिए इन गैसों का नाम ग्रीनहाउस गैस है। ग्रीनहाउस गैसों में निम्नलिखित गैसें सम्मिलित हैं

  1. कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)
  2. क्लोरोफ्लोरो कार्बन्स (CFCs)
  3. हैलोन्स (Hellons)
  4. मीथेन (CH4)
  5. नाइट्रसऑक्साइड (N2O)
  6. ओजोन (O3)

इन गैसों के अतिरिक्त नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) और कार्बन मोनोक्साइड (CO) गैसें प्रमुख ग्रीनहाउस गैसें हैं।

परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1. उष्ण कटिबन्धीय पतझड़ वाले वन निम्नलिखित में से किस प्रदेश में पाये जाते हैं? |
(क) टुण्ड्रा प्रदेश
(ख) विषुवत्रेखीय प्रदेश
(ग) मानसूनी प्रदेश
(घ) भूमध्यसागरीय प्रदेश
उत्तर (ग) मानसूनी प्रदेश।

प्रश्न 2. सदाबहार वन निम्नलिखित में से किस प्रदेश में पाये जाते हैं?
(क) भूमध्यसागरीय जलवायु प्रदेश
(ख) विषुवतरेखीय जलवायु प्रदेश
(ग) रेगिस्तानी जलवायु प्रदेश
(घ) टैगा जलवायु प्रदेश
उत्तर (ख) विषुवत्रेखीय जलवायु प्रदेश।

प्रश्न 3. रेण्डियर नामकं पशु निम्नलिखित में से किस प्रदेश में पाया जाता है?
(क) टुण्डा प्रदेश ।
(ख) टैगा प्रदेश
(ग) मानसूनी वन प्रदेश
(घ) गर्म मरुस्थलीय प्रदेश
उत्तर (क) टुण्ड्रा प्रदेश।

प्रश्न 4. निम्नलिखित महाद्वीपों में से किसमें भूमध्यरेखीय जलवायु नहीं पायी जाती है?
(क) यूरोप ।
(ख) ऑस्ट्रेलिया, ।
(ग) अफ्रीका
(घ) एशिया
उत्तर (क) यूरोप।

प्रश्न 5. निम्नलिखित में से किस जलवायु प्रदेश में शीत ऋतु नहीं होती है? |
(क) भूमध्यरेखीय
(ख) भूमध्यसागरीय |
(ग) मानसूनी
(घ) चीनतुल्य
उत्तर (क) भूमध्यरेखीय।

प्रश्न 6. सघन वर्षा वन निम्नलिखित में से किस जलवायु प्रदेश में पाये जाते हैं? |
(क) गर्म मरुस्थल
(ख) भूमध्यरेखीय |
(ग) भूमध्यसागरीय
(घ) टैगा
उत्तर (ख) भूमध्यरेखीय।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. जलवायु वर्गीकरण के मुख्य उपागम बताइए।
उत्तर-जलवायु वर्गीकरण के तीन मुख्य उपागम हैं-1. आनुभविक, 2. जननिक, 3. अनुप्रयुक्त।

प्रश्न 2. कोपेन द्वारा जलवायु वर्गीकरण में कौन-सा आधार अपनाया गया है?
उत्तर-कोपेन द्वारा जलवायु र्वीकरण में मुख्य रूप से तापक्रम तथा वर्षा को आधार बनाया गया है।

प्रश्न 3. कौन-सी जलवायु में सबसे कम वार्षिक तापान्तर रहता है?
उत्तर-भूमध्यरेखीय जलवायु में वार्षिक तापान्तर सबसे कम रहता है।

प्रश्न 4. विषुवत्रेखीय जलवायु की प्रमुख विशेषता बतलाइए।
उत्तर-विषुवत्रेखीय जलवायु प्रदेशों में सूर्य की किरणें वर्षभर सीधी पड़ने के कारण उच्च तापमान पाया जाता है (औसत तापमान 27°C)। यहाँ संवहनीय प्रक्रिया द्वारा प्रत्येक दिन तीसरे पहर वर्षा होती है (वार्षिक वर्षा का औसत 200-250 सेमी रहता है)।

प्रश्न 5. भूमध्यसागरीय प्रदेशों की वनस्पति की मुख्य विशेषताएँ बतलाइए।
उत्तर-इस प्रदेश की प्राकृतिक वनस्पति शरद ऋतु में एकत्रित नमी पर निर्भर रहती है। ऐसी वनस्पति में वृक्षों की पत्तियाँ चिकनी, छोटी तथा मोटी एवं जड़े लम्बी होती हैं।

प्रश्न 6. उष्णकटिबन्धीय शुष्क मरुस्थलीय जलवायु की विशेषताएँ बतलाइए।
उत्तर-महाद्वीपों के पश्चिमी किनारों पर स्थित होने के कारण इस जलवायु पर महाद्वीपीय प्रभाव सर्वाधिक रहता है तथा वार्षिक तापान्तर अत्यधिक 17° से 22° सेल्सियस रहता है। विश्व का सर्वाधिक ताप अंकित करने वाला केन्द्र अजीजिया इसी जलवायु प्रदेश में स्थित है। वर्षा का वार्षिक औसत 10 से 12 सेमी रहता है।

प्रश्न 7. टैगा प्रदेश में कौन-कौन से जीव-जन्तु मिलते हैं?
उत्तर-टैगा प्रदेश में समूरधारी पशु पाए जाते हैं जिनमें रेण्डियर, कैरिबो, हिरन, लोमड़ी, भेड़िया, मिंक, एस्माइन आदि प्रमुख हैं। कठोर ठण्ड से बचने के लिए प्रकृति ने इन्हें कोमल एवं लम्बे बाल प्रदान किए हैं।

