UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 1 पुनर्जागरण (अनुभाग – एक)

In this chapter, we provide UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 1 पुनर्जागरण (अनुभाग – एक) for Hindi medium students, Which will very helpful for every student in their exams. Students can download the latest UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 1 पुनर्जागरण (अनुभाग – एक) pdf, free UP Board Solutions Class 10 Social Science Chapter 1 पुनर्जागरण (अनुभाग – एक) book pdf download. Now you will get step by step solution to each question. Up board solutions कक्षा 10 विज्ञान पीडीऍफ़

UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 1 पुनर्जागरण (अनुभाग – एक)

विरतृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पुनर्जागरण से आप क्या समझते हैं ? यूरोप में पुनर्जागरण के क्या कारण थे ? [2012, 16]
       या
पुनर्जागरण का क्या अर्थ है ? पुनर्जागरण के कारण बताइट।
उत्तर :
पुनर्जागरण – यूरोप के निवासियों ने मध्यकाल की निर्जीव और मृतप्राय रोमन एवं यूनानी सभ्यता को पुनर्जीवित करने के जो प्रयास किये, उन्हें पुनर्जागरण (Renaissance) कहते हैं। ‘पुनर्जागरण’ शब्द का प्रयोग उन सभी बौद्धिक परिवर्तनों के लिए किया जाता है जो मध्य युग के अन्त में तथा आधुनिक युग के प्रारम्भ में हुए। इससे अज्ञानता और अन्धविश्वास की जंजीरों में जकड़े हुए मनुष्य को छुटकारा मिला और उसके जीवन में नये ज्ञान एवं नयी चेतना का उदय हुआ। इसीलिए ‘पुनर्जागरण’ को मध्यकालीन पुराने विचारों के विरुद्ध एक सांस्कृतिक एवं अहिंसक क्रान्ति की संज्ञा दी गयी। पुनर्जागरण के फलस्वरूप यूरोप में राज्य, राजनीति, धर्म, न्याय, साहित्य, दर्शन आदि के क्षेत्र में बहुत अधिक परिवर्तन तथा सुधार हुए।

यूरोप में पुनर्जागरण के कारण

यूरोप में पुनर्जागरण के लिए मुख्यतया निम्नलिखित कारण उत्तरदायी थे –

1. धर्म-युद्ध – नवीन ज्ञान का मार्ग दिखाने में मध्यकाल में लड़े गये धर्म-युद्धों ने विशेष भूमिका निभायी। ये धर्म-युद्ध तुर्को से येरुसलम को स्वतन्त्र कराने के लिए ईसाइयों ने लड़े। इन धर्म-युद्धों के कारण यूरोपवासी अन्य देशों की सभ्यता एवं संस्कृति के सम्पर्क में आये और उनमें नवीन विचारों का उदय हुआ।

2. इस्लाम धर्म का प्रचार – धर्म-युद्धों के कारण यूरोप के लोग मध्य-पूर्व की इस्लाम सभ्यता के सम्पर्क में आये। इससे यूरोपवासियों को अपने राजनीतिक एवं धार्मिक ढाँचे की कमियों की जानकारी हुई। उन्होंने अपने जर्जर धार्मिक, राजनीतिक तथा सामाजिक जीवन में समयानुकूल परिवर्तन करने आवश्यक समझे तथा अपनी प्राचीन सभ्यता-संस्कृति को पुनः स्थापित करने के लिए नये सिरे से प्रयास करने प्रारम्भ कर दिये।

3. कुस्तुनतुनिया पर तुर्को का अधिकार – सन् 1453 ई० में तुर्को ने कुस्तुनतुनिया पर अधिकार कर लिया। इससे यूरोप में पुनर्जागरण को बड़ा बल मिला। तुर्को के अत्याचार से डरकर बहुत सारे यूनानी- ईसाइयों ने यूरोप के भिन्न-भिन्न भागों में शरण ली। इन लोगों ने यूरोप में जगह-जगह यूनानी सभ्यता का प्रचार किया, जिसका लोगों पर अत्यधिक प्रभाव पड़ा। इस प्रभाव ने यूरोप में जागृति की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी।

