UP Board Solutions for Class 7 Civics Chapter 4 न्यायपालिका – कानून का पालन करना

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न्यायपालिका – कानून का पालन करना

अभ्यास

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) एफ.आई.आर. कहाँ और कब दर्ज किया जाता है ?
उत्तर
एफ०आई०आर० (फर्स्ट इनफॉरमेशन रिपोर्ट) घटना होने पर थाने में दारोगा द्वारा दर्ज की जाती है। इसमें अपराध का ब्यौरा, अपराधी का नाम, जगह का नाम व अपराध का समय होना जरूरी होता है। गवाहों के नाम भी एफ०आई०आर० में दिए जाते हैं।

(ख) गिरफ्तारी और सज़ा में क्या अन्तर है ?
उत्तर
अपराध करने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी होती है। सजा न्यायालय द्वारा होती है।

(ग) जमानत किस प्रकार दी जाती है ?
उत्तर
न्यायालय में हाजिर होने की जिम्मेदारी लेने वाले को जमानती कहते हैं। जमीन जायदाद वाला आदमी किसी गिरफ्तार व्यक्ति की जमानत दे सकता है और अदालत द्वारा उस व्यक्ति को बुलाने की जिम्मेदारी लेता है। गिरफ्तार व्यक्ति को घर जाने दिया जाता है। जमानत पर छूटे व्यक्ति को नियत तारीख को न्यायालय में पेश होना पड़ता है।

(घ) फौजदारी और दीवानी मामलों में क्या अन्तर है ?
उत्तर
जब जमीन-जायदाद के झगड़े, रुपये-पैसे के लेन-देन या व्यापार के झगड़े होते हैं तो दीवानी मुकदमे कहलाते हैं। इनमें सजा नहीं होती वरन् नुकसान का मुआवजा या सम्पत्ति लौटाई जाती है।

मारपीट और लड़ाई-झगड़े के मामले फौजदारी मुकदमे कहलाते हैं, जिनमें फाँसी, आजीवन कारावास या कुछ सालों की सजा सुनाई जाती है।

(ङ) हमारे लिए न्यायपालिका क्यों महत्त्वपूर्ण है ?
उत्तर
हमें किसी भी मामले में न्याय न्यायपालिका के द्वारा ही प्रदान किया जाता है। इसलिए हमारे लिए न्यायपालिका महत्त्वपूर्ण है।

(च) न्यायपालिका की संरचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर
भारत में न्यायपालिका का बड़ा महत्व है। यह कार्यपालिका तथा व्यवस्थापिका से बिल्कुल अलग है तथा स्वतंत्र रूप से कार्य करती है। भारत में नीचे से लेकर ऊपर तक सभी न्यायालय एक ही व्यवस्था में संगठित हैं। जिला न्यायालय, उसके ऊपर राज्यों के उच्च न्यायालय तथा सबसे ऊपर भारत का उच्चतम (सर्वोच्च) न्यायालय होता है।

(छ) लोक अदालत में किस प्रकार के मुकदमे सुलझाए जाते हैं ?
उत्तर
लोक अदालतों में वाहन दुर्घटना, पेंशन संबंधी मुकदमे, भूमि अधिग्रहण संबंधी मुकदमे, विवाह/पारिवारिक मुकदमे तथा उपभोक्ता आदि से संबंधित मुकदमे सुलझाए जाते हैं।

(ज) उपभोक्ता अदालत किसे कहते हैं ?
उत्तर
जिस अदालत में उपभोक्ताओं से संबंधित मामले सुलझाए जाते हैं, उसे उपभोक्ता अदालत कहते हैं; जैसे-जब कोई व्यक्ति सामान बेचते समय ग्राहक को ऐसी वस्तु बेचता है जिसकी गुणवत्ता में किसी प्रकार की कमी हो या उसे वस्तु के दाम में हेर-फेर किया गया हो तो इससे उपभोक्ता (ग्राहक) के अधिकार का हनन होता है। ऐसी परिस्थिति से उपभोक्ताओं के संरक्षण के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1980 का गठन किया गया है। उपभोक्ता अदालत में ग्राहक की शिकायत सही होने पर ग्राहक/उपभोक्ता अपने साथ हुई परेशानी के लिए दुकानदारे या कंपनी पर मुआवजे का दावा कर सकता है। ऐसी स्थिति में अदालत द्वारा लगाए जुर्माने का भुगतान दुकानदार को करना पड़ता है।

(झ) परिवार न्यायालय की स्थापना क्यों की गई ?
उत्तर
देश में बढ़ते विवाह यो दहेज़ संबंधी मामले तथा नाबालिग बच्चों से संबंधित मामलों को सुलझाने के लिए परिवार न्यायालय की स्थापना की गई।

(ज) जनहित याचिका से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर
न्याय पाने की प्रक्रिया में काफी पैसा और कागजी कार्यवाही की जरूरत पड़ती है तथा समय भी बहुत लगता है जिसके कारण बहुत लोग न्याय के लिए आवाज नहीं उठा पाते। इसी बाते को ध्यान में रखते हुए 1980 के दशक में सर्वोच्च न्यायालय ने जनहित याचिका (PIL) की व्यवस्था लागू की। इसके अंतर्गत यदि किसी व्यक्ति (व्यक्तियों के समूह) के अधिकारों का हनन हो तो कोई अन्य व्यक्ति या संस्था उसके हित के लिए उच्च न्यायालय या सीधे सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमा दर्ज करा सकता है। इस प्रकार की याचिका पोस्टकार्ड पर साधारण आवेदन पत्र लिखकर भी की जा सकती है। इसके अंतर्गत कमजोर वर्ग के लोगों, बंधुओं मजदूरों, स्त्रियों और बच्चों की शिकायतों को समुचित महत्त्व दिया गया है।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (भरकर)-
उत्तर
(क) सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु तक ही कार्य कर सकता है।
(ख) जिला न्यायाधीश की नियुक्ति उसे राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाती है।
(ग) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत हर भारतीय उपभोक्ता को संरक्षण दिया जाता है।
(घ) मारपीट के मामले फौजदारी मुकदमे कहलाते हैं।

प्रश्न 3.
सही मिलान करिए-
उत्तर
UP Board Solutions for Class 7 Civics Chapter 4 न्यायपालिका - कानून का पालन करना 1

प्रोजेक्ट कार्य – नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
समूह गतिविधि – नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

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