प्रश्न 8. टुण्ड्रा जलवायु का विस्तार कहाँ पाया जाता है?
उत्तर-टुण्ड्रा जलवायु उत्तरी कनाडा, अलास्का, यूरोप में नॉर्वे, फिनलैण्ड तथा साइबेरिया के उत्तरी भागों में पाई जाती है। उत्तरी ध्रुव के नकट स्थित होने के कारण इन्हें ध्रुवीय निम्न प्रदेश अथवा शीत मरुस्थल भी कहा जाता है।

प्रश्न 9. विश्व के सबसे गर्म स्थान का नाम बताइए।
उत्तर-विश्व के सबसे गर्म स्थान का नाम सहारा मरुस्थल में स्थित अजीजिया (लीबिया) तथा जेकोबाबाद (पाकिस्तान) है, जहाँ 58° सेल्सियस तक तापमान अंकित किए गए हैं।

प्रश्न 10. पिछली शताब्दी में मौसम परिवर्तन की चरम घटना कब हुई?
उत्तर-पिछली शताब्दी (1990 के दशक) में मौसमी परिवर्तन की चरम घटनाएँ घटित हुई हैं। इस दशक में शताब्दी का सबसे गर्म तापमान और विश्व में सबसे भयंकर बाढ़ों को रिकॉर्ड किया गया है।

प्रश्न 11. विश्व में सबसे ठण्डा स्थान कौन-सा है?
उत्तर-विश्व में सबसे ठण्डा स्थान साइबेरिया में स्थित बखयांस्क है, जिसका तापमान -65° सेल्सियस तक अंकित किया गया है।

प्रश्न12. उष्णकटिबन्धीय आर्द्र जलवायु का क्षेत्र बताइए।
उत्तर-उष्णकटिबन्धीय आर्द्र जलवायु (A) भूमध्यरेखा के दोनों ओर 5 से 10° अक्षांशों के मध्ये पाई जाती है। यह जलवायु महाद्वीपों के पूर्वी किनारों को अधिक प्रभावित करती है।

प्रश्न 13. कोपेन ने अपने वर्गीकरण में कौन-कौन से मुख्य जलवायु समूह बताए हैं? नाम लिखिए।
उत्तर-कोपेन ने निम्नलिखित पाँच मुख्य जलवायु समूह बताए हैं—1. A समूह-उष्णकटिबन्धीय आर्द्र जलवायु, 2. B समहशुष्क जलवायु, 3. C समूह-कोष्ण शीतोष्ण (मध्य अक्षांशीय जलवायु), 4. D समूह-शीतल हिम वेन जलवायु, 5. E समूह-शीत जलवायु।

प्रश्न 14. स्टैपी जलवायु की क्या विशेषता है?
उत्तर-स्टैपी जलवायु की मुख्य विशेषताएँ हैं-1. कम वर्षा, 2. कम तापमान, 3. आन्तरिक भागों में अवस्थित, 4. पर्वतीय अवरोधों से प्रभावित।

प्रश्न 15. भारत में जलवायु परिवर्तन का कोई ऐतिहासिक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-भारत में आई एवं शुष्क युग आते जाते रहे हैं। पुरातात्त्विक खोजों से पता चला है कि ईसा से लगभग 8000 वर्ष पूर्व राजस्थान मरुस्थल की जलवायु आर्द्र एवं शीतल थी। ईसा से 3000 से 1700 वर्ष पूर्व यहाँ वर्षा अधिक होती थी। |

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. सार्वभौमिक उष्णता क्या है? इसके कारणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-ग्रीनहाउस प्रभाव से विश्व के तापमान में निरन्तर वृद्धि हो रही है, जिसे सार्वभौमिक उष्णता कहते हैं। इसके मुख्य कारणों में नगरीकरण और औद्योगीकरण से कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि जैव । ईंधनों का अधिक प्रयोग होना है। इन पदार्थों के अधिक उपयोग से वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड की वृद्धि हो रही है जो सार्वभौमिक उष्णता का प्रमुख कारण है। आद्योगिक क्रान्ति से पूर्व वायुमण्डल में कार्बन की मात्रा 0.0294 प्रतिशत थी जिसमें औद्योगीकरण के बाद 1980 तक 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसीलिए सार्वभौमिक उष्णता की दर भी तेजी से बढ़ रही है।

प्रश्न 2. बोरियल तथा ध्रुवीय जलवायु को समझाइए।
उत्तर-बोरियल (Boreal)-यह जलवायु ‘E’ समूह के अन्तर्गत आती है। बोरियल जलवायु में ग्रीष्म ऋतु छोटी तथा ठण्डी होती है, जबकि शीत ऋतु लम्बी होती है। इसे जलवायु में औसत तापमान 0° से 10° सेल्सियस के मध्य रहता है। यह जलवायु उच्च मध्य अक्षांशों में पाई जाती हैं।

ध्रुवीय जलवायु (Polar Climate)-ध्रुवीय जलवायु उच्च अक्षांशों में पाई जाती है तथा ऊँचे पर्वतों हिमालय, आल्प्स पर भी यह जलवायु पाई जाती है। यह जलवायु केवल उत्तरी गोलार्द्ध में ही पाई जाती है। इस जलवायु में तापमान 10° सेल्सियस अधिक नहीं होता है। यहाँ ग्रीष्म ऋतु नहीं होती तथा शीत ऋतु भी हिमाच्छादित रहती है।

प्रश्न 3. शुष्क तथा अर्द्ध-शुष्क जलवायु में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-शुष्क जलवायु-शुष्क या मरुस्थलीय जलवायु 20° से 30° अक्षांशों के मध्य दोनों गोलार्डो में पाई जाती है। इस जलवायु में वर्षा अत्यन्त कम होती है, इसलिए वनस्पति का अभाव पाया जाता है। अर्द्ध-शुष्क जलवायु–इस जलवायु को स्टैपी जलवायु भी कहते हैं। यह जलवायु उत्तरी अमेरिका तथा यूरेशिया के पश्चिमी भागों में पाई जाती है। इस जलवायु में वार्षिक वर्षा 20 से 60 सेमी होती है। इस जलवायु में घास के मैदानों को अच्छा विकास होता है।