4. नवीन धार्मिक मान्यताओं का विकास – यूरोप के लोगों में यह विश्वास उत्पन्न होने लगा कि स्वर्ग तथा नरक केवल रूढ़िवादी धर्म की कल्पनाएँ हैं। जीवन का सच्चा सुख तो केवल परिश्रम तथा । स्वावलम्बन से प्राप्त होता है। स्वर्ग कहीं नहीं, इसी धरती पर विद्यमान है। इन मानवतावादी विचारों के प्रादुर्भाव से यूरोप के निवासियों को अन्धविश्वासों से मुक्ति मिली और वे नये तार्किक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने लगे।

5. भौगोलिक खोजें – पुर्तगाल, स्पेन, फ्रांस, इटली, इंग्लैण्ड, हॉलैण्ड आदि देशों के नाविकों ने नये-नये सामुद्रिक मार्गों तथा नये-नये देशों की खोज की। यूरोप के लोगों ने इन देशों में अपने उपनिवेश स्थापित किये, जिससे यूरोप में साम्राज्यवाद के युग का आरम्भ हुआ। इन भौगोलिक खोजों से यूरोपवासी अनेक उन्नत व प्राचीन सभ्यताओं के सम्पर्क में आये, जिससे यूरोप में नवीन विचारों का उदय हुआ।

6. छापेखाने का आविष्कार – छापेखाने के आविष्कार से पुस्तकों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई, जिससे सामान्य जनता के लिए शिक्षा के द्वार खुल गये। शिक्षा के प्रसार से लोगों का ज्ञान बढ़ा तथा उनकी तर्क-शक्ति का विकास हुआ। फलस्वरूप यूरोप में नवीन विचारों का उदय हुआ।

7. आविष्कारों का प्रभाव – यूरोप में विभिन्न वैज्ञानिकों ने नये-नये आविष्कार किये। न्यूटन तथा गैलीलियो जैसे वैज्ञानिकों के आविष्कारों के फलस्वरूप विज्ञान के क्षेत्र में क्रान्ति आ गयी। विभिन्न आविष्कारों के कारण प्राचीन-निरर्थक मान्यताओं का लोप होने लगा और लोगों में नवीन वैज्ञानिक दृष्टिकोण जाग्रत हो गया।

8. भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में परिवर्तन – उन दिनों लैटिन सारे यूरोप की भाषा बनी हुई थी। इंग्लैण्ड के प्रसिद्ध साहित्यकार चासर ने ‘द कैण्टरबरी टेल्स’ पुस्तक की रचना करके आधुनिक अंग्रेजी साहित्य का मार्ग प्रशस्त किया। इटली के महान् कवि दान्ते ने इटली की भाषा में प्रसिद्ध ग्रन्थ ‘डिवाइन कॉमेडी’ की रचना की। इटली निवासी मैकियावली ने राज्य की नयी कल्पना प्रस्तुत की तथा जर्मन निवासी मार्टिन लूथर ने चर्च के विरुद्ध ग्रन्थ लिखे। इन विभिन्न कवियों तथा लेखकों की कृतियों ने यूरोप में पुनर्जागरण को अत्यधिक प्रोत्साहित किया।

9. नये नगरों की स्थापना – यूरोप के विभिन्न देशों में नये नगरों की स्थापना की गयी। आर्थिक और व्यापारिक दृष्टि से ये नगर सम्पन्न थे, जिस कारण इनमें विज्ञान, शिक्षा तथा कला का विकास हुआ। फलस्वरूप इन नगरों के निवासियों में नये ज्ञान तथा नवीन चेतना का उदय हुआ।

10. कलाओं का प्रभाव – चित्रकला, मूर्तिकला, संगीतकला तथा भवन निर्माण में अभूतपूर्व परिवर्तन हुए। इस युग के प्रमुख कलाकारों में राफेल, माइकल एंजेलो तथा लियोनार्दो-दा-विन्ची के नाम उल्लेखनीय हैं। इन कलाकारों ने अपनी कृतियों द्वारा यूरोप के लोगों को अत्यधिक प्रभावित किया।

