Author name: Rajkumar Singh

संतत आवेश वितरण ( Continuous Charge Distribution )

आवेश वितरण क्या होता है –(Charge Distribution): यह दो प्रकार का होता है | 1. असतत आवेश वितरण (Discontinuous Charge Distribution) 2. सतत आवेश वितरण (Continuous Charge Distribution) संतत आवेश वितरण क्या होता है : इस प्रकार के वितरण में किसी वस्तु पर आवेश  एकसमान रूप से वितरित रहता है|   ” जब एक बहुत […]

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एकसमान बाह्य क्षेत्र में द्विध्रुव | Hindi Learning

एकसमान विद्युत क्षेत्र E में रखे द्विध्रुव आघूर्ण p के स्थायी द्विध्रुव (स्थायी द्विध्रुव से हमारा तात्पर्य यह है कि p का E से स्वतंत्र अस्तित्व है; यह E द्वारा प्रेरित नहीं हुआ है।) यहाँ आवेश q पर GE तथा -q पर -GE बल लग रहे हैं। चूँकि E एकसमान है अतः – द्विध्रुव पर

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विद्युत द्विध्रुव & विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण | परिभाषा | मात्रक | विमीय सूत्र

विद्युत द्विध्रुव क्या है – Vaidyut Dwidhruv Kise Kehte Hain यदि दो आवेश जिनके बीच की दूरी बहुत कम है और दोनों पर विपरीत आवेश है और बराबर परिमाण है तो इस व्यवस्था या सिस्टम को विद्युत द्विध्रुव कहेंगे विद्युत द्विध्रुव में एक धन आवेश और एक ऋण आवेश कम दूरी पर रखे होते हैं

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विद्युत फ्लक्स ( Vidyut Flux ) की परिभाषा, SI मात्रक, विमीय सूत्र

वैद्युत फ्लक्स किसे कहते हैं ? – vidyut flux kise kahte hai “विद्युत क्षेत्र में स्थित किसी क्षेत्रफल से लंबवत दिशा में गुजरने वाली बल रेखाओं की संख्या को उस क्षेत्र से  संबद्ध विद्युत फ्लक्स कहते  हैं। “ विद्युत फ्लक्स के प्रकार: विद्युत फ्लक्स दो प्रकार के होते है।(1) धनात्मक विद्युत फ्लक्स ।(2) ऋणात्मक विद्युत फ्लक्स।  धनात्मक विद्युत फ्लक्स

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विद्युत क्षेत्र रेखाएँ क्या है | Vidyut Kshetra Rekhaye Kise Kehte Hain

Vidyut Kshetra Rekhaye Kya Hai – विद्युत क्षेत्र रेखाएं किसे कहते हैं? यदि विद्युत क्षेत्र को ग्राफीय रूप में निरूपित किया जावे तो यह कुछ रेखाओं (सतत) के रूप में प्राप्त होता है इस ग्राफीय निरूपण को ही विद्युत क्षेत्र रेखाएँ ( electric field lines in hindi) कहते है। विद्युत क्षेत्र रेखाओ से सम्बन्धित महत्वपूर्ण गुणधर्म

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अध्यारोपण का सिद्धांत | बहुल आवेशों के बीच बल

बहुल आवेशों के बीच बल: दो आवेशों के बीच पारस्परिक वैद्युत बल कूलॉम नियम द्वारा प्राप्त होता है। उस स्थिति में किसी आवेश पर आरोपित बल का परिकलन कैसे करें, जहाँ उसके निकट एक आवेश न होकर उसे बहुत से आवेश चारों ओर से घेरे हों? निर्वात में स्थित n स्थिर आवेशों q1,q2,q3, … qn,

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कूलॉम का नियम | परिभाषा | Derivation | सूत्र

कूलॉम का नियम – Coulomb Ka Niyam In Hindi: कूलॉम नियम अनुसार: “दो बिंदु आवेशों के बीच लगने वाला बल दोनों आवेशों के गुणन फल के समानुपाती होता है और उन दोनों आवेशों की बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानपाती होता है अब वह बल आकर्षी या प्रतिकर्षि हो सकता है|” कूलॉम का नियम

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वैद्युत आवेश के मूल गुण क्या होते है

वैद्युत आवेश के मूल गुण – Vidyut Aavesh Ke Mool Gun: विद्युत आवेश के मुख्यतः तीन मूल गुण होते हैं | आवेश का बीजीय योग वैद्युत आवेश का क्वांटमीकरण आवेश का संरक्षण आवेश का बीजीय योग: किसी भी निकाय में कुल आवेश उसमें उपस्थित सभी आवेशो के बीजीय योग के बराबर होता है। उदाहरण: किसी

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प्रेरण द्वारा आवेशन कैसे होता है – Charging by Induction

प्रेरण द्वारा आवेशन – Charging by Induction ? किसी अनावेशित वस्तु से स्पर्श कराये बिना ही अनावेशित वस्तु को आवेशित करने की विधि को प्रेरण द्वारा आवेशन कहते है। प्रेरण द्वारा आवेशन विधि में अनावेशित वस्तु पर आवेशित वस्तु का विपरीत आवेश उत्पन्न होता है। प्रेरण द्वारा आवेशन को निम्न उदाहरण द्वारा स्पष्ट रूप रूप

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चालक तथा विद्युत रोधी क्या है- Conductor & insulator in Hindi

चालक तथा विद्युत रोधी की परिभाषा – Conductor & insulator in Hindi : जो पदार्थ आसानी से अपने में से होकर विद्युत को प्रवाहित होने देते हैं उन्हें चालक कहते हैं। जैसे:- धातुएँ, मानव तथा जंतु शरीर और पृथ्वी चालक हैं। काँच, पॉर्सेलेन, प्लास्टिक, नॉयलोन, लकड़ी जैसी अधिकांश अधातुएँ अपने से होकर प्रवाहित होने वाली

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