प्रश्न 4. शीतोष्ण महाद्वीपीय तथा शीतोष्ण सामुद्रिक जलवायु को समझाइए।
उत्तर-शीतोष्ण महाद्वीपीय जलवायु-यह जलवायु मध्य अक्षांशों में महाद्वीपों के आन्तरिक भागों में पाई जाती है। इस जलवायु में शीत ऋतु अत्यन्त ठण्डी तथा ग्रीष्म ऋतु शीतयुक्त होती है। इसमें वार्षिक वर्षा बहुत कम होती है। यह जलवायु उत्तरी-पूर्वी एशिया, पूर्वी कनाडा तथा यूरेशिया में पाई जाती है।

शीतोष्ण सामुद्रिक जलवायु-यह जलवायु शीतोष्ण कटिबन्ध में महाद्वीपों के पश्चिमी भागों में पाई जाती है। इस जलवायु में वर्ष भर शीत ऋतु मृदुल तथा ग्रीष्म ऋतु कोष्ण होती है। औसत तापमान 0°C से अधिक रहता है तथा वर्षा वर्षभर होती रहती है।

प्रश्न 5. भूमध्यसागरीय जलवायु प्रदेशों की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-भूमध्यसागरीय जलवायु प्रदेशों की प्रमुख प्राकृतिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
1. यह प्रदेश महाद्वीपों के पश्चिमीतटीय भागों में स्थित है। इसलिए यहाँ भिन्न-भिन्न पवनों का प्रभाव | रहता है। जाड़ों में बोरा तथा मिस्टूल के समान ठण्डी व शुष्क पवनें तथा गर्मियों में सिरॉक्को के समान गर्म व शुष्क पवनें चलती हैं।
2. इन प्रदेशों में वर्षा कम होती है। अधिकांश वर्षा शरद ऋतु में चक्रवातों द्वारा होती है।
3. भूमध्यसागरीय जलवायु प्रदेशों में मिलने वाली सनस्पति अपनी लम्बी जड़ों द्वारा भूमिगत जल पर निर्भर है। मोटी व चिकनी पत्तियों के कारण इन वृक्षों से वाष्पीकरण नहीं होता है। –
4. यहाँ कठोर गर्मी के कारण घास के मैदान छोटे तथा कम पाए जाते हैं। अत: गाय, भैंस आदि बहुत कम संख्या में पाले जाते हैं। भेड़, बकरी, घोड़ा, खच्चर आदि इस प्रदेश के मुख्य पशु हैं। कुछ भागों में सुअर एवं मुर्गीपालन भी किया जाता है।

प्रश्न 6. भूमध्यरेखीय तथा भूमध्यसागरीय जलवायु की तुलना कीजिए।
उत्तर-भूमध्यरेखीय जलवायु भूमध्य रेखा के दोनों ओर 5° अक्षांशों तक पायी जाती है। इसका विस्तार अमेजन बेसिन, कांगो बेसिन तथा पूर्वी द्वीप समूहों में मिलता है। यह जलवायु उष्णार्द्र है तथा वर्षभर समान रहती है। यहाँ कोई शीतकाल नहीं होता। औसत वार्षिक तापमान 27° सेग्रे तक रहता है। वार्षिक वर्षा का औसत 200-300 सेमी रहता है। प्रतिदिन दोपहर को संवहनीय वर्षा होती है। अधिक वर्षा के कारण भूमि दलदली रहती है। यह जलवायु स्वास्थ्य के लिए हानिकारक तथा असह्य होती है।

भूमध्यसागरीय जलवायु के प्रदेशों का विस्तार 30° से 45° अक्षांशों के मध्य भूमध्य सागर के तटीय भागों, द० अफ्रीका के केप प्रान्त, उत्तरी अमेरिका की कैलीफोर्निया घाटी, दक्षिणी अमेरिका में मध्य चिली तथा ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी भाग पर है। यहाँ की जलवायु सम होती है। वार्षिक तापान्तर कम रहते हैं। ग्रीष्मकाल का औसत तापमान 21° से 26° सेग्रे रहता है। ग्रीष्म काल शुष्क रहता है। शीतकाल में वर्षा होती है।

प्रश्न 7. भूमध्यरेखीय जलवायु की स्थिति एवं जलवायु का विवरण दीजिए।
उत्तर-स्थिति-भूमध्य या विषुवत्रेखीय जलवायु प्रदेश भूमध्य रेखा के 5° उत्तर एवं 5°दक्षिणी अक्षांशों के मध्य स्थित हैं। उत्तरी गोलार्द्ध में कुछ स्थानों पर इन क्षेत्रों को विस्तार 10° अक्षांशों तक पाया जाता है। इस जलवायु प्रदेश के अन्तर्गत अमेजन बेसिन, कांगो बेसिन, मलेशिया और इण्डोनेशिया आदि क्षेत्र सम्मिलित

जलवायु-विषुवत्रेखीय जलवायु प्रदेशों में सूर्य की किरणें वर्षभर सीधी पड़ने के कारण उच्च तापमान पाया जाता है। इन प्रदेशों में औसत तापमान 27° सेल्सियस रहता है। संवहनीय प्रक्रिया के कारण इन क्षेत्रों में प्रत्येक दिन तीसरे पहर वर्षा होती है। वार्षिक वर्षा का औसत 200-250 सेमी अंकित किया जाता है। इन प्रदेशों की जलवायु मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक एवं कष्टकारक होती है।