प्रश्न 2.
पुनर्जागरण के क्या परिणाम हुए ? विस्तारपूर्वक लिखिए।
       या
पुनर्जागरण से प्राचीन प्रेरणाओं पर आधारित एक नया प्रयोग शुरू हुआ।” इस कथन की स्पष्ट व्याख्या कीजिए।
       या
पुनर्जागरण काल में आर्थिक दशा और व्यापार में क्या प्रगति हुई ?
       या
यूरोप में पुनर्जागरण के फलस्वरूप समाज, धर्म और राजनीति के क्षेत्र में क्या परिवर्तन हुए
       या
पुनर्जागरण के फलस्वरूप मानव-जीवन अथवा उसके क्रियाकलापों में क्या परिवर्तन आए ?
उत्तर :
पुनर्जागरण काल का एक प्रमुख परिणाम मध्यम वर्ग का उदय और उसकी शक्ति में हुई वृद्धि थी। पुनर्जागरण के फलस्वरूप तत्कालीन यूरोप की आर्थिक दशा, व्यापार, सामाजिक जीवन, धर्म, राजनीति आदि में निम्नलिखित परिवर्तन हुए –
1. आर्थिक दशा तथा विदेशी व्यापार में परिवर्तन – पुनर्जागरण के कारण यूरोपीय नाविकों ने
नये-नये देशों तथा समुद्री मार्गों की खोज की। समुद्री मार्गों का प्रयोग करने से विदेशी व्यापार में असाधारण वृद्धि हुई। यूरोप के राष्ट्रों ने खोजे गये नये-नये देशों में अपने उपनिवेश बसाये और उन्हें अपना व्यापारिक केन्द्र बनाया।उपनिवेशवाद के कारण साम्राज्यवाद और पूँजीवाद का जन्म हुआ तथा पूँजीवाद के कारण शोषण तथा वर्ग-संघर्ष का उदय हुआ।

2. सामाजिक जीवन में परिवर्तन – पुनर्जागरण के कारण यूरोप के लोगों के जीवन में व्यापक स्तर पर दूरगामी परिवर्तन हुए। पुनर्जागरण ने अन्धविश्वासों का अन्त करके यूरोपवासियों को व्यावहारिक तथा उपयोगी जीवन प्रदान किया। सामन्तवादी पद्धति का अन्त हो गया। यूरोपीय समाज ने मध्यकालीन युग से निकलकर आधुनिक युग में प्रवेश किया। मानवतावाद के जन्म के कारण समाज में नये मध्यम वर्ग का उदय हुआ। शिक्षा के प्रसार से समाज में नयी चेतना और जागृति आयी और लोग रूढ़िवाद को छोड़कर यथार्थवाद तथा भौतिकवाद की ओर झुकने लगे।

3. राजनीतिक परिवर्तन – धर्म-युद्धों में हार के कारण यूरोप के निरंकुश शासकों को अपनी परम्परागत युद्ध शैली बदलनी पड़ी। इसके फलस्वरूप यूरोप में मध्यकालीन सामन्तवाद धीरे-धीरे समाप्त होने लगा और राज्यों में राष्ट्रीय भावनाएँ पनपने लगीं। राज्य केन्द्रीय शक्ति के रूप में उभरने लगे। कालान्तर में प्रजातान्त्रिक शासन-प्रणाली का जन्म हुआ।

4. धार्मिक परिवर्तन – पुनर्जागरण के कारण यूरोप के धार्मिक जीवन में अत्यन्त महत्त्वपूर्ण परिवर्तन हुए। इस्लाम धर्म के बढ़ते प्रभाव से अपने धर्म तथा समाज की रक्षा के लिए यूरोप का सारा समाज एकजुट हो गया। यूरोप ने अपने सांस्कृतिक पुनरुत्थान के द्वारा अपने धर्म और समाज की रक्षा की। कैथोलिक धर्म की बुराइयों के विरोध में प्रोटेस्टेण्ट धर्म का अभ्युदय हुआ। यूरोप के अधिकांश देशों ने प्रोटेस्टेण्ट धर्म को अपनाना प्रारम्भ कर दिया। इरैस्मस, ज्विग्ली, मार्टिन लूथर, जॉन काल्विन जैसे समाज- सुधारकों ने धर्म को परिष्कृत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी।

5. भाषा और साहित्य में परिवर्तन – सन् 1465 ई० में जर्मनी में छापेखाने का आविष्कार हुआ। उसके बाद सन् 1476 में इंग्लैण्ड में छापाखाना खोला गया। इसके बाद छापेखानों में वृद्धि होती गयी, जिससे पुस्तकों की छपाई तेजी से होने लगी। इससे सामान्य जनता के लिए शिक्षा के द्वार खुल गये। पुनर्जागरण काल में लैटिन, फ्रेंच, अंग्रेजी आदि भाषाओं का पर्याप्त विकास हुआ। इटली, जर्मनी, इंग्लैण्ड, फ्रांस, हॉलैण्ड आदि देशों के कवियों तथा लेखकों ने अनेक प्रसिद्ध कृतियों की रचना की। विलियम शेक्सपियर ने मैकबेथ, हेमलेट, मर्चेण्ट ऑफ वेनिस, रोमियो-जूलियट तथा इरैस्मस ने इन द प्रेज़ ऑफ फॉली’ की रचना की।