प्रश्न “8. भूमध्यसागरीय प्रदेशों से उदाहरण देते हुए समझाइए कि वनस्पति अपनी जलवायु से किस प्रकार समानुकूलन करती है?
उत्तर-भूमध्यसागरीय प्रदेशों में शरद ऋतु में वर्षा होती है, जबकि ग्रीष्मकाल शुष्क रहता है। अतः यहाँ इस प्रकार की वनस्पति उगती है जो शरद ऋतु में एकत्र की गई नमी पर निर्भर रह सके। यहाँ उगने वाले वृक्षों की पत्तियाँ चिकनी, छोटी तथा मोटी होती हैं तथा कुछ पत्तियों पर मोम जैसा चिकना एवं दूध जैसा पदार्थ निकलकर चिपक जाता है। पत्तियों की इसी विशेषता के कारण इन वृक्षों से वाष्पीकरण की क्रिया द्वारा नमी नष्ट नहीं होती है। वृक्षों की छालें लम्बी एवं मोटी होती हैं। अतः यहाँ कम ऊँचाई की चौड़ी पत्ती वाली सदाहरित वनस्पति उगती है।

इस जलवायु प्रदेश में ओक, चीड़, अंजीर, अखरोट, जैतून, नारंगी एवं शहतूत आदि के वृक्ष प्रमुख रूप से उगते हैं। इस प्रकार यहाँ ऐसे वृक्ष उगते हैं जो सरलता से ग्रीष्मकाल की शुष्कता को सहन करने में । सक्षम होते हैं तथा उन्होंने अपनी जलवायु से पूर्ण रूप से समायोजन कर लिया है। तूरस एवं रसदार फलों के लिए यह प्रदेश विश्वविख्यात है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के आधार बताइए तथा उनके द्वारा बताए गए जलवायु समूहों (प्रदेशों) का विवरण दीजिए।
उत्तर-कोपेन का जलवायु वर्गीकरण । कोपेन ने विश्व जलवायु वर्गीकरण में आनुभविक पद्धति को अपनाया है। इस पद्धति में कोपेन ने तापमान तथा वर्षण के निश्चित मानों के आधार पर वनस्पति के वितरण से सम्बन्ध स्थापित करने का प्रयास किया है। कोपेन ने अपने जलवायु वर्गीकरण की सीमाएँ वनस्पति सीमाओं को ध्यान में रखकर बनाई हैं। उनका विचार था कि वनस्पति का उगना और विकास वर्षा की प्रभावशीलता पर निर्भर है। अतः कोपेन ने अपने जलवायु वर्गीकरण के लिए वर्षा और तापमान के मासिक एवं वार्षिक औसत (मध्यमान) आँकड़ों को आधार माना है। उन्होंने जलवायु के समूहों एवं प्रकारों की पहचान के लिए बड़े तथा छोटे अंग्रेजी अक्षरों का प्रयोग किया है। यद्यपि इन्होंने अपना यह जलवायु वर्गीकरण 1918 में प्रस्तुत किया था तथा समय-समय पर इसको संशोधित भी किया है, किन्तु यह वर्गीकरण इतना पुराना होते हुए आज भी लोकप्रिय एवं प्रचलित है।

कोपेन ने विश्व की जलवायु को पाँच मुख्य समूहों तथा 14 उपसमूहों में विभक्त किया है। इन जलवायु समूहों की संक्षिप्त विवरण तालिका इस प्रकार है

तालिका : कोपेन के जलवायु समूह एवं उपसमूह
UP Board Solutions for Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography Chapter 12 World Climate and Climate Change 1
UP Board Solutions for Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography Chapter 12 World Climate and Climate Change 2

प्रश्न 2. उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र (Af) (भूमध्यरेखीय जलवायु) तथा उष्ण कटिबन्धीय मानसून जलवायु (Am) की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र (Af) जलवायु की विशेषताएँ ।
उष्णकटिबन्धीय आर्द्र जलवायु समूह A उष्णकटिबन्धीय वर्ग की जलवायु है। यह जलवायु विषुवत् वृत्त के निकट पाई जाती है। इस जलवायु के मुख्य क्षेत्र दक्षिण अमेरिका का अमेजन बेसिन, पश्चिमी विषुवतीय अफ्रीका तथा दक्षिण-पूर्वी एशिया के द्वीप हैं। इसे भूमध्यरेखीय जलवायु प्रदेश कहा जाता है। इस प्रदेश में वर्ष के प्रत्यक माह में दोपहर के बाद गरज और बौछारों के साथ प्रचुर वर्षा होती है। इस वर्षा को संवहनीय वर्षा कहा जाता है। यहाँ तापमान समान रूप से ऊँचा रहता है; अत: वार्षिक तापान्तर नगण्य पाया जाता है। किसी भी दिन अधिकतम तापमान लगभग 30°C और न्यूनतम तापमान लगभग 20°C होता है (चित्र 12.1)। इस जलवायु प्रदेश में सघन सदाबहार वन तथा व्यापक जैव विविधता पाई जाती है। इन प्रदेशों की जलवायु मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक एवं कष्टकारक होती है। इस जलवायु का प्रतिनिधि नगर सिंगापुर है।
UP Board Solutions for Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography Chapter 12 World Climate and Climate Change 3