6. राष्ट्रीयता का विकास – पुनर्जागरण के फलस्वरूप यूरोप में नये राज्यों के उत्कर्ष के साथ-साथ राष्ट्रीयता की भावना भी जाग्रत हुई। सामन्तवाद का अन्त हो जाने से जहाँ एक ओर शक्तिशाली राजसत्ता का उदय हुआ, वहीं दूसरी ओर जनता का महत्त्व भी बढ़ा।

7. कला का विकास – इटली का पुनर्जागरण प्रधानत: कला के क्षेत्र में हुआ। वहाँ चित्रकारी, शिल्प एवं स्थापत्य की बड़ी उन्नति हुई। पुनर्जागरण काल के चित्रकारों ने विषयों का चुनाव सीधे जीवन से किया। प्लास्टर और लकड़ी के पैनल के स्थान पर कैनवस का उपयोग शुरू हुआ। लियोनार्दो-दा-विन्ची, माइकल ऐन्जेलो, राफेल और टिशियान के चित्र आज तक अद्वितीय माने जाते हैं।

निष्कर्ष – स्पष्ट है कि पुनर्जागरण से प्राचीन प्रेरणाओं पर आधारित एक नया प्रयोग शुरू हुआ, जिसमें सामंजस्य एवं मौलिकता थी। मनुष्य के सामाजिक मूल्य की पुनर्प्रतिष्ठा शुरू हुई। वास्तव में पुनर्जागरण एक सन्धिकाल था जिसमें प्राचीन एवं आधुनिक काल दोनों की विशेषताएँ मौजूद थीं। भौगोलिक खोजों ने अमेरिका के रूप में नयी दुनिया का पता दिया। कैथोलिक चर्च का एकाधिकार टूटा। धार्मिक संकीर्णता की पकड़ से मानव मुक्त होने लगा। वैज्ञानिक जीवन दर्शन ने मनुष्य को निरन्तर प्रगति के पथ पर बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार मनुष्य के दृष्टिकोण में जो बदलाव आया वह राजनीति से बाजार, बाजार से व्यक्ति के जीवन में हर जगह दिखाई पड़ने लगा।

प्रश्न 3.
पुनर्जागरण के महत्त्व को बताइट।
उत्तर :
यूरोप के इतिहास में पुनर्जागरण के महत्त्व को निम्नवत् स्पष्ट किया जा सकता है

1. प्राचीन साहित्य का अध्ययन – पुनर्जागरण काल की सबसे महत्त्वपूर्ण घटना बौद्धिक क्रान्ति थी। जिसका मुख्य कारण प्राचीन साहित्य का अध्ययन था। यूरोपवासी 13वीं शताब्दी से ही रोम और यूनान की पुरानी संस्कृति को सम्मान की दृष्टि से देखने लगे थे। इन लोगों ने यूनानी भाषा का अध्ययन किया जिसके फलस्वरूप उन्हें एक नयी संस्कृति, नये विचार और जीवन के प्रति एक नया दृष्टिकोण मिला। प्राचीन यूनानी दर्शन और साहित्य के फलस्वरूप प्लेटो तथा अरस्तू जैसे महान् दार्शनिकों के साहित्य का अध्ययन किया जाने लगा।

2. आलोचनात्मक प्रवृत्तिका उदय – प्राचीन साहित्य के अध्ययन से यूरोपवासियों में आलोचनात्मक और अन्वेषणात्मक प्रवृत्ति उत्पन्न हुई। अब तक तो वे सत्ता की आज्ञा (राजाओं के आदेश) का पालन चुपचाप करते थे और उनके अत्याचारों को सहन करते थे लेकिन अब वह सत्ता की आज्ञाओं को तर्क की कसौटी पर परखने लगे थे। यूरोप की जनता ने आत्म-दमन के स्थान पर आत्म-गौरव और व्यक्तित्व की महत्ता को स्वीकार करना प्रारम्भ कर दिया।