मानसून जलवायु (Am) की विशेषताएँ

इस जलवायु के अन्तर्गत भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, थाईलैण्ड, फिलीपीन्स, कम्बोडिया, चीन, ताइवान, अफ्रीका महाद्वीप के पूर्वी तट तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिण-पूर्वी तटीय भाग और ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी भाग सम्मिलित हैं। मानसूनी जलवायु प्रदेशों में उच्च तापमन पाया जाता है। सर्वाधिक तापमान ग्रीष्मकाल में अंकित किया जाता है। यहाँ वर्ष में तीन प्रकार के मौसम परिलक्षित होते हैं जो एक चक्र के रूप में पाए जाते हैं (मार्च से जून-ग्रीष्मकाल, जुलाई, से अक्टूबर–वर्षाकाल तथा नवम्बर से फरवरी-शीतकाल)। ग्रीष्मकाल का औसत तापमान 30° सेल्सियस, जबकि शीतकाल का औसत तापमान 10° से 15° सेल्सियस तक पाया जाता है। इसी कारण यहाँ तापान्तर अधिक पाया जाता है। तापमान पर महाद्वीपीयता का प्रभाव स्पष्ट दिखलाई पड़ता है। तटीय भागों में तापान्तर कम, जबकि आन्तरिक क्षेत्रों में तापान्तर अधिक पाया जाता है। भारत में इस जलवायु का प्रतिनिधि नगर कोलकाता है। उत्तरी भारत में ग्रीष्मकाल में गर्म पवने (लू) चलती हैं। भारत के आन्तरिक क्षेत्रों में तो तापमान 48° सेल्सियस तक अंकित किए जाते हैं, जबकि शीतकाल का तापमान 4° सेल्सियस तक गिर जाता है। मानसूनी वर्षा मुख्यतः पर्वतीय (Orographic) होती है। तटीय भागों में चक्रवातीय वर्षा तथा ग्रीष्मकाल के आरम्भ में सर्वाधिक वर्षा होती है। मानसूनी पवनें पर्वतों से टकराकर सम्मुख ढालों पर तीव्र वर्षा करती हैं। क्रमशः आन्तरिक भागों की ओर बढ़ने पर उनकी आर्द्रता कम होती जाती है, परन्तु वर्षा का वितरण एवं मात्रा असमान होती है (चित्रे 12.2)।

इस प्रदेश में वर्षा एवं तापमान विविधता के कारण वनस्पति में भी विविधता पाई जाती है। यहाँ सदापर्णी और पर्णपाती वन पाए जाते हैं। साल, शीशम, सागौन, जामुने तथा महुआ और विभिन्न प्रकार की झाड़ियाँ इस प्रदेश की प्रमुख वनस्पतियाँ हैं।

प्रश्न 3. उष्णकटिबन्धीय शुष्क जलवायु का सम्बन्ध इस प्रदेश में उगने वाली प्राकृतिक वनस्पति से निर्धारित कजिए।
उत्तर-उष्ण कटिबन्धीय शुष्क मरुस्थलीय जलवायु
यह सहारा तुल्य जलवायु भी कहलाती है जो 15 से 30° अक्षांशों के मध्य दोनों गोलार्थों में महाद्वीपों के पश्चिमी भागों में पाई जाती है। विश्व के सभी उष्ण मरुस्थल इस जलवायु प्रदेश के अन्तर्गत सम्मिलित हैं।

जलवायु–महाद्वीपों के पश्चिमी किनारों पर स्थित होने के कारण यहाँ जलवायु पर महाद्वीपीय प्रभाव सर्वाधिक दिखलाई पड़ता है। दूसरे शब्दों में, वार्षिक तापान्तर अत्यधिक (17° से 22° सेल्सियस) होता है। तापमान के आधार पर यहाँ दो ऋतुएँ परिलक्षित होती हैं-ग्रीष्म एवं शीत ऋतु। ग्रीष्मकाल में यह क्षेत्र अधिकतम मात्रा में सूर्यातप प्राप्त करता है तथा यहाँ विश्व का सर्वाधिक ताप अंकित किया जाता है। (लीबिया में अजीजिया-58° सेल्सियस)। परन्तु यहाँ पर रात्रि का तापमान इतना नीचे गिर जाता है कि दैनिक तापान्तर औसतन 22° से 28° सेल्सियस अंकित किया जाता है। दिन का तापमान शीतकाल में भी 18° सेल्सियस तक पहुँच जाता है, यद्यपि रात्रिकाल में तापमान अत्यधिक कम हो जाता है। इस जलवायु प्रदेश में वर्षा की अनिश्चितता रहती है। कभी वर्षों तक वर्षा की एक बूंद भी नहीं पड़ती है। तो कभी एक साथ इतनी वर्षा हो जाती है कि बाढ़ आ जाती है। अधिकांश क्षेत्रों में वर्षा का औसत 10 से 12 सेमी तक रहता है। जैकोबाबाद (पाकिस्तान) इस जलवाय का प्रतिनिधि नगर है।
UP Board Solutions for Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography Chapter 12 World Climate and Climate Change 4
प्राकृतिक वनस्पति-उष्ण मरुस्थल प्रायः वनस्पतिविहीन होते हैं। सहारा एवं अरब के मरुस्थल ऐसे ही उजाड़ प्रदेश हैं। कुछ भागों में विशिष्ट प्रकार की शुष्क वनस्पति पाई जाती है। झाड़ियाँ, छोटी घास व बबूल, खजूर, नागफनी आदि वृक्ष एवं पौधे उगते हैं, जो प्राकृतिक रूप से शुष्क वातावरण में समायोजित होते हैं। इनकी जड़े धरातल से काफी गहराई तक चली जाती हैं जिससे इन्हें नमी प्राप्त होती रहे। इनके तने मोटी छाल वाले एवं पत्तीविहीन होते हैं। यदि कुछ पौधों में पत्तियाँ होती हैं तो वे अत्यन्त मोटी, छीटी, चिकनी एवं काँटेदार होती हैं; जैसे–नागफनी आदि।

प्रश्न 4. पश्चिमी यूरोप तुल्य जलवायु के क्षेत्रों तथा विशेषताओं का विवरण दीजिए।
या पश्चिमी यूरोप तुल्य जलवायु का वर्णन निम्नलिखित शीर्षकों के अन्तर्गत कीजिए
(अ) स्थिति तथा विस्तार, (ब) जलवायु की विशेषताएँ, (स) प्राकृतिक वनस्पति।
उत्तर- पश्चिमी यूरोप तुल्य जलवायु प्रदेश की विशेषताएँ
स्थिति एवं विस्तार–इस जलवायु प्रदेश का विस्तार उत्तरी एवं दक्षिणी दोनों गोलाद्ध में 45° से 60° अक्षांशों के मध्य महाद्वीपों के पश्चिमी भागों में है। यूरोप महाद्वीप के ग्रेट ब्रिटेन, दक्षिणी नॉर्वे, दक्षिणी-पूर्वी फिनलैण्ड, बेल्जियम, हॉलैण्ड, डेनमार्क, जर्मनी, उत्तरी स्पेन, उत्तरी फ्रांस; उत्तरी अमेरिका महाद्वीप के दक्षिणी अलास्का तथा ब्रिटिश कोलम्बिया; दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप के दक्षिणी चिली; ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के तस्मानिया तथा दक्षिणी न्यूजीलैण्ड आदि क्षेत्रों की जलवायु इसी प्रकार की है।

जलवायु की विशेषताएँ-पश्चिमी यूरोप तुल्य जलवायु प्रदेश की जलवायु सम है, क्योंकि जलवायु पर सामुद्रिक स्थिति का व्यापक प्रभाव पड़ा है। इनके तटीय भागों में गर्म जल की सागरीय धाराएँ प्रवाहित होती हैं तथा सदैव गर्म पछुवा हवाएँ प्रवाहित होती हैं। इनके प्रभाव के फलस्वरूप इन प्रदेशों में ग्रीष्म ऋतु शीतल एवं शीत ऋतु साधारण ठण्डी होती है। शीतकाल का औसत तापमान 3° से 7° सेग्रे रहता है, जबकि महाद्वीपों के आन्तरिक भागों में तापान्तर बढ़ता जाता है, परन्तु यहाँ पर तापमान कभी भी हिमांक बिन्दु तक नहीं पहुँच पाता।

इस प्रदेश में वर्षा वर्ष भर होती है। ग्रीष्म ऋतु की अपेक्षा शीत ऋतु में वर्षा अधिक होती है। वर्षा का वार्षिक औसत 150 से 250 सेमी है। पर्वतीय भागों में वर्षा का वार्षिक औसत 300 से 400 सेमी, तटीय भागों में 200 से 300 सेमी तथा आन्तरिक मैदानी भागों में 50 से 100 सेमी के मध्य है।।

प्राकृतिक वनस्पति-वर्षा में भिन्नता के कारण पश्चिमी यूरोप तुल्य जलवायु प्रदेश में प्राकृतिक वनस्पति में भी विभिन्नता मिलना स्वाभाविक है। अत्यधिक वर्षा वाले पर्वतीय भागों में नुकीली पत्ती वाले कोणधारी वन उगते हैं जिनमें पाइन, फर, लार्च, चीड़, स्पूस तथा हेमलॉक के वृक्ष मुख्य हैं। कम वर्षा वाले क्षेत्रों में समुद्रतटीय एवं मैदानी भागों में चौड़ी पत्ती वाले पतझड़ वन मिलते हैं। इनमें ओक, बर्च, बीच, एल्म, मैपिल, चेस्टनट, वॉलनट आदि के वृक्ष प्रमुख हैं। अत्यधिक कम वर्षा वाले भागों में घास के मैदान भी मिलते हैं। वर्तमान समय में इन वनों को काटकर कृषि-योग्य भूमि का विस्तार किया जा रहा है, जिससे वन प्रदेशों का क्षेत्रफल धीरे-धीरे कम होता जा रहा है।

पशु-जीवन-पर्वतीय घाटियों एवं मैदानों में मिलने वाली घास पर डेयरी पशुपालन उद्योग का विकास हुआहै। पशुओं से दूध प्राप्त किया जाता है जिसके कारण ये प्रदेश पनीर तथा मक्खन के उत्पादन में विश्व में सबसे अग्रणी हैं। डेनमार्क ने दुग्ध उद्योग में विशेष प्रगति की है। पर्वतीय क्षेत्रों में घोड़े तथा सूअर पाले जाते हैं जो यातायात एवं मांस के लिए प्रयुक्त किये जाते हैं। भेड़-बकरियों से ऊन एवं मांस भी प्राप्त किया जाता है।

आर्थिक विकास—सागरीय स्थिति, वर्ष भर पर्याप्त वर्षा एवं तापमान के कारण इन प्रदेशों में आर्थिक विकास के पर्याप्त संसाधन विकसित हुए हैं। यूरोप का यह प्रदेश विश्व का सबसे उन्नतशील एवं विकसित प्रदेश है। इसके आर्थिक विकास का अध्ययन निम्नलिखित रूपों में किया जा सकता है–

(i) कृषि-इन प्रदेशों में कृषि-कार्य उन्नत दशा में है। कृषि मैदानी प्रदेशों एवं पर्वतीय घाटियों में की जाती है। गेहूँ, जौ, जई, चुकन्दर, आलू आदि मुख्य फसलें हैं। यहाँ पर वसन्तकालीन एवं शीतकालीन दोनों प्रकार का गेहूँ उगाया जाता है।

(ii) खनिज पदार्थ-पश्चिमी यूरोप तुल्यं जलवायु प्रदेश में खनन कार्य प्रगति कर गया है। कोयला, लोहा, चाँदी, सोना, सीसा, जस्ता, बॉक्साइट आदि प्रमुख खनिज पदार्थ मिलते हैं। इस प्रदेश के अन्तर्गत आने वाले देशों की उन्नति का प्रमुख कारण पर्याप्त खनिज-सम्पदा की उपलब्धि का होना है।