3. बाइबिल का अन्य भाषाओं में अनुवाद – ईसा मसीह के विचारों को अच्छी तरह समझने के लिए बाइबिल का अन्य देशी भाषाओं में अनुवाद किया गया, जिससे बाइबिल की पहुँच आम जनता के दिलों तक पहुँच गयी। लोगों के हृदय में अपने-अपने राष्ट्र के प्रति अद्भुत प्रेम उत्पन्न होने लगा। परिणामस्वरूप अंग्रेज इंग्लैण्ड के विकास के लिए तथा फ्रांसीसी फ्रांस के विकास के लिए प्रयत्नशील होने लगे।

4. मानववाद का उदय – पुनर्जागरण काल में लोग प्राचीन साहित्य की ओर आकर्षित हुए तथा उसके आगे मध्यकालीन आत्मनिग्रह एवं वैराग्य के आदर्श फीके पड़ गये और मानववाद को प्रधानता दी जाने लगी। यूरोप के लोगों ने आत्मनिग्रह के स्थान पर आत्म-विकास, आत्म-विश्वास, आत्म-गौरव तथा मानव-जीवन के सुखों पर जोर देना प्रारम्भ कर दिया।

संक्षेप में कहा जा सकता है कि यूरोप में पुनर्जागरण काल एक नये युग की शुरुआत थी। जिसने समाज में व्याप्त समस्त बुराइयों तथा रूढ़ियों के विरुद्ध लोगों में आत्म-चेतना जाग्रत की और लोगों को सम्मानपूर्वक जीवन की एक नयी दिशा प्रप्त हुई।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
यूरोप में पुनर्जागरण सर्वप्रथम कहाँ, कब और क्यों आरम्भ हुआ? [2017]
       या
पुनर्जागरण सर्वप्रथम इटली में ही क्यों प्रारम्भ हुआ? (2016)
       या
यूरोप में पुनर्जागण सर्वप्रथम किस देश में हुआ? इसकी प्रगति के लिए उत्तरदायी कारणों में से किन्हीं दो का उल्लेख कीजिए। (2011, 16)
उत्तर :
यूरोप में पुनर्जागरण सर्वप्रथम इटली में आरम्भ हुआ। कुस्तुनतुनिया नगर पर तुर्को द्वारा अधिकार कर लिये जाने पर यूनान के विद्वान् धर्म तथा दर्शन की पुस्तकें लेकर इटली पहुँच गये। इटलीवासियों ने उनका हृदय से स्वागत किया। फलस्वरूप इटली में नवीन विचारों, भावनाओं तथा मान्यताओं का उदय होने से वहाँ पुनर्जागरण प्रारम्भ हुआ। पुनर्जागरण के सर्वप्रथम इटली में ही प्रारम्भ होने के उपर्युक्त कारण के अतिरिक्त और भी कई कारण थे; जैसे –

  1. इटली के अनेक नगर वाणिज्य तथा व्यापार के केन्द्र होने के कारण समृद्ध थे।
  2. इटली के नगर सामन्ती नियन्त्रण से मुक्त थे। इन नगरों के स्वतन्त्र व्यापार से पुनर्जागरण को प्रोत्साहन मिला।
  3. इन नगरों के शासक कला-प्रेमी थे। उन्होंने कुस्तुनतुनिया से आने वाले यूनानी विद्वानों का स्वागत किया।

प्रश्न 2.
पुनर्जागरण की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर :
पुनर्जागरण की विशेषताएँ – पुनर्जागरण की प्रमुख विशेषताएँ निम्नानुसार थीं –

  1. पुनर्जागरण ने धार्मिक विश्वास के स्थान पर स्वतन्त्र चिन्तन को महत्त्व देकर तर्क-शक्ति का विकास किया।
  2. पुनर्जागरण ने मनुष्य को अन्धविश्वासों, रूढ़ियों तथा चर्च के बन्धनों से छुटकारा दिलाया और उसके व्यक्तित्व का स्वतन्त्र रूप से विकास किया।
  3. पुनर्जागरण ने केवल मानववादी विचारधारा का विकास किया व मानव-जीवन को सार्थक बनाने की शिक्षा दी।
  4. पुनर्जागरण ने केवल यूनानी और लैटिन भाषाओं के ग्रन्थों को ही नहीं वरन् देशज भाषाओं के साहित्य के विकास को भी प्रोत्साहन दिया।
  5. चित्रकला के क्षेत्र में पुनर्जागरण ने यथार्थ चित्रण को प्रोत्साहन दिया।
  6. विज्ञान के क्षेत्र में पुनर्जागरण ने निरीक्षण, अन्वेषण, जाँच तथा परीक्षण को महत्त्व दिया।