(iii) उद्योग-धन्धे-भौगोलिक सुविधाओं के कारण पश्चिमी यूरोप तुल्य जलवायु प्रदेश की अधिकांश जनसंख्या उद्योग-धन्धों में लगी हुई है। लोहा-इस्पात, सूती वस्त्र, ऊनी वस्त्र, कागज एवं लुग्दी तथा लकड़ी काटना प्रधान व्यवसाय हैं। ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी तथा बेल्जियम इस प्रदेश के महत्त्वपूर्ण औद्योगिक देश हैं।

मानव-जीवन-पश्चिमी यूरोप तुल्य जलवायु प्रदेश विश्व के सबसे सम्पन्न एवं उन्नतशीत प्रदेश हैं। यहाँ के निवासी उद्योग-धन्धों में कुशल एवं प्रशिक्षित हैं। विश्व के शिक्षित एवं सभ्य मानव इसी प्रदेश में सबसे अधिक निवास करते हैं। दक्षिणी चिली को छोड़कर सभी देशों ने कला-कौशल के क्षेत्र में विशेष प्रगति की है। अत्यधिक आर्थिक विकास पश्चिमी यूरोपीय देशों की विशेषता है। इस प्रदेश की 50% से अधिक जनसंख्या महानगरों में निवास करती है। समुद्रतटीय पत्तनों एवं निकटवर्ती भागों में स्थित नगरों में जनसंख्या अधिक निवास करती है। लन्दन, पेरिस, बर्लिन, मानचेस्टर आदि स्थान विश्व के विकसित महानगरों में से हैं। इस प्रदेश में मानव को जीवन-यापन के लिए विशेष प्रयास नहीं करने पड़ते। यहाँ सभ्यता एवं संस्कृति को विकास चरम सीमा तक हुआ है। ईसाई धर्मावलम्बी इस क्षेत्र में अधिक निवास करते हैं।

प्रश्न 5. कोष्ण शीतोष्ण (मध्य अक्षांशीय) जलवायु (C) के उपजलवायु समूह बताइए तथा भूमध्यसागरीय (Cs) जलवायु सम्बन्धी विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-कोष्ण शीतोष्ण (मध्य अक्षांशीय) जलवायु को C समहों में रखा गया है। इस समूह की जलवायु 30° से 50° अक्षांशों के मध्य मुख्यतः महाद्वीपों के पूर्वी और पश्चिमी सीमान्तों पर विस्तृत है। इस जलवायु को तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है
(i) आर्द्र उपोषण कटिबन्धीय (Cfa), (ii) भूमध्यसागरीय (Csa), (iii) समुद्री पश्चिमतटीय (Cfb)।

भूमध्यसागरीय (Csa) जलवायु–इस जलवायु का अधिकांश विस्तार 30° से 45° अक्षांशों के मध्य है। यह मुख्यतः भूमध्यसागर के समीपवर्ती भागों में पाए जाने के कारण भूमध्यसागरीय जलवायु कहलाती है

जलवायु (तापमान एवं वर्षा)-भूमध्यसागरीय जलवायु प्रदेशों में दो ऋतुएँ होती हैं—शरद एवं ग्रीष्म। यहाँ शरद ऋतु छोटी, कर्म ठण्डी व नम तथा ग्रीष्म ऋतु लम्बी, गर्म एवं शुष्क होती है। इस जलवायु परे शरद ऋतु में ध्रुवों की ओर से तथा ग्रीष्म ऋतु में मरुस्थलों की ओर से आने वाली पवनों का विशेष प्रभाव पड़ता है। यहाँ शरद ऋतु में औसत तापमान 7° से 10° सेल्सियस एवं ग्रीष्म ऋतु में तापमान 21° से 30° सेल्सियस रहता है। शरद ऋतु केवल तीन माह तक होती है। हर महीने में दोपहर का तापमान 13° से 15° सेल्सियस तक रहता है, परन्तु रात का तापमान 8° सेल्सियस तक पहुँच जाता है। इस जलवायु प्रदेश में वर्षा का वार्षिक औसत 30 से 50 सेमी तक रहता है। यहाँ वर्षा शरद ऋतु में चक्रवातों द्वारा होती है। ऐसी वर्षा में बादल अधिक सघन नहीं होते तथा ग्रीष्म ऋतु में इन प्रदेशों के व्यापारिक पवनों की पेटी में आ जाने के कारण वर्षा नहीं हो पाती है। रेडब्लफ (कैलीफोर्निया) इस जलवायु का प्रतिनिधि नगर (चित्र 12.4) है।
UP Board Solutions for Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography Chapter 12 World Climate and Climate Change 5
प्रश्न 6. टुण्ड्रा (ET) जलवायु दशाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर–टुण्ड्रा तुल्य जलवायु 10° से 0°C (जुलाई) समताप रेखाओं के मध्य पाई जाती है। इस जलवायु में कनाडा, अलास्का, यूरोप के नॉर्वे, फिनलैण्ड तथा साइबेरिया के उत्तरी भाग सम्मिलित हैं। ध्रुव के निकट स्थित होने के कारण यह जलवायु ध्रुवीय जलवायु भी कहलाती है।

जलवायु (तापमान एवं वर्षण)-टुण्ड्रा प्रदेश की जलवायु अत्यन्त शीतल है। शीत ऋतु अत्यधिक लम्बी एवं कठोर तथा ग्रीष्म ऋतु छोटी परन्तु ठण्डी होती है। वर्ष के अधिकांश भाग में तापमान हिमांक बिन्दु के नीचे बना रहता है। औसत वार्षिक तापमान – 12° सेल्सियस पाया जाता है। ग्रीष्म ऋतु का तापमान 0° से 10° सेल्सियस अंकित किया जाता है। इस प्रकार यहाँ वार्षिक तापान्तर अधिक रहता है। शीतकाल में यहाँ भयंकर बर्फीले तूफान अर्थात् ध्रुवीय वाताग्र चला करते हैं जिससे शीत ऋतु में कठोरता और भी बढ़ जाती है। शीतकाल में यह क्षेत्र न्यूनतम ताप ग्रहण कर पाता है, क्योंकि दिन की लम्बाई बहुत कम होती है। यदि कुछ सूर्यातप प्राप्त होता भी है तो उसका अधिकांश भाग हिम से टकराकर परिवर्तित हो जाता है तथा जो ताप शेष बचता है वह हिम को पिघलाने में नष्ट हो जाता है। दिन व रात की लम्बाई में अत्यधिक अन्तर होने के कारण दैनिक तापान्तर न्यून पाया जाता है। इस प्रदेश का प्रतिनिधि नगर उपरनिविक है (चित्र 12.5)।।

टुण्ड्रा प्रदेश में वर्षा बहुत कम होती है। अधिकांश वर्षा हिमपात के रूप में होती है। यद्यपि ग्रीष्मकाल में वर्षा कभी-कभी जल के रूप में भी हो जाती है, परन्तु इसकी मात्रा कम ही रहती है। यहाँ वर्षा का वार्षिक औसत 30 सेमी से भी कम रहता है। ग्रीष्मकाल में चक्रवातीय वर्षा होती है तथा तटीय क्षेत्रों में कुहरा छाया रहता है।

UP Board Solutions for Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography Chapter 12 World Climate and Climate Change 5
UP Board Solutions for Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography Chapter 12 World Climate and Climate Change 5

प्रश्न 7. भूमण्डलीय तापन के लिए उत्तरदायी गैसें कौन-सी हैं? इनके प्रभाव की विवेचना कीजिए।
या भूमण्डलीय तापन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-भूमण्डलीय तापन पृथ्वी के तापमान में वृद्धि मानवजनित ग्रीनहाउस प्रभाव का एक दुष्परिणाम है। इसकी ओर विश्व समुदाय का ध्यान आकृष्ट करने के लिए 1989 में पर्यावरण दिवस पर संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा ‘भूमण्डली तापन : भूमण्डलीय चेतावनी’ (Global warming : Global warming) नामक नारा दिया गया। ग्रीनहाउस गैसों का निरन्तर बढ़ना विश्व तापन का प्रमुख कारण है। वैज्ञानिकों का निष्कर्ष है कि प्रति दशके विश्व तापमान में 0.2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो रही है। बीसवीं सदी में धरती का औसत तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया। ‘विश्व मौसम संगठन द्वारा पहले 1990, फिर 1995, 1997 तथा 1998 को शताब्दी के सर्वाधिक गर्म वर्ष के रूप में उल्लेख करना विश्व तापमान में निरन्तर वृद्धि का प्रमाण है। भूतापमान में वृद्धि के लिए उत्तरदायी गैसों को ग्रीनहाउस गैस कहा जाता है। ग्रीनहाउस प्रभाव उत्पन्न करने वाली गैसें निम्नलिखित हैं—

1. कार्बन डाइऑक्साइड-ग्रीनहाउस प्रभाव उत्पन्न करने वाली गैसों में कार्बन डाइऑक्साइड प्रमुख है। तीव्र औद्योगिकीकरण एवं परिवहन साधनों की वृद्धि से इस गैस की मात्रा में निरन्तर वृद्धि हो रही है।

2. मीथेन-कार्बन एवं हाइड्रोजन के मेल से निर्मित यह गैस कार्बन डाई-ऑक्साइड से 21 गुना अधिक ग्रीनहाउस प्रभाव उत्पन्न करती है।

3. नाइट्रस ऑक्साइड-यह अत्यन्त खतरनाक प्रभाव उत्पादक गैस है। वायुमण्डल में इसकी मात्रा कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में बहुत कम है फिर भी यह कार्बन डाइऑक्साइड की अपेक्षा 290 गुना अधिक खतरनाक होती है। ग्रीनहाउस प्रभाव उत्पन्न करने में इस गैस का योगदान 6 प्रतिशत है।

4. क्लोरो-फ्लोरो कार्बन-कलोरो-फ्लोरो कार्बन या सी०एफ०सी० गैसों का निर्माण प्राकृतिक क्रियाओं द्वारा न होकर रासायनिक अभिक्रियाओं द्वारा होता है। यह बीसवीं शताब्दी की देन है। वायुमण्डल में इसका अस्तित्व 130 वर्ष तक बना रहता है। यह गैस ओजोन परत को भारी क्षति पहुँचाती है।

उपर्युक्त उल्लेखनीय हरित गैसों की उपस्थिति के कारण वायुमण्डल एक हरित गृह की भाँति व्यवहार करता है। यद्यपि हरित गृह काँच का बना होता है। काँचै प्रवेशी सौर विकिरण की लघु तरंगों के लिए पारदर्शी होता है तथा बहिर्गामी विकिरण की लम्बी तरंगों के लिए अपारदर्शी है। इसी प्रकार का व्यवहार ग्रीनहाउस गैसों से वायुमण्डल में होने के कारण वर्तमान शताब्दी में भूमण्डलीय तापन की समस्या उत्पन्न हो रही है।

All Chapter UP Board Solutions For Class 11 geography Hindi Medium

—————————————————————————–

All Subject UP Board Solutions For Class 12 Hindi Medium

*************************************************

I think you got complete solutions for this chapter. If You have any queries regarding this chapter, please comment on the below section our subject teacher will answer you. We tried our best to give complete solutions so you got good marks in your exam.

यदि यह UP Board solutions से आपको सहायता मिली है, तो आप अपने दोस्तों को upboardsolutionsfor.com वेबसाइट साझा कर सकते हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top