प्रश्न 3.
पुनर्जागरण के प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
पुनर्जागरण एक ऐसा आन्दोलन था जिसने एक नये युग का सूत्रपात किया। इससे लोगों के दृष्टिकोण में निम्नलिखित परिवर्तन आये –

  1. तार्किकता – यूनानी तथा रोमन संस्कृति के प्रभाव से ईसाई जगत् में भी वैज्ञानिक व तार्किक दृष्टिकोण तथा वैज्ञानिक खोज की चेतना का प्रादुर्भाव हुआ। लोग अन्धविश्वासों से मुक्त होने लगे।
  2. मानवतावाद – विद्वान्, दार्शनिक, कलाकार आदि सभी मानवतावाद में रुचि लेने लगे। दिव्यता की अपेक्षा मानव के सम्मान के प्रति सभी की रुचि जाग्रत हुई।
  3. शिक्षा का प्रसार – कला, विज्ञान, साहित्य सभी का एक ही लक्ष्य था—जीवन की सत्यता का ज्ञान।
  4. खोज तथा आविष्कार – महान् नाविकों की समुद्री यात्राओं तथा खोज-यात्राओं ने नये तथा अज्ञात देशों की जानकारी दी।
  5. ईसाई धर्म का विभाजन – सुधार आन्दोलनों ने ईसाई धर्म को दो सम्प्रदायों-रोमन कैथोलिक तथा प्रोटेस्टेण्ट में बाँट दिया।
  6. राष्ट्र-राज्यों का उदय – राष्ट्र-राज्यों के उदय से सामन्ती लॉड तथा पोप का राजनीति में हस्तक्षेप बन्द हो गया।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित का संक्षिप्त परिचय दीजिए (क) गैलीलियो, (ख) टॉमस मूर, (ग) रोज़र बेकन, (घ) लियोनार्दो-दा-विन्ची।
उत्तर :

(क) गैलीलियो – गैलीलियो इटली का वैज्ञानिक था। इसने दूरबीन अथवा दूरदर्शक यन्त्र बनाकर खगोलशास्त्र के अनेक तथ्यों के बारे में पता लगाया तथा डायनेमिक्स (गति विज्ञान) के अध्ययन की नींव भी डाली। गैलीलियो एक ज्योतिषी ही नहीं, वरन् एक महान् वैज्ञानिक भी था। इसने थर्मामीटर का भी आविष्कार किया।

(ख) टॉमस मूर – टॉमस मूर पुनर्जागरण काल का इंग्लैण्ड का एक प्रसिद्ध साहित्यकार था। उसने अपनी साहित्यिक रचना ‘यूटोपिया’ में समकालीन समाज का व्यंग्यात्मक चित्रण किया है।

(ग) रोजर बेकन – रोज़र बेकन (सन् 1214-95 ई०) इंग्लैण्ड के महान् वैज्ञानिक थे। इन्होंने तर्कवाद के आधार पर सत्य और धर्म की विवेचना करने पर जोर दिया। रोज़र बेकन ने भूगोल, खगोल, गणित, विज्ञान आदि के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किये। इस महान् साहित्यकार ने अनेक विषयों पर विद्वत्तापूर्ण निबन्ध लिखे। बेकन ने यूरोपवासियों में शिक्षा एवं अध्ययन के प्रति रुचि जाग्रत की।

(घ) लियोनार्दो-दा-विन्ची – यह पुनर्जागरण काल को इटली का एक महान् चित्रकार था। इसके चित्र ‘द लास्ट सपर’ तथा ‘मोनालिसा’ लोगों को आज भी आश्चर्यचकित कर देते हैं। वास्तव में लियोनादों सर्वतोमुखी प्रतिभा का स्वामी था। वह कवि, गायक, चित्रकार, मूर्तिकार, दार्शनिक, वैज्ञानिक और इन्जीनियर सभी कुछ था।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पुनर्जागरण का क्या अभिप्राय है ? [2016]
उत्तर :
पुनर्जागरण का अभिप्राय है-पुनर्जन्म या अन्धकार से निकलकर ज्ञान का पुन: प्रसार।

प्रश्न 2.
पुनर्जागरण काल कब आरम्भ हुआ था ?
उत्तर :
पुनर्जागरण काल लगभग 1300 ई० में आरम्भ हुआ था।

प्रश्न 3.
यूरोप में पुनर्जागरण के कोई दो प्रमुख कारण लिखिए। [2012]
उत्तर :
यूरोप में पुनर्जागरण के दो प्रमुख कारण निम्नलिखित थे

  • भौगोलिक खोजें तथा
  • वैज्ञानिक आविष्कार।

प्रश्न 4.
पुनर्जागरण के दो परिणाम लिखिए।
उत्तर :
पुनर्जागरण काल के दो परिणाम निम्नलिखित हैं

  • राजनीतिक परिवर्तन तथा
  • भाषा और साहित्य में परिवर्तन।

प्रश्न 5.
यूनानी विद्वान् इटली क्यों गये ?
उत्तर :
तुर्को द्वारा कुस्तुनतुनिया पर अधिकार कर लेने के बाद यूनानी विद्वानों ने इटली में जाकर शरण ली। इटली के शासकों ने यूनानी विद्वानों, कलाकारों तथा साहित्यकारों का हृदय से स्वागत किया और उन्हें शरण तथा संरक्षण प्रदान किया।

प्रश्न 6.
छापाखाने (प्रिण्टिग प्रेस) का आविष्कार किसने किया ?
उत्तर :
छापाखाने (प्रिण्टिग प्रेस) का आविष्कार जर्मनी के एक प्रसिद्ध आविष्कारक गुटेनबर्ग ने सन् 1465 ई० में किया।

प्रश्न 7.
छापाखाने के आविष्कार से पड़ने वाले दो प्रभावों को लिखिए।
उत्तर :
छापाखाने के आविष्कार से निम्नलिखित दो प्रभाव पड़े

  • छापाखाने के आविष्कार से पुस्तकों की संख्या में वृद्धि हुई।
  • कम कीमत में आसानी से पुस्तकें उपलब्ध होने लगीं।

प्रश्न 8.
गैलीलियो और न्यूटन किस देश के निवासी थे? विज्ञान के क्षेत्र में उनका क्या योगदान था? (2012)
उत्तर :
गैलीलियो इटली का निवासी था और उसने दूरबीन का आविष्कार किया था। न्यूटन जर्मनी का निवासी था और उसने ‘गुरुत्वाकर्षण के सिद्धान्त’ की खोज की थी।

प्रश्न 9.
माइकल एंजेलो कौन था? उसकी एक कृति का नाम लिखिए। [2011]
उत्तर :
माइकल एंजेलो एक चित्रकार था। उसकी प्रसिद्ध कृति ‘द फाल ऑफ मैन’ है।

प्रश्न 10.
दान्ते कौन था ? [2011,14]
उत्तर :
दान्ते इटली के एक महान् कवि थे। इन्होंने इटली की भाषा में प्रसिद्ध ग्रन्थ ‘डिवाइन कॉमेडी की रचना की।

प्रश्न 11.
‘द प्रिन्स’ किसकी कृति है ? [2012]
उत्तर :
‘द प्रिन्स’ फ्लोरेन्स के एक प्रसिद्ध इतिहासकार और महान् दार्शनिक ‘मैकियावली’ की कृति

प्रश्न 12.
पुनर्जागरण काल के पश्चिमी यूरोप के दो वैज्ञानिकों के नाम लिखिए। [2014]
उत्तर :

  • गैलीलियो – इटली
  • न्यूटन – जर्मनी

प्रश्न 13.
‘कुस्तुनतुनिया पर तुर्की का अधिकार हो जाने से यूरोपीय देशों को किस प्रकार की कठिनाई का सामना करना पड़ा? भारत में यूरोपीय राष्ट्रों ने किस मार्ग से प्रवेश किया? [2015]
उत्तर :
कुस्तुनतुनिया पर तुर्को का अधिकार हो जाने से इन्होंने ईसाइयों पर अत्याचार करना प्रारम्भ कर दिया। भारत में यूरोपीय राष्ट्रों ने समुद्री मार्ग से प्रवेश किया।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. तुर्को ने कुस्तुनतुनिया पर कब आक्रमण किया?

(क) 1453 ई० में
(ख) 1435 ई० में
(ग) 1485 ई० में
(घ) 1688 ई० में

2. यूरोप में पुनर्जागरण सर्वप्रथम किस देश में हुआ?

(क) इटली में
(ख) फ्रांस में
(ग) ब्रिटेन में
(घ) स्पेन में

3. पुनर्जागरण का सर्वाधिक प्रभाव पड़ा

(क) स्थापत्य कला पर
(ख) नृत्य कला पर
(ग) चित्रकला पर
(घ) संगीत कला पर

4. राफेल कौन था? (2011, 13, 18)

(क) चित्रकार
(ख) वैज्ञानिक
(ग) लेखक
(घ) कवि

5. मोनालिसा का चित्रकार था (2018)

(क) माइकल एंजेलो
(ख) राफेल
(ग) जाफरे चासर
(घ) लियोनार्दो-दा-विन्ची

6. गुरुत्वाकर्षण के सिद्धान्त की व्याख्या की
या
‘गुरुत्वाकर्षण’ के सिद्धान्त का प्रतिपादक कौन था ? (2013)

(क) गैलीलियो ने
(ख) कॉपरनिकस ने
(ग) न्यूटन ने
(घ) रॉबर्ट बॉयल ने

7. पुनर्जागरण के प्रवर्तक के रूप में कौन जाने जाते हैं? (2012)

(क) पेट्रार्क
(ख) दान्ते
(ग) इरास्मस
(घ) टॉमस मूर

8. शेक्सपियर किस देश का नागरिक था ? (2012)

(क) इंग्लैण्ड
(ख) अमेरिका
(ग) फ्रांस
(घ) आयरलैण्ड

9. टॉमस मूर ने कौन-सी पुस्तक लिखी ? (2011, 12, 13)
या
टॉमस मूर रचयिता था (2015)

(क) यूटोपिया
(ख) मोनालिसा
(ग) हेमलेट
(घ) द प्रिन्स

10. जूलियस सीजर के रचनाकार थे (2012)

(क) दान्ते
(ख) शेक्सपियर
(ग) टॉमस मूर
(घ) मैकियावेली

11. “पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है।” यह कथन था (2011)

(क) पेट्रार्क का
(ख) न्यूटन की
(ग) गैलीलियो का
(घ) कॉपरनिकस का

12. दूरबीन ( टेलीस्कोप) को आविष्कार किसने किया? (2011, 12, 14, 16, 18)

(क) गैलीलियो ने
(ख) आर्किमिडीज ने।
(ग) न्यूटन ने
(घ) विलियम हार्वे ने

13. मैकियावेली द्वारा लिखित पुस्तक का नाम क्या था ?(2012, 13, 14, 16)

(क) डिवाइन कॉमेडी
(ख) यूटोपिया
(ग) द प्रिन्स
(घ) डेकामेरॉन

14. माइकल एंजेलो था एक – (2014)

(क) चित्रकार
(ख) मूर्तिकार
(ग) दार्शनिक
(घ) कवि

15. यूटोपिया के रचनाकार थे (2014)

(क) कार्ल मार्क्स
(ख) मैकियावेली
(ग) टॉमस मूर शेक्सपियर

16. लियोनार्दो-दा-विन्ची था एक (2014)

(क) चित्रकार
(ख) मूर्तिकार
(ग) लेखक
(घ) दार्शनिक

17. किस देश में पुनर्जागरण सर्वप्रथम प्रारम्भ हुआ? (2015)

(क) जर्मनी
(ख) इंग्लैण्ड
(घ) फ्रांस

18. लेवियाथन’ के लेखक का नाम है (2017)

(क) प्लेटो
(ख) हॉब्स
(ग) लॉक
(घ) मॉण्टेस्क्यू

19. टॉमस मूर था एक महान (2017)

(क) वैज्ञानिक
(ख) मूर्तिकार
(ग) चित्रकार
(घ) लेखक

उत्तरमाला

UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 1 (Section 1) 1
UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 1 (Section 1) 1

All Chapter UP Board Solutions For Class 10 Science Hindi Medium

—————————————————————————–

All Subject UP Board Solutions For Class 10 Hindi Medium

*************************************************

I think you got complete solutions for this chapter. If You have any queries regarding this chapter, please comment on the below section our subject teacher will answer you. We tried our best to give complete solutions so you got good marks in your exam.

यदि यह UP Board solutions से आपको सहायता मिली है, तो आप अपने दोस्तों को upboardsolutionsfor.com वेबसाइट साझा कर सकते हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top